चण्डीगढ, 31अगस्त:-हरियाणा रोङवेज संयुक्त कर्मचारी संघ की चण्डीगढ डिपो कमेटी की बैठक 31अगस्त को महाप्रबंधक के साथ उनके कार्यालय में सम्पन्न हुई।

आज की बैठक में मुख्य रूप से राज्य प्रधान दलबीर किरमारा,वरिष्ठ राज्य उप-प्रधान बलवान सिंह दोदवा,राज्य उप-प्रधान कुलदीप पाबङा,राज्य सचिव चमन लाल, डिपो प्रधान चन्द्रभान सोलंकी,वरिष्ठ सचिव रामकुमार शिशवाल, वरिष्ठ उप-प्रधान धन सिंह गुहणा, कैशियर विनोद तिहाङा, आडिटर सत्यवान कुंवारी, उप-प्रधान बाबुराम शिशवाल व जगदेव सिंह यादव आदि नेता शामिल थे। बैठक एक सौहार्दपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुई। बैठक में कर्मचारियों की लम्बित पङी कई मांगो पर महाप्रबंधक के साथ काफी नोंक-झोंक भी हुई। बैठक में कार्यवाहक महाप्रबंधक ने डिपो कमेटी द्वारा दिये गये मांग पत्र के प्रत्येक बिन्दु पर विस्तार से चर्चा करते हुए लम्बित पङी सभी मांगो की प्रोग्रेस रिपोर्ट का जिक्र करते हुए बताया कि 2वर्ष की सेवा पुरी कर चुके सभी कर्मचारियों को 15 सितम्बर तक कन्फ़र्म कर दिया जायेगा, किसी भी कर्मचारी पर नाजायज रिकवरी नहीं डाली जायेगी, वर्ष 2018 के बकाया पङे ओवरटाईम का भुगतान 20 सितम्बर तक कर दिया जायेगा, तकरीबन कर्मचारियों का एसीपी लग चूका है तथा बाकी बचे पात्र सभी कर्मचारियों के एसीपी भी सितम्बर माह में लगा दिये जायेंगे, कर्मचारियों से वरिष्ठता के आधार पर कार्य लिया जायेगा, सभी कर्मचारियों के सरकारी मकानों के शैड्यूल भेज दिये हैं, सभी श्रेणी के कर्मचारियों के बकाया पङे यात्रा भत्ते की स्वीकृति मिल चूकी जिसकी अदायगी भी तुरंत कर दी जायेगी, बकाया पङे शिक्षा भत्ते की अदायगी भी स्वीकृति मिलते ही तुरंत कर दी जायेगी तथा बकाया पङे एरियर समेत तमाम आर्थिक अदायगी 31अक्तूबर तक कर दी जायेगी।

वरिष्ठ राज्य उप प्रधान बलवान सिंह दोदवा व डिपो प्रधान चन्द्रभान सोलंकी ने बताया कि कर्मचारियों की डिपो स्तर की काफी आर्थिक समस्याएं लम्बित पङी हुई थी। जिनको लेकर डिपो कमेटी ने 18 फरवरी को 11सुत्रिय मांग पत्र डिपो प्रशासन को सौंपा था। काफी समय गुजर जाने के बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा था। इसलिए डिपो कमेटी ने 1सितम्बर को महाप्रबंधक के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए घेराव करने का नोटिस दिया था। जिस पर महाप्रबंधक ने 30अगस्त को डिपो कमेटी की बैठक बुलाई थी।

इसलिये बैठक में दिये गये आश्वासन के तहत 1सितम्बर को महाप्रबंधक के खिलाफ होने वाले घेराव को स्थगित किया जाता है। युनियन ने चेतावनी दी है कि अगर महाप्रबंधक ने दिये गये आश्वासन के तहत समय पर अदायगी नहीं की तो तुरंत डिपो कमेटी की बैठक करके आन्दोलन की घोषणा की जाएगी। जिसकी सारी जिम्मेदारी डिपो प्रशासन की होगी।

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