मिसेज ब्यूटीफुल सोल बनी डॉक्टर सुरेश कुमारी मूल रूप से गांव इंछापुरी की निवासी. मौजूदा समय हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यरत. प्रतियोगिता भारतीय और भारतीय मूल की विदेशी विवाहित महिलाओं के लिए आयोजित फतह सिंह उजालापटौदी । खेल का मैदान हो या शिक्षा का क्षेत्र या आसमान की उड़ान या फिर अन्य कोई भी प्रतियोगिता। हरियाणा की छोरियां हर जगह अपनी काबिलियत और योग्यता का परचम लगातार लहराती आ रही है। इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है , डॉ सुरेश कुमारी का । डॉ सुरेश कुमारी मूल रूप से पटौदी क्षेत्र के गांव इंछापुरी की रहने वाली हैं और इनका विवाह भिवानी निवासी डॉ अजय कुमार के साथ हुआ है। हाल ही में गुरुग्राम के हयात रीजेंसी होटल में आयोजित मिसेज इंडिया क्वीन ऑफ सब्सटेंस 2021 में मिसेज ब्यूटीफुल सोल का ताज डॉ सुरेश कुमारी के सिर पर सजा है । इस कामयाबी के बाद में डॉ सुरेश कुमारी से विशेष बातचीत की गई , तो उन्होंने बताया कि आज के समय में छोरियां छोरों से किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है । फिर चाहे वह खेल का मैदान हो , पढ़ाई का क्षेत्र हो या फिर आसमान की ऊंची उड़ान हो । इसके अलावा कला जगत या कला का कोई भी मंच हो लड़कियां हर स्थान पर अपने बुद्धि कौशल का परिचय करवाते हुए हरियाणा के साथ-साथ हरियाणा की मूल संस्कृति, भाषा, पहनावा, कल्चर का परिचय करवा रही है । डॉ सुरेश कुमारी ने बताया वह राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य मिशन के तहत जीरो से 18 वर्ष के बच्चों के लिए मेडिकल और सर्जिकल की तमाम प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए काम कर रही है। जिससे कि इस आयु वर्ग के बच्चों का जीवन बिना किसी परेशानी बाधा के आनंद में जीने के लिए बना रहे सके। उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता में भारत के प्रत्येक राज्य से और विदेशों से भी भारतीय मूल की महिलाओं के द्वारा भाग लिया गया। 3 दिन तक चली इस प्रतियोगिता के दौरान विभिन्न प्रकार के चुनौतीपूर्ण दौर में निर्णायक को की कसौटी पर खरा उतरना भी बहुत बड़ी चुनौती बना हुआ था। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा की हरियाणा की संस्कृति और सभ्यता ऐसी रही है कि यहां पर शार्ट कपड़े, फैशनेबल कपड़े पहनना, मेकअप करना, फैशन इत्यादि की परंपरा देहात में नहीं रही है । सीधे और सरल शब्दों में देहात का जीवन ग्लैमर सहित रहा है और रहेगा । फिर भी उन्होंने हरियाणा की संस्कृति, सभ्यता ,पारंपरिक पहनावा और बोलचाल को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए यह साबित कर दिखाया कि हरियाणा की छोरियां किसी भी क्षेत्र में किसी भी मामले में किसी भी तरह से पीछे रहने वाली नहीं है। मां-बाप के आंगन से लेकर शादी के बाद ससुराल में जाकर किसी भी यूवति के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आ जाता है । ऐसे में यदि कोई युवति अपने सपनों को जीना और साकार करना चाहे तो वह युवती बेहद सौभाग्यशाली होती है जिसे की ससुराल पक्ष का पूरा सहयोग और समर्थन प्राप्त होता रहे । डॉ सुरेश कुमारी ने बताया उन्हें भी मायके से लेकर ससुराल पक्ष की तरफ से हर प्रकार का सहयोग मिला और मिलता रहा, भविष्य में भी मिलता ही रहेगा। मिसेज इंडिया क्वीन ऑफ सब्सटेंस 2021 प्रतियोगिता में मिसेज ब्यूटीफुल सोल का खिताब जीतने वाली डॉ सुरेश कुमारी के शब्दों में प्रत्येक युवती का कोई ना कोई ऐसा सपना और लक्ष्य होता है कि वह जीवन में अपना अपने अभिभावकों और शादी के बाद ससुराल पक्ष का नाम रोशन करें , बशर्ते इस उपलब्धि को हासिल करने में किशोरी को या फिर ससुराल में बहू के रूप में पहुंची बेटी को वहां भी बेटी की तरह से ही प्यार और प्रोत्साहन मिलता रहे । उन्होंने बेबाक शब्दों में कहा की भारत के प्रत्येक राज्य और विदेशों में रहने वाली भारतीय मूल की विवाहित महिलाओं के लिए आयोजित इस प्रतियोगिता में हरियाणवी कल्चर ,पहनावा, सभ्यता, बोलचाल और संस्कार जो भी उनके द्वारा अन्य प्रतियोगियों सहित निर्णायक मंडल के सामने प्रतियोगिता की शर्तों के मुताबिक प्रस्तुत किए गए। उसकी सभी के द्वारा खुले मन से सराहना करते हुए प्रोत्साहन भी दिया गया। किसी भी व्यक्ति के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में अपने मूल राज्य अथवा प्रदेश की संस्कृति सभ्यता का परिचय करा कर प्रतियोगिता में विजेता बनना निश्चित ही बहुत बड़ी उपलब्धि गर्व और गौरव की बात है । डॉ सुरेश कुमारी की इस उपलब्धि पर पटौदी नागरिक अस्पताल के सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर नीरू यादव के साथ साथ उनके ही वरिष्ठ आयुष विभाग के डॉक्टर सतीश कुमार के द्वारा भी बधाई देते हुए जीवन में उत्तरोत्तर तरक्की की शुभकामनाएं दी गई । इस मौके पर सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर नीरू यादव ने हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी विशेष अनुरोध किया है कि हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ हरियाणा के देहात की ही मिट्टी में पलने-बढ़ने और खेलने वाली डॉ सुरेश कुमारी को उनकी इस उपलब्धि को ध्यान में रखते हुए किसी न किसी मंच पर अवश्य सम्मानित किया जाना चाहिए। जिससे कि प्रदेश की सभी बहन बेटियों को प्रोत्साहन प्राप्त हो सकेगा। Post navigation बदमाशों का तांडव, एक ही रात में तीन परिवारों पर बोला हमला फर्रूखनगर-गढ़ी हरसरू जंक्शन-दिल्ली के बीच बहाल हो रेल सेवा