फैसले में स्थानीय निवासियों की राय न लेना विधायक का सत्ता अहंकार कहा – नगर परिषद बनने पर नए जुड़ने वालों गांवों में विकास कार्य थम जायेंगें पटौदी ,1/9/2021 : प्रदेश की पटौदी विधानसभा में पड़ने वाली दो नगर पालिकाओं हेली मंडी व पटौदी को मिला कर नगर परिषद बनाना स्थानीय विधायक का ड्रीम प्रोजेक्ट है। बीजेपी विधायक सत्यप्रकाश जरावता का मानना है कि इससे इस क्षेत्र में विकास कार्यों की नदी बहेगी, जबकि कॉन्ग्रेस नेत्री व महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव सुनीता वर्मा ने इस बारे कहा कि यदि ऐसा हुआ तो यहां विकास की नदी नही बल्कि इसमें से भ्रष्टाचार की गंगौत्री निकलेगी। वर्मा ने प्रेस के नाम विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि इस नगर परिषद को बनाने का फैसला स्थानीय जनता व नए जुड़ने वाले गांवों के लोगों की सहमति व असहमति पर छोड़ देना चाहिए क्योंकि लोकतंत्रीय शासन व्यवस्था में जनता जनार्दन होती है, और पूरा संघीय ढांचा जनता के हितों के लिए काम करता है इसलिए सरकार को चाहिए कि वो यहां के लोगों की जरूरत व पसन्द को समझ कर ही इस बारे फैसला ले, लोगों की सोच की अनदेखी न करे और इसके लिए व्यापक स्तर पर रायशुमारी करके जनता की भावनाओं की कद्र करे। कॉंग्रेस नेत्री सुनीता वर्मा ने कहा कि इस नगरपरिषद के बनने पर स्थानीय निवासियों को फायदा कम और नुकसान ज्यादा होगा, उनकी ये अल्प समय की ही खुशियां है…जब धीरे – धीरे इसके नुकसान सामने आएंगे तब पता चलेगा कि इस नगर परिषद के अच्छे दिनों के नाम पर उनसे कितना बड़ा छल किया गया है। वास्तव में स्थानीय विधायक चर्चाओं में बने रहने और सस्ती लोकप्रियता पाने के चक्कर मे नगरपरिषद के नाम पर विकास कार्यों की बलि चढ़ा रहे हैं। महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा कि पटौदी व हेलीमंडी नगरपालिकाएं किस कदर भ्रष्टाचार का मुख्य अड्डा बनी हुई हैं ये स्थानीय लोगों से छुपी हुई बात नही है, हर रोज नया घोटाला यहां की फाइलों से निकल कर आता है और यदि इन दोनों नगरपालिकाओं में हुए कार्यों की फाइलों की जांच स्वयं जिला उपायुक्त महोदय करें तो भ्रष्टाचार व गोलमाल का एक नया इतिहास निकलेगा यहां से। उन्होंने कहा कि जब यहां की बेलगाम नगर पालिकाओं का ये हाल है तो नगरपरिषद बनाने में लिया गया जल्दबाजी का ये फैसला कितना घातक होगा ये सहज ही समझा जा सकता है। कॉन्ग्रेस नेत्री ने कहा कि इस नगरपरिषद में शामिल किए जाने वाले इन साथ लगते गांवों को इससे ज्यादा नुकसान होगा। क्योंकि भविष्य में उन्हें हर छोटे बड़े विकास कार्यों के लिए नगरपरिषद चेयरमेन के रहमो कर्म पर निर्भर रहना होगा। गांवों में जो पंचायत चुनी जाती थी वो सिस्टम खत्म हो जाएगा, जो पंचायतें गांवों का विकास करवा रही थी वो थम जाएगा क्योंकि वो गांव अब नगरपरिषद के मुखिया की दया पर आश्रित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वैसे भी पूरी नगर परिषद का ध्यान शहरी क्षेत्र पर रहेगा और ये गांव उपेक्षा व बदहाली का शिकार हो जाएंगे। महिला कांग्रेस प्रदेश महासचिव वर्मा ने कहा कि नगर परिषद विकसित करने का सीएम व विधायक का फैसला तभी अच्छा साबित होगा जब यहां विकास कार्य कराए जाएंगे और बुनियादी सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि अब दो नगर पालिकाएं काम कर रही हैं उनके छोटे कार्यक्षेत्र को देखते हुए विकास कराने के बेहतर व मजबूत विकल्प हैं लेकिन यहां की बदहाल स्थिति की मुख्य वजह फाइलों में दबा भ्रष्टाचार है। अगर विधायक अपना ध्यान यहां से भ्रष्टाचार को मिटाने में लगाये तो शायद काया पलट हो सकती है क्षेत्र की, लेकिन इनकी ऐसी मंशा नही है। वर्मा ने कहा कि यहां की बदहाल सड़कें, नारकीय सीवरेज व्यवस्था, चहुंओर गंदगी का साम्राज्य, पानी निकासी की दयनीय स्थिति, दूषित पेयजल व दुर्घटनाओं को निमंत्रण देते बिजली की तारों के जाल, स्थानीय लोगों की शामत बनता भयंकर ट्रफिक जाम, टूटी व गड्ढे वाली रहम की मोहताज यहां की गलियां, ये सभी समस्याएं यहां फैले भ्रष्टाचार व बीजेपी नेताओं की अकर्मण्यता की चीख चीख कर पोल खोल रही हैं, किन्तु अफसोस ये है कि स्थानीय नेता उन समस्याओं को दूर करने की बजाए इस नरक में नजदीकी गांवों को भी धकेल रहे हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री ने कहा कि जो तत्परता नगरपालिकाओं को तोड़ कर नगर परिषद बनाने में दिखाई जा रही है वो तत्परता क्षेत्र में बढ़ती लूट, हत्या व अपराध की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए दिखाई जाए तो ज्यादा बेहतर रहे। Post navigation सौतेला पिता बना हैवान, 2 वर्ष की मासूम से दुष्कर्म दो वर्षीय मासूम बच्ची से बलात्कार का आरोपी सौतेला पिता गिरफ्तार