-विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से महिलाओं व बच्चों को पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेने के लिए किया जाएगा प्रेरित।

गुरूग्राम, 31 अगस्त। जिला में 1 सिंतबर से शुरू होने वाले राष्ट्रीय पोषण माह की तैयारियों को लेकर आज गुरूग्राम के अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा की अध्यक्षता में संबंधित अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में सितंबर माह के दौरान जिला में महिलाओं व बच्चों को संतुलित पोषाहार के लिए प्रेरित करने को लेकर आयोजित होने वाली गतिविधियों पर विस्तार से चर्चा की गई।

महिला एवं बाल विकास विभाग गुरूग्राम के तत्वाधान में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय पोषण माह को लेकर एक्टिविटी कलैण्डर तैयार किया गया है। इस दौरान विभाग द्वारा महिलाओं व बच्चों को संतुलित आहार लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा ताकि वे स्वस्थ रह सकें। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त द्वारा पोषण माह के सफल आयोजन को लेकर विभिन्न विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई।

अतिरिक्त उपायुक्त ने संबंधित विभागों को निर्देश देते हुए कहा कि वे सप्ताह में कम से कम एक बार कुपोषण से बचाव को लेकर विशेषज्ञों द्वारा एक वेबिनार का आयोजन करवाएं। इस दौरान विशेषकर बच्चों से पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेने संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी सांझा की जाए। उन्होंने कहा कि यदि बच्चे संतुलित पोषाहार लेने के प्रति जागरूक होंगे तो निश्चित तौर पर ही वे इसकी जानकारी अपने परिवार में सांझा करेंगे जिससे परिवार के अन्य सदस्य भी प्रेरित होंगे। बैठक में स्वास्थ्य विभाग से उप सिविल सर्जन डा. ईशा नारंग ने भी बच्चों के सही पोषण व उन्हें एनीमिया मुक्त गतिविधियों को लेकर अतिरिक्त उपायुक्त को सुझाव दिए। इसके अलावा, जिला के स्वास्थ्य केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान करवाने वाली महिलाओं का भी स्वास्थ्य की देखभाल रखने संबंधी मार्गदर्शन किया जाएगा। उप सिविल सर्जन ने बताया कि विभाग द्वारा सितंबर माह के मध्य में डी-वार्मिंग डे के तहत बच्चों के पेट के कीड़े मारने के लिए एलबेंडाजोल टैबलेट दी जाएंगी।

महिला एवं बाल विकास विभाग गुरूग्राम की सीडीपीओ नेहा ने बताया कि राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करवाने वाली माताओं के लिए भोजन को सही तरीके से पकाने व खाने के बारे में जानकारी दी जाएगी। कुपोषण के खिलाफ अभियान में सभी की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी । इस दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का विशेष रूप से ध्यान रखा जाएगा।

बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय पोषण माह के प्रथम सप्ताह के दौरान कुपोषण से बचाव, स्वच्छता , पौधारोपण, बच्चों की ग्रोथ मॉनीटरिंग, महिला गोष्ठी, मैडिकल प्लांट के प्रमोशन आदि सहित कई अन्य गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इस दौरान महिलाओं व बच्चों को ‘पोषण शपथ‘ भी दिलवाई जाएगी। महिलाओं व बच्चों को संतुलित व पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेने के लिए प्रेरित करने के साथ साथ उन्हें डाईट चार्ट के बारे में बताया जाएगा।

इसी प्रकार, राष्ट्रीय पोषण माह के दूसरे सप्ताह नुक्कड़ नाटक आदि के माध्यम से लोगों को पौष्टिक आहार लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके साथ ही ग्रामीण व खंड स्तर पर सेमिनार आदि के माध्यम से महिलाओं को किचन गार्डन के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके अलावा, क्विज कॉम्पीटिशन, जागरूकता रैलियांे, प्रभात फेरियों, चित्रकारी लेखन प्रतियोगिता सहित सोशन मीडिया के माध्यम से लोगों को पोषाहार के लिए प्रेरित किया जाएगा। आंगनवाड़ी वर्करों द्वारा डोर टू डोर विजिट करते हुए महिलाओं में स्तनपान करवाने सहित शिशुओं की बेहतर देखभाल करने संबंधी उपाय बताए जाएंगे।

राष्ट्रीय पोषण माह के तीसरे सप्ताह में पोषण संबंधी विभिन्न विषयों पर विद्यालयों में प्रतियोगिताएं आयोजित करवाई जाएंगी। इसके साथ ही आयुष विभाग द्वारा मैडिसिनल प्लांट आदि संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा, विभाग द्वारा बेहतर स्वास्थ्य को लेकर योग शिविर आयोजित करवाए जाएंगे। इस दौरान गर्भवती महिलाओं से संपर्क करते हुए उन्हें स्वास्थ्य लाभ संबंधी जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही स्वच्छता अभियान भी चलाया जाएगा।

चौथे व अंतिम सप्ताह में कुपोषित बच्चों व महिलाओं के निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किए जाएंगे। इस सप्ताह के दौरान उन्हें अनीमिया से बचाव संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी। इस दौरान पोषण पंचायत भी आयोजित की जाएंगी।

इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की सीडीपीओ नेहा, जिला शिक्षा अधिकारी इंदु बोकन, उप सिविल सर्जन डा. ईशा नारंग सहित कई अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

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