अपने घरों से दूर आम आदमी के हक़ और अधिकारों की खातिर लड़ रहे किसानों के राखी बांध कॉन्ग्रेस नेत्री ने मनाया रक्षाबन्धन पर्व
सदन से लेकर लालकिला तक संवेदना का एक शब्द भी मृत किसानों के लिए प्रधानमंत्री के मुहं से नही फूटा, फिर कैसे कह दूं कि वो देश का प्रधानमंत्री है

23/8/2021 रक्षा बंधन एक परंपरागत त्योहार है ,जो देश के कई हिस्सों में परम्परा के रूप में मनाया जाता है। यह ज्ञात है कि सीमा पर हमारे सैनिकों को इस दिन राखी भेजी जाती है, भले ही सैनिकों की बहनें खुद सीमा तक नहीं पहुंच सकतीं। इसी तरह की परंपरा का पालन करते हुए, पंजाब और हरियाणा की कई ग्रामीण महिलाओं ने आज आंदोलनकारी किसानों को राखी भेजकर किसानों के संघर्ष को समर्थन और प्रोत्साहन दिया।

इसी तरहं ही बॉर्डर पर बैठे किसान भाइयों की कलाइयां सुनी न रहे इसलिए हरियाणा महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव सुनीता वर्मा ने शाहजंहापुर बॉर्डर पर जा कर किसान भाइयों को राखी बांधकर उनके संघर्ष को नमन किया और उनसे आशीर्वाद के साथ साथ आम आदमी के हक़ और अधिकारों की रक्षा करने का वचन भी लिया।

कॉन्ग्रेस नेत्री ने कहा कि इस आंदोलन के 9वें महीने में प्रवेश कर रहे इन किसान आंदोलनकारियों का त्याग देखिए इन्हें मवाली, आन्दोलन जीवी व खालिस्तानी तक कहा गया इन पर लाठीचार्ज, वाटरकैनन और राजद्रोह जैसे झूठे मुकदमे किये गए फिर भी ये अनुशासित रहकर सर्दी में, गर्मी में और बारिश में आन्दोलन कर रहे हैं ताकि अनाज पूंजीपतियों के गोदामों में न जाये और गरीब भूखा न मरे। उन्होंने कहा कि खेती के निजीकरण का सबसे ज्यादा नुकसान उसे होगा जिसके पास जमीन नही है।

इस मौके पर वर्मा ने अपनी बेटी संध्या के साथ सभी किसानों को राखियां बांधी और मोदी सरकार होश में आओ और किसानों को उनका हक दिलाओ व काले कृषि कानून रद्द करो के गगनभेदी नारे भी लगाए।

शाहजहांपुर बॉर्डर पर बैठे किसानों के बीच जब महिला कॉन्ग्रेस प्रदेश महासचिव पहुंची तो किसान भी भावुक हो गए उन्होंने खुशी जताते हुए उन्हें आशीर्वाद देते हुए कहा कि जब तक किसान हित की सोचने वाली बहने देश में हैं तब तक मोदी अपनी कुत्सित मंशा में सफल नही हो सकता, उन्होंने कहा कि आज देश का आम उपभोक्ता इस बात को नहीं समझ पा रहा है कि एक बार कॉरपोरेट के कब्जे में आने के बाद खाने पीने की चीजों का व उनकी कीमतों का भी वो ही हाल होगा जो आज पेट्रोल , डिजल और रसोई गैस का हो रहा है। लेकिन इस सरकार का निजीकरण हो चुका है इसलिए ये आम आदमी की चिंता न करके चंद पूंजीपतियों के हितों की चिंता करती है ।

वर्मा ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि सदन से लालकिला तक प्रधानमंत्री के मुहं से संवेदना का एक शब्द भी मृत किसानों के लिए मुहं से नही फूटा, फिर कैसे कह दूं कि वो देश का प्रधानमंत्री है, उन्होंने अपने कार्यों से साबित कर दिया है कि वो सिर्फ एक समुदाय व पार्टी विशेष के ही पीएम हैं और उसी के ही प्रचार मंत्री हैं।

उन्होंने कहा कि आज इस बीजेपी की विफलता और मोदी की निरंकुशता के कारण ही किसान सड़कों पर है।

महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा कि सरकार विरोध कर रहे किसानों के साथ जो खेल, खेल रही है उसे वो बन्द करे और किसान आंदोलन की मांगों को पूरा करके ये साबित करे कि उनकी सरकार वास्तव में संवेदनशील और लोकतांत्रिक है। वरना सरकार कोई भ्रम न पाले, किसान हारा नही है इनके साथ पूरी आवाम का साथ है।

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