-मुख्य सचिव के आदेशानुसार प्रथम श्रेणी अधिकारी की पे स्केल में दो स्टेप ऊपर अधिकारी कर सकता है जांच
 -बृजपाल सिंह परमार ने लगाया डीईओ पर धमकी देने का आरोप, एडीएम की जांच प्रभावित करने की जताई आशंका

भिवानी, 24 अगस्त। जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच मामले में नया मोड़ आ गया है। मामले की जांच भिवानी एसडीएम को सौंपी गई हैं, लेकिन हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव के आदेशानुसार प्रथम श्रेणी अधिकारी पर लगे आरोपों की जांच उससे पे स्केल में दो स्टेप ऊपर रहने वाले उच्चाधिकारी द्वारा ही की जा सकती है। ऐसे में भिवानी एसडीएम की जांच शुरू होने से पहले ही संदेह के घेरे में आ गई है वहीं स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने जिला शिक्षा अधिकारी पर धमकी देने के आरोप लगाए हैं।

बृजपाल सिंह का कहना है कि सोमवार को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उसकी तीन आरटीआई मामलों की सुनवाई थी। इसी दौरान वह जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में गए थे। वहां डीईओ अजीत सिंह ने उन्हें केस वापस लेने की धमकी देते हुए उनके लिए अच्छा नहीं होगा की बात कही और कृषि मंत्री से जांच अधिकारी एसडीएम को फोन कराए जाने की बात भी कही। डीईओ ने यह भी धमकी दी कि उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा, पहले भी कई ऐसे मामलों में वो साफ बच निकला है। कृषि मंत्री ने एसडीएम को भी बोल दिया है। एसडीएम वही लिखेगा जो वह कहेगा। डीईओ ने धमकी दी है कि जांच अधिकारी केवल इतना ही लिखेगा कि मामला न्यायालय में है और इसमें अभी कोई कार्रवाई नहीं बनती है।

बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि भिवानी जिला शिक्षा अधिकारी पर न्यायालय के आदेशों के बाद जूईकलां पुलिस थाना में धोखाधड़ी का केस दर्ज है। इसके अलावा भी शिक्षा विभाग में विभिन्न पदों पर रहते हुए अजीत सिंह पर बालिकाओं के यौन शोषण व जींद की एक शिक्षिका द्वारा यौन शोषण के आरोप लग चुके हैं। इसके अलावा फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने व एक ही समय में दो जगह सरकारी नौकरी करने के गंभीर आरोप लगे हैं, जिनके संबंध में संगठन के समक्ष आरटीआई में जुटाए गए कई अहम तथ्य भी मौजूद हैं। इन सभी से बौखलाए डीईओ ने उन्हें केस वापस लेने का दबाव बनाते हुए धमकी दी है।

बृजपाल सिंह ने बताया कि भिवानी एसडीएम भी डीईओ की जांच में सक्षम अधिकारी नहीं हैं, क्योंकि डीईओ के पे स्केल से एसडीएम का पे स्केल हैं, ऐसे में हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव द्वारा जारी 30 जून के आदेश के अनुसार भिवानी एसडीएम इस मामले की जांच ही नहीं कर सकते हैं। उन्होंने एसडीएम की जांच प्रभावित करने की भी आशंका जताई है।

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