2500 दिन में ‘सड़कों पर लहुलुहान होता हरियाणा’…और सत्ताधीशों की ‘‘सत्ता की मलाई’’ का उत्सव…सुरजेवाला

खट्टर साहब की ‘‘लट्ठ जीवी’’ सरकार ने जजपा की बैसाखी के सहारे 2,500 दिन पूरे कर लिए हैं। इन 2,500 दिनों में सत्ताधीश ‘‘उत्सव’’मनाते रहे और हरियाणा के लोग सड़कों पर लहूलुहान होते रहे।

खट्टर साहब ‘‘विकास के जुमले’’ गढ़ते रहे और एक चमचमाते प्रदेश की ‘‘बर्बादी की कहानी’’ लिखते रहे।
नौजवान कॉलेजों और कोचिंग संस्थानों में ‘‘पसीना बहाते रहे’’ और ‘‘नौकरी भर्तियों के पर्चे’’ सरेआम बिकते रहे।
भाजपा-जजपा के नेता ‘‘सत्ता की मलाई’’ उड़ाते रहे और ‘‘प्रदेश को षडयंत्रकारी जातिगत विभाजन’’ में धकेलते रहे।

खट्टर साहब! राजतिलक के बाद 2500 दिनों में उत्सव बहुत मना चुके अब जनता के केवल इन 25 सवालों के जवाब दे दीजिएः-

1. जब से आपने सरकार संभाली, तब से गरीब-मज़दूर-किसान पर पुलिस की लाठियां बरसवानी शुरू की थीं, जो आज भी जारी हैं। लोगों पर इस अत्याचार का जिम्मेदार कौन?

2. सत्ता संभालने के केवल 15 महिने के भीतर प्रदेश को भयंकर जातिगत हिंसा में झोंक दिया। आपके एक सांसद विवादित बयानबाज़ी करके लोगों को भड़काते रहे और आप तथा आपकी सरकार आग लगा तमाशा देखती रही। क्या इस षडयंत्रकारी जातिगत विभाजन की जिम्मेदारी लेंगे? 

3. आपकी अपनी सरकार द्वारा गठित प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट को आपकी अपनी ही सरकार ने नकार दिया। अपनी सरकार का नाकारापन छिपाने का क्या कारण था?

4. डेरा प्रमुख राम रहीम के मामले में पंचकुला में पहले हज़ारों अनुयायियों को इकट्ठे होने की इजाजत दी और उसके बाद अंधाधुंध गोलियां चला 50 से ज्यादा डेरा अनुयायियों को मौत के घाट उतार दिया तथा हजारों गंभीर रूप से घायल हुए। यह क्या षडयंत्र था? क्या यही आपका प्रशासनिक कौशल है?

5. इस हरियाणा प्रदेश में 36 बिरादरी भाई चारे से रहती आई हैं। कभी कोई दंगा-फसाद नहीं हुआ। सत्ता के लिए भाई को भाई से लड़वाकर आपको क्या मिल गया?

6. पिछले 2500 दिन में हरियाणा में कश्मीर से ज्यादा लोग पुलिस की गोली से मारे गए। क्या इसी उपलब्धि का आप उत्सव मना रहे हैं?

7. किसानों की आय दुगुनी करने के नारे लगाकर सत्ता में आए थे। लेकिन, किसानों के अस्तित्व को ही संकट में डाल दिया। नौ महीनों से किसान अत्याचार झेल रहे हैं, 600 से ज्यादा कुर्बान हो चुके हैं। आपकी सरकार ने अनशन पर बैठे किसानों की समस्या का हल करने के क्या प्रयास किए?

8. किसान धरती के सीने से अन्न निकालकर देश का पेट भरता है, उसके बच्चे ओलंपिक में मैडल और सीमा पर परमवीर चक्र लेकर आते हैं और कुछ फ़र्ज़ी किस्म के नारेबाज उन्हें देशद्रोही कहकर अपमानित करते हैं। किसान पर ये अत्याचार कब तक चलेगा लठैत जी?

9. पीपली से लेकर सिंघु बॉर्डर तक पूरे हरियाणा की सड़कें किसानों के रक्त से लाल हैं। आप समझते हैं कि इस अत्याचार से किसान झुक जाएगा। प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि किसानों का सिर फोड़ने के आदेश देने वाले ‘डायर’ के उत्तराधिकारी अधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी?

10. 2014 में जब सत्ता संभाली, तो प्रदेश पर पिछले 48 साल में कुल कर्ज मात्र 60 हज़ार करोड़ रुपये था, जो इन 2,500 दिनों में बढ़कर 1लाख, 85 हज़ार करोड़ रु. हो गया। कोई विकास कार्य नहीं, कोई बड़ी पारी नही। ये पैसा कहां गया कर्जाजीवी जी?

11. नायब तहसीलदार, क्लर्क, ग्राम सचिव जैसी 28 भर्तियों के पर्चे लीक हुए लेकिन, किसी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नही हुई। पेपर बिकते रहे और युवा कुढ़ते रहे। पेपर लीक माफिया पर इतनी मेहरबानी क्यों ‘मिशन मेरिट’ जी?

