सरकार जुमलेबाजी व मीडिया कुप्रचार से लोगों को मुंगेरीलाल के हसीने सपनों में उलझाकर आमजनों की जेब काटकर चंद पूंजीपतियों की तिजौरियां भर रही : विद्रोही 1 सितम्बर 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा के तमाम जिम्मेदार राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ताओं व नागरिकों से अपील की कि यदि वे आमजनों के अभिव्यक्ति, विरोध के अधिकार व लोकतंत्र व संविधान को बचाकर भावी पीढियों को संघी फासीजम का शिकार होने से बचाना चाहते है तो आपसी मतभेदों को भूलाकर भाजपा-संघी सरकार का एकजुटता से विरोध करे। विद्रोही ने कहा कि जब देश, प्रदेश में लोकतंत्र व संविधान के नाम पर संघी फासीजम थोप दिया जायेगा तब हम सभी मनुवादी संघी हिन्दुत्व के गुलाम व कठपुतली बनकर रह जाएंगे। हमारे पुरखों ने हजारों वर्ष लड़ाई लडकर मनुवादी व्यवस्था से छुटकारा पाकर समानता से आगे बढऩे व स्वाभिमान से जीने का जो हक हमे दिया है, वह अब खतरे में है। बेशक हरियाणा व देश में जनता के द्वारा चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकारे है, पर उनका आचरण न तो लोकतांत्रिक है और न ही संविधान के अनुरूप है। विद्रोही ने कहा कि मोदी-भाजपा की केन्द्रीय सरकार व हरियाणा की भाजपा खट्टर सरकार अपनी असफलताओं, जनविरोधी नीतियों व लोकतंत्र के नाम पर थोपे जा रहे फासीजम से ध्यान हटाने के लिए असली व जमीन से जुड़े मुद्दों से आम नागरिकों को भटकाकर काल्पनिक व साम्प्रदायिक धु्रवीकरण के अर्थहीन मुद्दों को खडा करके सत्ता दुरूपयोग से आमजनों को ठग रही है। संघी सरकार किसान, मजदूरों, पिछड़े, दलितों, आदिवासियों, गरीबों व महिलाओं को दबाने व कुचलने का कोई मौका नही चूकती है। विद्रोही ने कहा कि सरकार जुमलेबाजी व मीडिया कुप्रचार से लोगों को मुंगेरीलाल के हसीने सपनों में उलझाकर आमजनों की जेब काटकर चंद पूंजीपतियों की तिजौरियां भर रही है। वहीं सरकारी सम्पत्तियों-संस्थानों को बेचकर सबकुछ चंद पंूजीपतियों के हवाले करके युवाओं का आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक भविष्य पूंजीपतियों के रहमो-करम पर छोडने की नीतियों पर सुनियोजित ढंग से काम रही है। इससे ना केवल बेरोजगारी बढेगी अपितु लगे लगाये रोजगार भी छीनेंगे और युवा उच्च स्तरीय शिक्षा से भी वंचित हो जायेगा। विद्रोही ने कहा कि आज किसानों पर जो संकट के बादल मंडरा रहे है व संघी सरकार जिस तरह आवाज उठाने पर किसानों का सत्ता बल पर पुलिस लाठियों से दमन कर रही है, उसे समझकर हमे नही भूलना चाहिए कि अपने हकों की आवाज उठाने वालेे नागरिक, वर्गो, संगठनों के साथ भी भविष्य में सरकार ऐसा ही सलूक करेगी। यदि आज हमने संघी फासीजम का कडा विरोध नही किया तो उसकी बहुत बड़ी कीमत देश के लोकतंत्र व आने वाली पीढियों को चुकानी होगी। Post navigation जेजेपी के संगठन में विस्तार, एससी सेल में 48 पदाधिकारी बनाए तुम्हारी दुआओं से ही मैं जिंदा हूँ , मैं तो एक छोटा सा परिंदा हूँ ! अस्पताल से लौटकर बोले अनिल विज