यह घटना पटौदी क्षेत्र के ही गांव मिर्जापुर में बीती देर रात की.
बदमाशों से मुकाबले में ब्रह्मजीत और ओमवती दंपति घायल,
स्वतंत्रता दिवस से पहले बदमाशों की सक्रियता पुलिस को चुनौती

फतह सिंह उजाला

पटौदी । 15 अगस्त स्वतंत्रता, दिवस समारोह सिर पर आ चुका है । इसके 1 दिन बाद ही पटौदी क्षेत्र जमालपुर में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव का नागरिक अभिनंदन समारोह होना है और इस समारोह में तमाम वीआईपी ,केंद्रीय मंत्रियों का पहुंचना भी निश्चित है । इन सब आयोजन से 48 घंटे पहले पटौदी क्षेत्र में बदमाशों की मौजूदगी कहीं ना कहीं पुलिस के लिए भी बड़ी चुनौती बन गई है । कोरोना महामारी अलर्ट को लेकर अभी भी रात्रिकालीन कर्फ्यू जारी है , जगह-जगह नाके लगे हुए हैं । फिर भी बदमाश पुलिस की चौकसी को अपनी चालाकी से नाकाम करते दिखाई दे रहे हैं ।

हथियारबंद बदमाशों ने एक ही गांव में अलग-अलग तीन परिवारों को निशाना बनाया । इस दौरान एक परिवार में बदमाशों का मुकाबला करने वाले ब्रह्मजीत और ओमवती दंपति को बुरी तरह से जख्मी भी कर दिया गया। इस दंपति का यहां तक कहना है बदमाशों के द्वारा सीधा सीधा जानलेवा हमला किया गया। यह सनसनीखेज घटना और वारदात पटौदी क्षेत्र के गांव मिर्जापुर की बताई गई । मिर्जापुर गांव के ही ब्रह्मजीत पुत्र साधू राम के मुताबिक घटना गुरुवार-शुक्रवार मध्यरात्रि की है । वह अपने घर में पत्नी के साथ अलग-अलग कमरे में सोए हुए थे , इसी दौरान देर रात को कुछ लोग हाथों में लाठी डंडे और टॉर्च लेकर पहुंचे । अपने आप को पुलिस वाला बताते हुए घर की तलाशी लेने के लिए धमकाना शुरू कर दिया। शक होने पर विरोध किया गया तो अचानक ही अपने आप को पुलिस बताने वाले हमलावरों ने अपने हाथों में लिए लाठी-डंडे के साथ जानलेवा हमला बोल दिया । ब्रह्मजीत और उनकी पत्नी ओमवती ने बदमाशों के हमले का डटकर मुकाबला किया और इस दौरान ओमवती के सिर पर बदमाशों सीधा हमला बोल दिया। इसी प्रकार से ब्रह्मजीत के सिर पर भी गंभीर चोटे आई ।

गांव के ही सुरेंद्र पुत्र विद्यासागर और ईश्वर चंद्र पुत्र मातादीन के यहां भी हथियारों से लैस यह बदमाशों की टोली पहुंची । सुरेंद्र के मुताबिक वह अलग मकान पर सोया हुआ था और बच्चे सामने अलग मकान में सोए हुए थे । मध्य रात्रि करीब 2 बजे के आसपास शोर-शराबे की आवाज सुनी , जैसे ही उसने अपने कमरे का दरवाजा खोला तो दरवाजा बाहर से बंद था । सुरेंद्र की मानें तो वह जैसे तैसे दरवाजा खोलकर बाहर आया तो हमलावर बदमाश फायर करते हुए बराबर की गली से ही दौड़ते हुए चले गए। सुरेंद्र के मुताबिक गली के कोने पर हमेशा जली रहने वाली स्ट्रीट लाइट भी बंद थी। गांव मिर्जापुर की महिला सरपंच के पति समाजसेवी सत्यनारायण ने बताया कि जैसे ही उन्हें देर रात को बदमाशों के गांव में घुसने और एक के बाद एक अलग-अलग घरों पर धावा बोलने के बारे में जानकारी मिली उसी समय पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दे दी गई ।

इस दौरान पीड़ितों के द्वारा बेहद चौंकाने वाली जानकारी भी मिली, पीड़ितों के मुताबिक हमलावर बदमाश वारदात करके जा चुके थे। पुलिस मौके पर पहुंची गांव में पेट्रोलिंग की और फिर पुलिस के जाने के बाद एक बार फिर से इन हथियारबंद बदमाशों ने एक गांव में पहुंच कर ब्रह्मजीत पुत्र साधु राम और उनकी पत्नी ओमवती के घर पर पहुंचकर अपने आप को पुलिस वाला बताते हुए घर की तलाशी लेने के लिए धमकाते हुए  दरवाजा खोलने को कहा । जब दरवाजा नहीं खोला गया तो बाहर बने जंगले और खिड़की से हथियारबंद बदमाश जबरदस्ती कमरों में घुसे और जानलेवा हमला बोल दिया। अपने बचाव के लिए शोर मचाया जाने के बाद बदमाश वहां से भाग गए । इस पूरे मामले में पटौदी थाना में संपर्क करने पर बताया गया कि इस प्रकार के किसी भी हमले और घटना के विषय में पुलिस को कोई जानकारी नहीं है और ना ही किसी प्रकार की शिकायत पुलिस को प्राप्त हुई है।

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