भूख को भी मार्केटिंग का जरिया बना रही मोदी-संघी सरकार : विद्रोही

गरीबों को मिल रहे पांच किलो मुफ्त गेंहू, चावल की जितनी कीमत है, लगभग उतनी ही कीमत मोदी के चेहरे छपे थैले की है। यह ना केवल सरकारी खजाने का दुरूपयोग है
अपने ही प्रदेश-देश के गरीब नागरिकों को मुफ्त राशन देने के नाम पर भिखारी बनाना यदि घोर अमानवीय कुकृत्य नही तो और क्या है? 

रेवाड़ी – 19 अगस्त 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि गरीबों को पांच किलों अनाज देने के नाम पर भाजपा-संघीयों व प्रधानमंत्री मोदीजी ने श्रेय लेने व प्रचार भूख शांत करने खातिर अनैतिकता की सभी हदे पार कर दी है। विद्रोही ने कहा कि जिस तरहे गरीबों के पांच किलो अनाज देने के नाम पर सत्ता दुरूपयोग से कथित अन्नपूर्णा उत्सव मनाकर भाजपाई-संघी मीडिया में चेहरे चमकाने का कुकृत्य कर रहे है, वैसा दुनिया के किसी भी शासक ने अपने देश के गरीबों व भूखों का इस तरह मजाक नही उड़ाया। किसी भी लोकतांत्रिक सरकार का यह संवैद्यानिक दायित्य है कि वह संकट के समय अपने गरीब नागरिकों की मदद करे और किसी भी नागरिक को अनाज की कमी से भूखा न मरने दे। 

विद्रोही ने कहा कि भारत में गरीबों को सत्ता व मुफ्त राशन देने की योजना वर्षो से चल रही है, पर आज तक किसी भी सरकार ने मुुफ्त व सस्ते राशन के नाम पर अपने प्रधानमंत्री के फोटोयुक्त थैले में गरीबों को राशन बाटकर मीडिया में चेहरे नही चमकाये है। गरीबों को मिल रहे पांच किलो मुफ्त गेंहू, चावल की जितनी कीमत है, लगभग उतनी ही कीमत मोदी के चेहरे छपे थैले की है। यह ना केवल सरकारी खजाने का दुरूपयोग है अपितु राजनीतिक लाभ के लिए व्यक्ति विशेष का सत्ता बल पर सरकारी संशाधनों से चेहर चमकाने का ऐसा अनैतिक कुप्रयास है जिसकी जितनी निंदा की जाये वह कम है। विद्रोहीे ने कहा कि बुधवार उनके रेवाड़ी जिले में भी भाजपाई-संघीयों ने मुफ्त राशन के नाम पर गरीबों का मजाक उड़ाकर अपने चेहरे चमकाये। मुफ्त राशन देते समये मीडिया में अपने चेहरे चमकाते समय सरकार के मंत्रीयों, सांसदों, विधायकों ने कभी सोचा कि जिन लोगों को मुफ्त राशन देने के नाम पर फोटो ंिखचकर मीडिया में प्रचारित कर रहे है, उन्हे क्या भाजपा एक तरह से सार्वजनिक रूप से भिखारियों की श्रेणी में खड़ा नही कर रही है? अपने ही प्रदेश-देश के गरीब नागरिकों को मुफ्त राशन देने के नाम पर भिखारी बनाना यदि घोर अमानवीय कुकृत्य नही तो और क्या है? 

विद्रोही ने कहा कि जब प्रधानमंत्री हर तीन-चार माह बाद किसानों को किसान सम्मान निधि देने के नाम पर सत्ता दुरूपयोग से मीडिया में अपना चेहरा चमकाते आ रहे थे, तब भी मैंने सार्वजनिक बयान देकर कहा था कि अब जल्दी ही मोदीजी मुफ्त व सस्ता राशन देने का उत्सव मनाकर अपना चेहरा चमकाने की बेशर्मी करके गरीबी व भूख का भी मजाक का विषय बनाएंगे। मेरी यह बात सही निकली और अब हरियाणा सहित पूरे देश में मुफ्त राशन लेने वालों को एक तरह से संघी भिखारी बनाकर पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत करके उनकी भूख व गरीबी पर क्रूर अठ्ठास करके अनैतिकता की सभी सीमाएं लांघ रहे है। विद्रोही ने देश के करोड़ों गरीबों से अपील की कि वे विचारे कि जो संघी सरकार मुफ्त राशन देने के नाम पर उन्हे एक तरहे से भिखारी बनाकर पेश कर रही है, ऐसी सरकार उनकी हितैषी कैसे हो सकती है?

विद्रोही ने कहा कि कांग्रेस-यूपीए सरकार ने गरीबों की पीड़ा का एहसास करके ही देशभर में बीपीएल योजना व भोजन का अधिकार कानून बनाया था ताकि देश में कोई भी गरीब व्यक्ति कम से कम भूख से न मरे। किन्तु आज तक न तो कांग्रेस-यूपीए सरकार ने और न ही कांग्रेसी नेताओं ने इन योजनाओं का श्रेय लेने अथवा इसे मार्केटिंग का जरिया नही बनाया जबकि इसके विपरित आज मोदी-संघी सरकार मुफ्त राशन के नाम पर फूहड़ता व बेशर्मी की सभी हदे पार करके अपने ही देश के नागरिकों की भूख को भी मार्केटिंग का जरिया बना रही है। 

You May Have Missed

error: Content is protected !!