तीन काले कानूनों को नहीं, बल्कि देश को बचाने के लिए लड़ रहा है किसान : राकेश टिकैत

भारत सारथी जुुुबैर खान नूंह 

संयुक्त किसान मोर्चा का मुख्य उद्देश्य तीन काले कानून का मामला नहीं है, बल्कि देश को बचाने का मामला है। आने वाले समय में देश के अंदर जल्द ही कई राज्यों में चुनावी बिगुल बजने वाला है। हत्याओं के ढेर पर राजनीति करने वाले यह सत्ता के लालची जो सत्ता में बैठे हैं, आगे किसी की भी हत्या करवा कर अपना चुनावी माहौल बनाने की साजिश में बैठे हैं,और यह किसी की भी हत्या करवा सकते हैं। इसीलिए हम सबको बड़ी सूझबूझ के साथ शांतिपूर्वक तरीके से इस आंदोलन को चलाना होगा, ताकि हम अपने मकसद में कामयाब हो सके । उक्त बातें संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आयोजित किसान महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने नूंह अनाज मंडी में किसानों के उमड़े जनसैलाब को संबोधित करते हुए कही।

राकेश टिकैत ने कहा कि आज खेत बिक रहे हैं ,जमीन बिक रही है, अनाज मंडी में खाली पड़ी जमीन बिक रही हैं ,रेलवे बिक रही है, एलआईसी बिक रही है, ट्रेन में बिक रही हैं और हाल ही में सरकार ने 6 लाख करोड रुपए की सरकारी संपत्ति का ब्यौरा तैयार कर उसे बेचने का भी निर्णय ले लिया है। राकेश टिकैत ने कहा कि आज देश की सत्ता पर बैठी सरकार किसी पार्टी की सरकार नहीं है बल्कि मोदी सरकार है। जो कंपनियों के भरोसे चल रही है और उसे कंपनियां चला रही हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह बिहार के अंदर चाय के बागानों पर अंडानी ने और अंबानी ने कब्जा कर लिया है ,उसी तरह हिमाचल प्रदेश में भी सेब के गोदामों पर इन्होंने अपना कब्जा कर लिया हैं। जिससे सस्ते दामों में सेब को खरीद कर और उसे अपने गोदामों में स्टॉक कर बाद में महंगे दामों में बेचने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि इसी तरह यह सरकार अनाज को भी किसानों से सस्ते दामों में लेकर और गरीबों को बाद में महंगे दामों में बेचने के इस कानून को पास कर देश के किसानों को भुखमरी के कगार पर लाना चाह रही है। राकेश टिकैत ने कहा कि अब तक किसान आंदोलन में लगभग साडे 650 किसान शहीद हो चुके हैं और शनिवार को हुए किसानों पर लाठीचार्ज हमले में भी एक किसान सुशील काजल शहीद हो गए हैं । उन्होंने कहा कि किसानों का बलिदान खाली नहीं जाएगा और किसान इन काले कानूनों को वापस करा कर ही घर लौटेगा। इस मौके पर रवि आजाद ,निगार उड़ीसा, ज्योति सिन्हा, रतन सिंह सौरोत, सरदार जोगिंदर सिंह कामरेड अमरा राम, रफीक आजाद, दीन मोहम्मद मामलीका, रमजान चौधरी ,असलम चादनहुला समाजसेवी ,इब्राहिम इंजीनियर, उमर पाड़ला, हाजी अब्बास, जबकि सरपंच सलंबा सहित काफी लोग और किसान मौजूद रहे।

सरकारी अफसर आयुष सिन्हा को राकेश टिकैत ने कहा तालिबानी अफसर

करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज और एक अफसर द्वारा किसानों को सर फोड़ने की बात कहकर वीडियो वायरल होने पर राकेश टिकैत ने कहा कि यह सरकारी अफसर आयुष सिन्हा तालिबानी अफसर है। जिन्होंने किसानों के सर फोड़ने की बात कहकर पुलिस फोर्स को आदेश दिए थे। उन्होंने कहा कि ऐसे अफसर को या तो जम्मू कश्मीर या फिर नक्सलवाद जैसे राज्यों में भेजना चाहिए। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि ऐसे अफसर को जल्द से जल्द बर्खास्त किया जाए, जिसने निहत्थे किसानों के सरो पर लाठी चार्ज करने का आदेश देकर किसानों के सर फोड़ने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जब सरकार किसान आंदोलन बैठे मुसलमानों को पाकिस्तानी और आंदोलन बैठे सरदारों को खालिस्तानी कह सकती है तो, किसान भी ऐसे अफसर को तालिबानी अफसर मान रहे हैं। 

क्रांतिकारियों का क्षेत्र रहा है मेवात

मेवात में किसानों को संबोधित करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि मेवात क्षेत्र क्रांतिकारियों का क्षेत्र रहा है । देश की आजादी में मेवात के लोगों का अहम योगदान रहा है। इतना ही नहीं मेवात के लोगों ने अंग्रेजों और मुगलों के साथ लड़ाई कर देशभक्ति का परिचय दिया था।

वीर और बहादुर की धरती रहा है मेवात। योगेंद्र यादव

किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि मेवात की धरती वीर सपूतों और बहादुरों की धरती रही है । मेवात के लोगों ने समय-समय पर देश के लिए कुर्बानी देकर मेवात का नाम रोशन करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि मेवात एक ऐसा इलाका है, जिन्होंने अंग्रेज और मुगलों से जंग लड़ कर देश को कुर्बानी देने का काम किया था। उन्होंने कहा कि आज मेवात की इस धरती पर उमड़े किसानों के जनसैलाब से वह काफी खुश हैं और उन्होंने कहा कि किसानों की मेहनत को बेकार नहीं जाने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज किसानों को उनकी फसल के सही दाम मेवात में नहीं मिल रहे हैं। लेकिन वह जब तक धरने से वापस नहीं जाएंगे, जब तक इन काले कानूनों को सरकार वापस नहीं ले लेती।

नो माह से चल रहे किसान आंदोलन ने बहुत कुछ पाया। सरदार जोगिंदर सिंह उग्राह

किसान आंदोलन के बड़े नेता सरदार जोगिंदर सिंह ने कहा कि 9 माह से किसान अपने हकों की लड़ाई बॉर्डर पर लड़ रहा है किसान आंदोलन में शांतिपूर्वक तरीके से बैठ, किसान देश की इस सरकार से अपने हकों को मांग रहा है। लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों की कोई चिंता नहीं है। आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने चंद साथी और बड़ी-बड़ी कंपनियों के मालिकों को देश की संपत्तियों को बेचने का काम कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि देश का किसान जब तक पीछे नहीं हटेगा, जब तक इन काले कानूनों को वापस नहीं ले लिया जाएगा

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