12. क्या पिछले 7 साल में कभी बिजली की दरें बढ़ाकर, कभी बस का भाड़ा बढ़ाकर, कभी पेट्रोल और डीज़ल पर जीएसटी बढ़ाकर, कभी हाउस टैक्स बढ़ाकर, कभी लाईसेंस फीस बढ़ाकर, कभी एफिडेविट फीस बढ़ाकर, कभी सीवरेज और पीने के पानी के चार्ज बढ़ाकर आपने हरियाणा की जनता से हजारों-लाखों करोड़ की वसूली नहीं की? फिर यह पैसा कहां गया? क्या इसका हिसाब देंगे?

13. 10,000 से अधिक जेबीटी अध्यापक चयन प्रक्रिया पूरी हो जाने के पश्चात 3 साल तक पुलिस की लाठियां, पानी की बौछारें और आसू गैस के हमले झेलते रहे तब कहीं जाकर कोर्ट से उनको ज्वाइनिंग मिली। उन युवा साथियों का असली दोषी कौन?

14. हज़ारों अतिथि अध्यापक जो लगभग 15 वर्षों से शिक्षा विभाग को सेवाएं दे रहे हैं, अपनी मांगों के समर्थन में पता नहीं कितनी बार सरकारी दमन झेल चुके हैं। क्या आपने इन लोगों से किए हुए स्थाई नौकरी देने के वायदे पूरे कर दिए?

15. आपकी सरकार ने पिछले 2,500 दिन में कितने जेबीटी तथा कितने टीजीटी के पदों पर भर्तियां की? एचटेट पास युवाओं की बेरोजगारी का दोषी कौन है जुमलेजीवी जी?

16. 5 साल प्रक्रिया चलाने के बाद संस्कृत पीजीटी की भर्ती रद्द कर दी गई। इस भर्ती में चयनित सैकड़ों युवाओं का भविष्य खराब करने का दोषी कौन है खट्टर साहब?

17. जब आप सत्ता में आए हरियाणा प्रदेश प्रति व्यक्ति आय के मामले में गोवा के पश्चात देश मे दूसरे नंबर पर था आज 28.1 प्रतिशत बेरोजगारी दर के साथ हरियाणा देश में प्रथम स्थान पर है। क्या यही आपका विकास है?

18. केवल प्रदेश के युवा ही नहीं आपके प्रतापी शासनकाल में तो आपकी पिछली सरकार के 90 प्रतिशत से ज्यादा मंत्री भी बेरोजगार हो गए। आपकी पिछली सरकार के सभी बड़े मंत्री जनता ने नकार क्यों दिए जनप्रिय जी?

19. जब आपने सत्ता संभाली उस समय प्रदेश प्रति व्यक्ति पूंजी निवेश में सभी राज्यों में प्रथम स्थान पर था पर आपके शासन में प्रदेश में इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप सूनी पड़ी हैं व उद्योग धंधे चौपट हैं। निवेशक व उद्यमी आपकी सरकार से दूर क्यों भाग रहे हैं उत्सवजीवी जी?

20. ऑनलाइन प्रतियोगी परीक्षाओं में बच्चे 98 प्रतिशत अंक लेकर भी फेल हो गए। ये कैसी पारदर्शिता है मनोहर लाल जी?

21. आपके मुख्यमंत्री बनने के पश्चात कितने सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज, कितने मैनेजमेंट कॉलेज, कितने सरकारी फार्मेसी कॉलेज खुले?

22. आप निवेश आमंत्रित करने के बहाने चीन, अमेरिका तक घूम आए, गुरुग्राम में ‘इन्वेस्टर समिट’ भी करवाकर 400 रुपये प्रति कप के भाव की चाय भी पिलाई। पिछले 2500 दिन में पूंजी निवेश कितना आया भ्रमणजीवी जी?

23. हरियाणा रोडवेज को हमने पूरे देश मे अग्रणी सरकारी परिवहन सेवा बनाया था। आपने महकमे का परोक्ष रूप से निजीकरण ही कर डाला। क्या आप प्रदेश की जनता को हिसाब देंगे कि पिछले 2500 दिन में कितनी बसें बेड़े से बाहर हो गई और आपकी सरकार ने रोडवेज के लिए कितनी बसें खरीदी?

24. आपने बिना काम किए अपना चेहरा चमकाने के लिए सरकारी विज्ञापनों पर 6 साल में 385 करोड़ रुपये फूंक डाले। इतने पैसे से पूरे एक साल का खेल विभाग का बजट दुगुना किया जा सकता था और खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं दी जा सकती थी। सरकारी धन का ये दुरुपयोग क्यों प्रचारजीवी जी?

25. आपको प्रदेश की जिस जनता ने सिर आंखों पर बैठाया आप उसी जनता को कंधों से ऊपर कमजोर बताते हैं। आपको प्रदेश के लोगों से इतनी चिढ़ है कि आपने अपने निजी स्टाफ में आधे से ज्यादा ओएसडी/सचिव बाहरी लोगों को नियुक्त किया हुआ है। यहां तक कि एचपीएससी का चेयरमैन तक हरियाणा से नही है। आपको प्रदेश की जनता से इतनी चिढ़ क्यों है फरसाधारी जी?

सवाल तो बहुत हैं मनोहरलाल जी लेकिन, प्रदेश की जनता जानती है कि आपके पास उसके सवालों के जवाब देने का समय नही है। जब कभी शायरी रटने और उत्सवबाज़ी से समय मिले तो सोचिएगा ज़रूर कि आपकी सरकार की कुनीतियों ने प्रदेश को किस कदर बर्बाद किया है। 

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