भूमि अधिग्रहण बिल और किसानों पर लाठीचार्ज के मुद्दे को लेकर की मुलाकात 

किसान, गरीब विरोधी और अप्रजातांत्रिक है नया भूमि अधिग्रहण विधेयक- हुड्डा 

करनाल में हुए लाठीचार्ज की न्यायिक जांच करवाई जाए- हुड्डा

प्रदेश को बेरोजगारी, अपराध, नशे, घोटाले व किसानों पर अत्याचार में नंबर वन बनाना है बीजेपी की उपलब्धि- हुड्डा

31 अगस्त, चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस विधयकों ने भूमि अधिग्रहण बिल और किसानों पर लाठीचार्ज के मुद्दे को लेकर राज्यपाल से मुलाकात की। दोनों मुद्दों पर राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा गया। ज्ञापन में राज्यपाल से अनुरोध किया गया है कि वे मॉनसून सत्र में पास किए गए नए भूमि अधिग्रहण विधेयक पर अपनी सहमति ना दें और इसे संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत पुनर्विचार के लिए हरियाणा विधानसभा को वापस भेजें। क्योंकि यह विधेयक किसान, गरीब विरोधी और अप्रजातांत्रिक है। विधेयक को सदन में बिना विस्तृत चर्चा के जल्दबाजी में पारित किया गया।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि नया विधेयक केंद्रीय प्रधान अधिनियम 2013 के इरादे और भावनाओं के विरुद्ध है। विधेयक उन किसानों के हितों और भावनाओं को आहत करेगा जो पहले से ही कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 9 महीने से आंदोलनरत हैं। नए विधेयक के जरिए पुराने भूमि अधिग्रहण कानून के किसानों की सहमति, सेक्शन-4 व सेक्शन-6 के नोटिस की प्रक्रिया और जमीन के बदले मुआवजे के साथ रिहायशी प्लॉट देने जैसे तमाम प्रावधानों को समाप्त कर दिया गया है। इतना ही नहीं, पुराने कानून के तहत पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के अंदर सरकारी प्राधिकरण के लिए 75% जमीन धारकों की सहमति जरूरी थी और एक्ट की धारा-10 के मुताबिक उपजाऊ जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जा सकता था। नए कानून में इसको समाप्त कर दिया गया है। स्पष्ट है कि यह संशोधन किसानों के खिलाफ और पूंजीपतियों के हक में है। कानून का मकसद किसान की जमीन बिना उसकी सहमति के छीनना है।

कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल के सामने 28 तारीख को करनाल में हुए बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज का मुद्दा भी उठाया। हुड्डा ने कहा कि यह लाठीचार्ज सरकार की गहन सोच और योजना के तहत हुआ। इसमें एक उच्च अधिकारी का वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें वह किसानों का सिर फोड़ने की बात कह रहा है। राज्यपाल को अधिकारी की वीडियो भी सौंपी गई है।

इस मामले में कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल से उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश या सेवानिवृत्त न्यायाधीश से न्यायिक जांच की मांग की है ताकि घायल किसानों को पूर्ण न्याय मिल सके। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष ने अपने आवास पर एक पत्रकार वार्ता को भी संबोधित किया। उन्होंने बीजेपी सरकार के 2500 दिन पूरे होने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि बीजेपी के पूरे कार्यकाल के दौरान प्रदेश में ना कोई नई रेलवे लाइन, नई मेट्रो ट्रेन लाइन, कोई एम्स, नई यूनिवर्सिटी, पावर प्लांट, राष्ट्रीय स्तर का संस्थान आया और ना ही कोई बड़ा उद्योग स्थापित हुआ।

हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार के दोनों कार्यकाल विफलताओं से भरे पड़े हैं। फिर सरकार किस बात का जश्न मना ही है? क्या सरकार इस बात का जश्न मना रही है कि उसने हरियाणा को बेरोजगारी, अपराध, नशे, घोटाले, किसान विरोध और प्रदूषण में नंबर वन बना दिया है? क्या सरकार इस बात का जश्न मना रही है कि उसने किसानों को लाठी-डंडों से पिटवाया? क्या इस बात का जश्न मनाया जा रहा है कि आज किसान सड़कों पर बैठा है? क्या इस बात का जश्न मना रही है कि आज प्रदेश पर सवा दो लाख करोड़ का कर्ज हो गया है?

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