-कमलेश भारतीय जो कांग्रेस कभी देशभक्ति, देशसेवा, जनसेवा के लिए जानी जाती थी । जो कांग्रेस जिसके समर्पण भाव को देखकर लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में अपनी पढ़ाई छोड़ दी , स्वदेशी के नारे पर अपने कपड़ों की होली जला दी और जलियांवाला बाग कांड जैसे कार्डों में अपने जीवन बलिदान कर दिया । आज वही कांग्रेस स्वार्थ की , एक दूसरे को नीचा गिराने की , टांग खिंचाई की और ईर्ष्या से भरी कांग्रेस बन चुकी है । अब इसके नेता जनसेवा में विश्वास नहीं रखते । अब सबको कुर्सी चाहिए और इसीलिए राहुल गांधी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेंद्र बघेल को अढ़ाई साल बाद पद छोड़ने की कह रहे हैं ताकि किसी दूसरे को भी आधा समय मुख्यमंत्री की कुर्सी का नशा मिल सके । कमाल है । वैसे उत्तराखंड में भाजपा ने भी इसी साल तीन तीन मुख्यमंत्री बदल कर यही फार्मूला अपनाया है । सबका साथ तो सबका विकास ।किसी एक को पांच साल मुख्यमंत्री क्यों बनाये रखा जाये ? बल्कि हर साल के बाद मुख्यमंत्री बदल लेना चाहिए । कम से कम पांच नेता तो राहुल गांधी या जे पी नड्ढा के पीछे घूमेंगे । कांग्रेस का तो हाल पंजाब में खुद कांग्रेस हाईकमान ने ही खराब कर लिया । चुनाव सिर पर है और कांग्रेस ने एक नौसिखिया प्रदेश प्रधान बना कर लुटिया डूबाने का पूरा प्रबंध कर लिया है । नवजोत सिद्धू ने प्रधान पद संभालते ही जो काम शुरू किये उनसे कांग्रेस की इमेज दिन प्रतिदिन गिरती जा रही है और कल तो पता नहीं मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को धमकी दी है या कांग्रेस हाईकमान को । वह धमकी कमाल है कि मैं ईंट से ईंट बजा दूंगा । अरे जिस पार्टी का अपना प्रदेश प्रधान ही ऐसी धभकियां देता हो , फिर विरोधियों को कुछ करने की जरूरत ही क्या रही ? कह रहे हैं नवजोत सिद्धू कि मुझे प्रदर्शनी या दिखावटी घोड़ा न समझना । मैं दिखावे का प्रधान नहीं । मैं तो ईंट से ईंट बजा दूंगा । अब पंजाब में कांग्रेस को हराने के लिए खुद सिद्धू ने कमान संभाल ली है । अब विरोधी दलों को ज्यादा ज़ोर लगाने की जरूरत नहीं । राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत में शायद बोलचाल भी नहीं । वहां भी धीमी धीमी बगावत चलती रहती है । न जाने कब विस्फोट हो जाये क्योंकि हाईकमान नाम की हाईकमान रह गयी है । कमान को तीन लोग थामे हुए हैं । सोनिया गांधी , राहुल गांधी और प्रियंका गांधी । सभी अपनी अपनी तरह से खींच रहे हैं । पंजाब में प्रियंका ने कमान खींची और सिद्धू को प्रदेश प्रधान बनवा दिया । अब बघेल से राहुल और प्रियंका बैठकें कर रहे हैं । पता नहीं कौन ज्यादा कमान खींच जाये और बघेल रहें या जायें । राजस्थान में विद्रोहियों की कोई सुनवाई नहीं । कपिल सिब्बल भी शोर मचा कर देख चुके और जी 23 समूह भी अपने काम पर लगा हुआ है । यह कांग्रेस है भाईसब जानते हैं ,यह जो पब्लिक हैसब जानती हैसब देखती है ।सब समझती है ,,, Post navigation हिन्दी साहित्य की समृद्ध परंपरा में जानदार हस्तक्षेप करना फ़िलहाल एक लक्ष्य है: शोभा अक्षरा यूं ही हॉकी का जादूगर नहीं कहा जाता, मेजर ध्यानचंद को, 3 बार ओलंपिक हॉकी में दिलाया गोल्ड