चंडीगढ़, 11 अगस्त – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा को कृषि और औद्योगिक क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के बाद राज्य सरकार की प्राथमिकता अब अपने नागरिकों के लिए एक उच्चतम ईज ऑफ लीविंग इंडेक्स पर फोकस करना है।

मुख्यमंत्री आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की वार्षिक बैठक-2021 के सत्र, जिसका विषय- ‘हरियाणा एट इंडिया@75 और गोइंग इंडिया@100’ था, में बोल रहे थे। सीआईआई की बैठक का विषय ‘इंडिया@75:गवर्नमेंट एंड बिज़नेस वर्किंग टूगेदर फॉर आत्मनिर्भर भारत’ है। सत्र में प्रसिद्ध उद्योगपतियों के साथ-साथ उत्तरी क्षेत्र और हरियाणा के सीआईआई पदाधिकारियों ने भाग लिया।

सत्र के दौरान उद्योगपतियों द्वारा हरियाणा सरकार का अगले 25 सालों का विज़न के संबंध में पूछे गए प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त शासन के एक नए युग की शुरुआत करने के बाद अब राज्य सरकार ऐसी व्यवस्थाएं तैयार कर रही है, जिससे हरियाणा ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के साथ-साथ ईज ऑफ लिविंग की ओर तेजी से बढ़ सके, ताकि प्रदेश के लोगों का जीवन आर्थिक रूप से मजबूत होने के साथ-साथ सुखमय हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1966 में जब हरियाणा पंजाब से अलग हुआ था तो ऐसा कहा जाता था कि हरियाणा अपने कर्मचारियों को वेतन भी नहीं दे पाएगा। परंतु आज हरियाणा की स्थापना के 55 साल बाद राज्य ने कई मापदंडों पर खुद को सफल साबित किया है, चाहे शिक्षा क्षेत्र हो, स्वास्थ्य, खेल या फिर कृषि क्षेत्र हो।

आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने में हरियाणा द्वारा अदा की जाने वाली भूमिका की रूपरेखा से अवगत करवाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य हरियाणा की विश्व मानचित्र पर निवेश के लिए सबसे उपयुक्त गंतव्य के रूप में पहचान बनाना है। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए पसंदीदा निवेश स्थलों में से एक के रूप में उभरा है। निवेशकों को प्रदेश में किसी भी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं आने दी जाएगी, इसके लिए हरियाणा सरकार निवेशकों को हर प्रकार का सहयोग देने के लिए तैयार है।

हरियाणा को स्पोर्ट्स हब बनाना
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा खेलों को बढ़ावा देने और राज्य के युवाओं की खेलों में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में खेल सुविधाओं को बढ़ावा देते हुए हरियाणा को स्पोर्ट्स हब बनाया जाएगा। देश की जनसंख्या का मात्र 2 प्रतिशत होने के बावजूद ओलंपिक 2020 में भाग लेने वाले भारत के 126 खिलाड़ियों में से हरियाणा के लगभग 30 खिलाड़ियों ने न केवल विश्व के सबसे बड़े टूर्नामेंट में भाग लिया है, बल्कि राज्य के पांच खिलाड़ियों ने (तीन व्यक्तिगत और दो हॉकी में) पदक भी जीते हैं।

हरियाणा की विकास गाथा
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर ने हरियाणा के विकास के इतिहास की जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा उत्तरी क्षेत्र की आर्थिक महाशक्ति है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की विशिष्टता है कि यह सामाजिक क्षेत्र और कृषि क्षेत्र के साथ-साथ खेल के क्षेत्र में भी पथ प्रदर्शक रहा है।

उन्होंने बताया कि हरियाणा को पहले केवल कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में जाना जाता था, लेकिन आज यह देश की सबसे अग्रणी औद्योगिक और सेवा क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में पिछले 10 वर्षों में देश में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई है और इसे लगातार देश के शीर्ष तीन सबसे तेजी से बढ़ने वाले राज्यों में स्थान मिला है।

ग्रोथ इंजन के रूप में हरियाणा का परिवर्तन
श्री वी. उमाशंकर ने बताया कि एक्सपोर्ट प्रीपेयर्डनेस इंडेक्स-2020 निर्यात तैयारी सूचकांक 2020 में हरियाणा तीसरे स्थान पर है। दुनिया में बीपीओ कर्मचारियों की संख्या सबसे अधिक राज्य में है और राज्य ने भारत के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल हब के रूप में भी पहचान बनाई है। इसके अलावा, हरियाणा उपभोक्ता व्यय के मामले में शीर्ष स्थान पर है। राज्य सॉफ्टवेयर का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक और राष्ट्रीय पूल में खाद्यान्न में योगदान देने के मामले में दूसरे स्थान पर है।

विदेश सहयोग विभाग की स्थापना
श्री वी उमाशंकर ने कहा कि हरियाणवी संस्कृति को बढ़ावा देने और हरियाणवी डायस्पोरा के कल्याण के लिए एक विशेष विभाग विदेश सहयोग विभाग की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि यह विभाग द्विपक्षीय और बहुपक्षीय आयोजनों में भागीदारी सुनिश्चित करता है और निवेश को बढ़ावा देने व रोजगार पैदा करने के लिए देश-वार रणनीति भी तैयार करता है। उन्होंने कहा कि यह विभाग व्यापार और निवेश के उद्देश्यों के लिए विदेशों में हरियाणा के हित को बढ़ावा देता है।

इस मौके पर विदेश सहयोग विभाग के प्रधान सचिव श्री योगेंद्र चौधरी, विदेश सहयोग विभाग के महानिदेशक डॉ. अनंत प्रकाश पांडे, सलाहकार, विदेश सहयोग विभाग श्री पवन चौधरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

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