देशभर में 43.7 करोड़ असंगठित वर्कर विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे.
कार्यक्रम को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय 25 अगस्त को लांच करेगा

फतह सिंह उजाला

पटौदी। असंगठित श्रमिको के  के लिए परिवार पहचान पत्र और आधार कार्ड की तर्ज पर अब देश भर में यूनिक आईडी कार्ड बनाए जाएंगे । इस कार्यक्रम को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय 25 अगस्त को लांच करेगा। मंत्रालय के अनुसार देशभर में 43.7 करोड़ असंगठित वर्कर विभिन्न क्षेत्रों में नागरिक सुविधा काम कर रहे हैं ।

जिला गुरुग्राम के सीएससी कोडिडीनेटर निदेशक विकास पुनिया ने बताया कि   22 25 अगस्त से इस कार्यक्रम को पांच लाख असंगठित श्रमिक हैं, जिनको लांच कर दिया जाएगा । इसके लिए जिले में करीब पांच लाख श्रमिको को पंजीकृत किया जाना है । सभी का 700 वीएलई अपनी सेवाएं देंगे । असंगठित पंजीकरण निशुल्क होगा और इसके श्रमिकों के निशुल्क पंजीकरण और कार्ड लिए सरकार नागरिक सुविधा केंद्र के बनाए जाएंगे , लेकिन बाद में अपडेट वीएलई को 20 रुपये प्रति कार्ड देगी । जिले में हालांकि यदि इस यूनिक आईडी कार्ड करीब 500000 श्रमिकों को पंजीकृत में आवेदक बाद में अपडेट करवाता है करने का लक्ष्य रखा गया है । पंजीकरण के लिए योग्यता रू आवेदक आवेदन के लिए क्या होना चाहिए की उम्र 16 से 59 वर्ष के बीच होनी साथ रू आवेदक के पास आधार कार्ड चाहिए । आवेदक का पीएफ और नंबर होना चाहिए , बैंक का खाता और ईएसआई खाता नहीं होना चाहिए । मोबाइल फोन नंबर यह आवेदन के – आवेदक किसी भी संगठित समूह या लिए अनिवार्य हैं । संस्था का सदस्य नहीं होना चाहिए

किसका होगा पंजीकरण
छोटे किसान , कृषि क्षेत्र में लगे मजदूर , केंद्र के वीएलई अब इनका कार्य के को सरकार की अनुसार पशुपालक , मछली विक्रेता , मोची , ईंट भट्ठों विभाजन कर ओर से प्रत्येक पर काम करने वाले , घरों में काम करने वाले , खाका तैयार रेहड़ी – फड़ी वाले , न्यूजपेपर वेंडर , कारपेंटर , कार्ड बनाने के किया जाएगा प्लंबर , रिक्शा व ऑटो रिक्शा संचालक , दिए जाएंगे  ताकि इनके मनरेगा वर्कर , दूध विक्रेता , स्थानांतरित लेबर , रुपये नाई , आशा वर्कर , चाय विक्रेता व ऐसे मजदूर उत्थान के लिए जोकि किसी संगठन के साथ नहीं जुड़े सभी योजनाएं बनाकर यूनिक आईडी बनवा सकते हैं ताकि उन्हें क्रियान्वित किया जा सके ।              

श्रमिकों  को  यह होंगे लाभ
यूनिक आईडी कार्ड बनते ही इन असंगठित  श्रमिकों  को   आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा । श्रमिकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना आपदा के समय इन असंगठित श्रमिकों का लाभ मिल जाएगा । इसका एक साल तक आसानी से मदद पहुंचाई जा का खर्च भी खुद सरकार ही वहन करेगी । सकेगी । जैसे कोरोना काल में इन्हें इनके असंगठित श्रमिक किस वर्ग से है का घर तक पहुंचाना , खाने की व्यवस्था खाका तैयार करने के बाद सामाजिक करना इत्यादि । सुरक्षा योजनाएं जोकि मंत्रालय और रोजगार के अवसर भी इनके लिए इनके सरकार ने चलाई हैं उन्हें आसनी से वर्ग के हिसाब से सरकार सृजित कर क्रियान्वित कर इनके लिए बजट का सकेगी , साथ ही यदि कहीं किसी विशेष प्रावधान किया जा सकेगा । वर्ग के मजदूरों की जरूरत होगी तो इसी श्रमिकों की गतिविधियों और वह किस यूनिक आईडी के माध्यम से इन लोगों राज्य से किस राज्य में जा रहे हैं को को सूचित भी किया जा सकेगा ।

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