चंडीगढ़ – नेशनल लेवल पर नीट एग्जाम में ओबीसी रिजर्वेशन को लेकर शुरू हुई लड़ाई हरियाणा में एक कदम आगे बढ़ चुकी है. पिछड़ी जाति से जुड़े हुए लोगों का एक समूह हरियाणा में  अनुसूचित जाति/जनजाति के कॉलम की तरह ओबीसी का कॉलम भी  जनगणना में जोड़ने की मांग लेकर आगे आया है. इसके अलावा इस ग्रुप की मुख्य मांगें पंचायत से लेकर संसद तक प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी की नोकरियों में 27 %आरक्षण तृतीय/चतुर्थ श्रेणी के अनुपात अनुसार दिया जाए।

यह ग्रुप हाल ही में पास हुए 127वें संशोधन बिल प्रावधानों को लेकर भी चिंतित है.ओबीसी का ये बिल निरस्त करने की मांग कर रहा है। इस ग्रुप की यह भी मांग है कि जितनी भी केंद्र एवं राज्य में पिछड़ा वर्ग की बैकलॉग की नोकरियाँ है उनको तुरंत भरा जाए।ओबीसी को नौकरियों और बाकी जगहों पर जनसंख्या के बराबर हिस्सेदारी मिलनी चाहिए.उन्होंने कहा  यही हमारी मांग है और हम इसके लिए ही लड़ रहे हैं.”
ओबीसी के अधिकारों की लड़ाई को लेकर 29 अगस्त को महम चोबसी के चबूतरे पर पंचायत बुलाने के बारे में भी जानकारी दी और कहा कि पंचायत में रिटायर्ड जज और ओबीसी के अधिकारों के लिए लड़ रहे गणमान्य लोग हिस्सा लेंगे.।ग्रुप के सभी ओबीसी नेताओं नेताओं तेलूराम जांगड़ा, योगेन्द्र योगी,अशोक वर्मा, राजेंद्र तंवर, संजय परमार सैनी, कुलदीप केडी,लोकिराम प्रजापति, शमशेर कश्यप,सुरेंद्र पांचाल, रामकुमार गुज्जर, सुदेश यादव, प्रोमिला सैनी, कमलेश सामन, लालचंद जांगड़ा,जितेंद्र जोगी, जयभगवान ओबीसी सिकन्दर ने सँयुक्त ब्यान में बताया की इस महापंचायत में रिटायर्ड मुख्य न्यायधीश वी ऐश्वर्या , वीरेंद्र यादव और डॉक्टर सूरज यादव मुख्य वक्ता होंगे।

इन लोगों का मानना है कि ओबीसी अधिकारों की लड़ाई में यह पंचायत ऐतिहासिक साबित होगी, क्योंकि हरियाणा में करीब 44 फीसदी आबादी ओबीसी समुदाय से है और उससे 77 जातियां जुड़ी हुई हैं. भविष्य की लड़ाई के लिए रणनीति का एलान 29 अगस्त को ही किया जाएगा.

ओबीसी की लड़ाई लड़ रहे इस समूह ने 24 अगस्त सुप्रीम कोर्ट से पास हुए क्रीमी लेयर से जुड़े जजमेंट पर कोर्ट का शुक्रिया अदा किया है. इन लोगों की मांग है कि हरियाणा सरकार को जल्द से जल्द इस जजमेंट को लागू करना चाहिए.

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