करोड़ों रूपए लगाने के बाद भी नहीं चल रहे रेस्टोरेंट और बार
युवा कांग्रेस नेता दीपांशु बंसल पर लगाया गुमराह करने का आरोप

रमेश गोयत
पंचकूला। शहर में चल रहे रेस्टोरेंट्स और कैफे मालिकों ने पंचकूला पुलिस द्वारा बार-बार छापेमारी करके दुकानदारी ठप्प करने पर कड़ा एतराज जताया है। रेस्टोरेंट और कैफे मालिकों का आरोप है कि कोविड के कारण पहले ही दुकानदारी नहीं चल रही और ऊपर से पुलिस आकर रेस्टोरेंट और कैफे में छापेमारी कर देती है, जिसके कारण ग्राहक अब रेस्टोरेंट्स में आने से घबराने लगे हैं, जिसका सीधा लाभ चंडीगढ़ में क्लब, रेस्टोरेंट और कैफे मालिकों को हो रहा है। रेस्टोरेंट और कैसे मालिकों ने कहा कि हुक्का पिलाने के नाम पर उनके व्यवसायिक स्थानों पर छापेमारी की जा रही है, वह बिल्कुल गलत है। हम किसी भी तरह का नशीला पदार्थ नहीं बेचते हैं। जो हुक्का ग्राहकों को दिया जाता है, वह फ्लेवर हुक्का है। उसमें किसी भी तरह का निकोटिन नहीं है। फ्लेवर हुक्का बेचने पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध नहीं हैं और  हुक्का बार मालिक के पास अदालत से भी एक आदेश हैं, जिसमें हुक्का फ्लेवर वाला सर्व किया जा सकता है।

सेक्टर 5 में रेस्टोरेंट को कैफे मालिकों के संगठन के मुख्य प्रवक्ता अमित वर्मा, मनिल मोंगिया और निखिल ने बताया कि पिछले दिनों पिछले दिनों कांग्रेस के युवा कार्यकर्ता दीपांशु बंसल में अधिकारियों और हरियाणा के गृह मंत्री से मुलाकात की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि शहर में चल रहे हुक्का बार और रेस्टोरेंट कैफे में युवाओं को नशा परोसा जाता है। अमित वर्मा ने कहा कि पुलिस द्वारा कई बार रेस्टोरेंट और कैफे में छापेमारी की गई है, लेकिन आज तक एक भी मामला नशे से संबंधित नहीं आया और दिपांशु बंसल प्रशासन और गृह मंत्री को गुमराह करके उनका रोजगार बंद करने पर उतारू हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कुछ नेता भी इस व्यपार में शामिल है और हुक्का बार चला रहे हैं। इनका उद्देश्य औरों के हुक्का बार रेस्टोरेंट कैफे बंद करवा कर केवल अपने धंधे को आगे बढ़ाने की एक चाल है। अनिल मोंगिया ने कहा कि जब दीपांशु बंसल ने गृहमंत्री को ज्ञापन दिया, तो उसमें 9 नंबर वाले हुक्का बार्स का नाम काट दिया, जोकि कांग्रेस के पार्षद का है। जिससे साफ है कि दीपांशु बंसल औच्छी राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं।

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