प्रदेश की हालत किस कदर खराब ! भाजपा में कितना सत्ता अहंकार ? विद्रोही

19 प्रमुख दल 20 से 30 सितम्बर तक मोदी-संघी सरकार की जनविरोधी, लोकतंत्र विरोधी फासीस्ट नीतियों के खिलाफ जमीन पर देशव्यापी विरोध करेंगे जो जनता को लामबद्ध करने की दिशा में पहला ठोस कदम होगा।

रेवाड़ी, 21 अगस्त 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के नेतृत्व में 19 प्रमुख विपक्षी दलों के अध्यक्षों की वर्चुअल बैठक 2024 लोकसभा चुनावों के लिए विपक्ष की व्यापक एकता में महत्वपूर्ण शुरूआत है। विद्रोही ने कहा कि सपा को छोडकर सभी आमंत्रित दलों के अध्यक्षों ने इस बैठक में भाग लेकर साफ संकेत दे दिया है कि अपने धरातल के मतभेदों को भूलाकर कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष की व्यापक एकता के पक्षधर है। 19 राजनीतिक दलों के प्रमुखों द्वारा मोदी-भाजपा संघी सरकार की जनविरोधी, लोकतंत्र विरोधी फासिस्ट नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर लडने की प्रतिबद्धता भारत के राजनीतिक पटल पर दूरगामी प्रभाव डालकर संघी फासीजम का मुकाबला करने का महत्वपूर्ण कदम है। 

विद्रोही ने कहा कि 19 प्रमुख दल 20 से 30 सितम्बर तक मोदी-संघी सरकार की जनविरोधी, लोकतंत्र विरोधी फासीस्ट नीतियों के खिलाफ जमीन पर देशव्यापी विरोध करेंगे जो जनता को लामबद्ध करने की दिशा में पहला ठोस कदम होगा। 19 प्रमुख विपक्षी दल महंगाई, बेरोजगारी, पेगागस जासूसी कांड, किसान आंदोलन, आम व्यक्ति स्वत्रंत्रता, मानवाधिकार की रक्षा, साम्प्रदायिक धु्रवीकरण राजनीति, पिछड़े, दलित, आदिवासी व गरीबों के अधिकारों जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर मिलकर एकजुटता के साथ देशव्यापी संघर्ष करेंगे। विद्रोही ने कहा कि हरियाणा में भी कांग्रेस सभी को साथ लेकर 20 से 30 सितम्बर तक जमीनी धरातल पर आमजनों के मुद्दों पर व्यापक संघर्ष करेगी। प्रदेश की हालत किस कदर खराब है और भाजपा में कितना सत्ता अहंकार है, यह इसी से पता चलता है कि शुरूआत में हरियाणा विधानसभा सत्र में भाग लेने जाते समय पैदल मार्च करके महंगाई, बेरोजगारी, किसान आंदोलन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर आवाज उठाते विधानसभा सदन में जाते कांग्रेस विधायकों को ना केवल पुलिस बल द्वारा रोका गया अपितु उनके साथ धक्का-मुक्की व अभद्र व्यवहार भी किया गया। विद्रोही ने कहा कि हद तो तब हो गई जब पूर्व मुख्यमंत्रीे व विपक्ष के नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के साथ पुलिस ने हाथापाई व धक्का-मुक्की करके सभी सीमाओं को लांघ दिया। यदि हरियाणा के लोगों ने सत्ता मद में चूर भाजपाई-संघीयों को सत्ता से बाहर नही किया तो वे सहज अनुमान लगा ले कि उनका भविष्य कैसा होगा?

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