दक्षिण हरियाणा से एक और यादव जाती के तथाकथित नेता श्री भूपेंद्र यादव को मोदी जी की सरकार ने अपने केंद्रीय मंत्रिमंडल में विशेष स्थान देकर इस क्षेत्र में राजनैतिक उठा-पटक का क्रम शुरू कर दिया है मानों एक म्यान में दूसरी तेजधार तलवार को जबरन रखना चाहती हैं !

क्षेत्र में चल रही जनआशीर्वाद यात्रा बताई तो जा रही है कि नए मंत्रियों को स्थानीय जनता द्वारा आशीर्वाद दिलाने के लिए ही निकाली जा रही है परन्तु घटित हो रहा है इसके बिल्कुल विपरीत , ग्रामीण क्षेत्रों के आम लोगों को तो नजदीक ही नहीं आने दिया जा रहा है भाजपा के ही जिलाकार्यकरिणी तथा मंडल स्तरीय दरबारियों द्वारा ,सरपंचों तथा पार्षदों व एक अदद टिकेट प्राप्त करने की चाह भर रखने वालों द्वारा क्योंकि उन्हें मंत्री महोदय से आशीर्वाद जो प्राप्त करना है अपने इलाके में पहचान बरकरार रखने के लिए , पकड़ मजबूत बनाए रखने के लिए और मंत्री जी भी उनकी आवभगत का लाभ लेने में जुटे हैं – अर्थात मंत्री जी पधारे तो थे स्वम् जनता का आशीर्वाद लेने के लिए मगर भाजपाई नेताओं को इन्हें ही देना पड़ रहा है , अब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या इन भाजपाइयों की पदलोलुपता और जी भरकर चापलुसियत करने की होड़ में कोई आम इंसान माननीय मंत्री जी को आशीर्वाद दे पाएगा ?

खैर छोड़ो बात करते हैं मकसद की तो जैसा कि मंचों से घोषणाएं की जा रही हैं कि पिछड़ो व अतिपिछड़ों को मोदी सरकार ने आरक्षण जो मण्डल कमीशन की रिपोर्ट पर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री वीपी सिंह ने लागू किया था उसे मोदी सरकार जारी रखेगी अथवा अदृश्य तौर पर लगी रोक हटाने से क्या-क्या लाभ होंगे बैकवर्ड क्लास वालों को , कुल मिलाकर पिछड़ी जातियों को 27 प्रतिशत आरक्षण के लाभ गिनाती फिर रही भाजपा !

इधर चर्चाओं में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पिछड़ी जातियों के वोटबैंक को रिझाने के लिए यह सब प्रचार किया जा रहा है ताकि कुछ वोट प्रतिशत बढ़ सके भाजपा का और फिर से सत्ता पर काबिज होने में सफल हो जाए चूंकि उत्तर प्रदेश के चुनावों को मद्देनजर रखते हुए ही मंत्रिमंडल विस्तार कर अधिकांस नए मंत्री ओबीसी वर्ग से जो शामिल किए गए हैं ताकि उनके वोटबैंक को हांसिल किया जा सके ।

बात जनआशीर्वाद यात्रा की कर लेते हैं तो पूर्व में भी मनोहर लाल खट्टर साहब जनआशीर्वाद यात्रा निकाल चुके हैं नतीजा 75 पार का नारा लगाने व अपना सर्वस्व लगाने उपरांत भी सीटों का आंकड़ा 40 पर ही आकर सिमट गया तथा प्रदेश में बैसाखी के सहारे सरकार बनानी पड़ी भाजपा को , परन्तु भाजपा भूल रही है शायद कि यहाँ तक भी सीटों को दिलवाने में गुरुग्राम सांसद राव इंद्रजीत सिंह की अहम भूमिका रही थी अब सवाल यह उठता है कि उनकी राजनैतिक जमीन हथियाने का यह प्रयास भाजपा को कहा लेकर जाएगा ?

बकौल तरविंदर सैनी ( माईकल ) आम आदमी पार्टी वार्डस सयोंजक गुरुग्राम दक्षिण हरियाणा क्षेत्र में राजनीतिक दखलंदाजी कर रही भाजपा का अहंकार सर चढ़कर बोल रहा है और इसी कारण वह राव इंद्रजीत सिंह की काट के लिए एक यादव नेता को मंत्री बना लेकर आई है ताकि क्षेत्र में अपने भावी उम्मीदवार को स्थापित कर सके अब वह सफल होगी या असफल यह तो देखने वाली बात होगी मगर पहली बार देखने को मिल यह रहा है कि एक राजनैतिक दल अपनी ही पार्टी में विपक्ष को तैयार कर रहा है जैसे कि भाजपा – ए भाजपा – बी अर्थात अपनी सत्ता और अपना ही विषय बनाने की सोच ।

मगर शायद भूल रही है भाजपा कि यहां की जनता शांतिप्रिय होने के साथ-साथ शिक्षित भी है और समय आने पर जवाब देती है , अभी तो वह देख रही है पिछड़ों की भलाई का दावा करने वाले पिछड़ों को आपस में लड़ाकर किस प्रकार सत्ता की मलाई चाटने का खेल – खेल रहे हैं !

माईकल सैनी का दावा है कि यादव बनाम यादव और भाई को भाई से लड़ाने की सोच रखने वाली पार्टी भाजपा के ताबूत की आखिरी कील साबित होगी यह निराधार चलने वाली जनआशीर्वाद यात्रा ।

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