धर्मपाल वर्मा अंबाला जिले में इंडियन नेशनल लोकदल महिला प्रकोष्ठ की महासचिव तथा नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र की प्रभारी श्रीमती रजनी दीवान ने प्रदेश की गठबंधन सरकार पर झूठे प्रचार के लिए गरीब लोगों की मजबूरियों का फायदा उठाने प्रचार के नाम पर फिजूलखर्ची करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वह गरीबों की आड़ लेकर उनका मजाक उड़ा कर राजनीति करने से बाज आए। उन्होंने कहा कि सरकार की कथित गरीब कल्याण उत्सव योजना इसलिए औंधे मुंह गिर कर रह गई है कि लोगों ने इस योजना मैं कोई विशेष रूचि नहीं दिखाई। व्यावहारिक तथ्य यह है कि रोज कमा कर खाने वाले मजदूर अपनी ₹500 की दैनिक दिहाड़ी छोड़कर ₹96 का गेहूं लेने क्यों जाएगा। वह भी उन अवस्थाओं में जब वह गेहूं की थैली लेने के लिए हाथ बढ़ाएगा तो बीजेपी या जेजेपी का एक नेता उसकी गरीबी का उपहास उड़ाते हुए इस मौके का एक फोटो खिंचवा कर सोशल मीडिया पर जरूर डालेगा इससे उस गरीब व्यक्ति का स्वाभिमान हर हाल में प्रभावित होगा। श्रीमती दीवान ने कहा कि मुझे तो यह लगता है कि इस टीम में बड़ा गड़बड़ घोटाला भी इसलिए होगा कि सरकार और सिस्टम कहेगा कि सब के सब अपना राशन ले गए हैं लेकिन इसकी आड़ में ऊपर का माल नीचे और नीचे का माल ऊपर होने की गुंजाइश अंत तक बनी रहेगी। श्रीमती दीवान ने कहा कि उपरोक्त स्कीम का प्रदर्शन और प्रचार इतना बेहूदा प्रतीत होता है कि ₹100 की चीज भी नहीं ,उस पर भी भाजपा के थैले पर प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री मतलब तीन नेताओं के फोटो छपवा कर ऐसा प्रस्तुत किया गया है जैसे पात्र व्यक्ति को सरकार की तरफ से 5 किलो गेहूं नहीं बल्कि मकान की या प्लाट की रजिस्ट्री करा कर दी गई हो।उन्होंने कहा कि उन्हें पता लगा है कि प्रदेश सरकार लगभग 10,000 डिपो के माध्यम से 68 लाख लोगों को गेहूं का वितरण कर रही है। परन्तु सरकार की बेशर्मी देखिए, वह गरीबों के नाम पर इसका उत्सव मना रही है सरकार प्रति व्यक्ति ₹96 25 पैसे का गेहूं गरीबों को देकर उसके प्रचार में प्रति व्यक्ति ₹100 खर्च कर रही है। सम्मान से ज्यादा प्रचार पर खर्च कर सरकार गरीबों को सोशल मीडिया पर उनकी फोटो लगाकर उनका मजाक उड़ा रही है ।इस तरह सरकार ₹6800 लाख खर्च कर चुकी है । सवाल यह उठता है कि जब जनहित के कार्यों और कोई नुकसान आदि होने पर सरकार से मुआवजा आदि मांगा जाता है तो सरकार खजाना खाली है, का बहाना बनाती है। सरकार फिजूलखर्ची करने से बाज नहीं आ रही। इसलिए सरकार फिजूलखर्ची बंद करके इस पैसे को जनहित के कार्यों में लगाए तो अच्छा रहे। उन्होंने कहा कि इस समय हरियाणा पर 2 लाख करोड से भी अधिक का कर्जा हो चुका है । स्थिति यह है कि प्रदेश में कोई बच्चा पैदा होता है तो उस पर भी लगभग₹90000 कर्ज होता है। महामारी के बाद प्रदेश में जिस तरह बेरोजगारी बढ़ी है महंगाई बढ़ी है उससे गरीब आदमी की कमर टूट गई है ।आज उसकी दुर्दशा को सहज ही समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिगड़े हालातों के दृष्टिगत नई व्यवस्था निर्माण के लिए अपना भारत मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद डॉक्टर अशोक तंवर पूरे हरियाणा में जन जागरण अभियान चला रहे हैं जिसके अच्छे परिणाम सामने आएंगे। Post navigation नाहरी और कुराड़ को करोड़ों की मनोहर सौगात इनेलो ने जिला यमुनानगर की कार्यकारिणी, हलका/जोन अध्यक्षों एवं प्रकोष्ठों के जिला संयोजकों की नई नियुक्तियां की