सामुदायिक बायोगैस प्लांट लगाने के लिए प्रति यूनिट 50 लाख रूपए की राशि को बढ़ाकर दोगुना करें केंद्र – दुष्यंत चौटाला

चंडीगढ़, 5 अगस्त। हरियाणा सरकार प्रदेश में पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए ‘संपीड़ित प्राकृतिक गैस’ (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) के प्लांट्स लगाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। जिस प्रकार से इस योजना पर काम हो रहा है, उससे वह दिन दूर नहीं जब हरियाणा प्रदेश देश का पहला राज्य होगा जहां ‘पैट्रानेट एलएनजी लिमिटेड’ के प्रदूषण से मुक्ति दिलाने वाले गैस-प्लांट होंगे। ‘पैट्रानेट एलएनजी लिमिटेड’ (पीएलएल) नामक उपक्रम भारत सरकार के पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, ओएनजीसी, आईओसीएल, गेल तथा बीपीसीएल कंपनियों का संयुक्त उपक्रम है। यह जानकारी वीरवार को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई ‘गोबर-धन’ योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने को लेकर राज्यों से परामर्श करने के लिए आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान दी। इस कॉन्फ्रेंसिंग में नई दिल्ली से केंद्रीय जलशक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल भी जुड़े हुए थे।

डिप्टी सीएम, जिनके पास विकास एवं पंचायत विभाग का प्रभार भी है, ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा पहले से ही हिसार जिला के गांव नया-गांव में सामुदायिक बायोगैस प्लांट की एक यूनिट लगाने की पहल की जा चुकी है, इस गैस से गांव की करीब 40 प्रतिशत आबादी के घरों में पूर्ति की जा रही है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा सामुदायिक बायोगैस प्लांट की स्थापना के लिए प्रति यूनिट 50 लाख रूपए की धनराशि को बढ़ाकर एक करोड़ रूपए करने की मांग की। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की गोबर-धन योजना के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों में 22 सामुदायिक बायोगैस प्लांट लगाए जा रहे हैं परंतु जनसंख्या के आधार पर इन प्लांटों की संख्या को बढ़ाने का अनुरोध किया।

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा बड़ी गौशालाओं व दूध की डेयरियों में गोबर गैस प्लांट लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, इन प्लांटों पर सरकार द्वारा 40 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार को भी गौशालाओं में गोबर गैस प्लांट लगाने के लिए कोई रियायती स्कीम शुरू करनी चाहिए ताकि समग्र स्वच्छता के अभियान को आगे बढ़ाया जा सके।

दुष्यंत चौटाला ने आगे जानकारी दी कि हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश में ‘पैट्रानेट एलएनजी लिमिटेड’ के ‘संपीडि़त प्राकृतिक गैस’ प्लांट लगाने पर तेजी से काम किया जा रहा है। राज्य में ग्रामीण क्षेत्र के 14 स्थानों पर उक्त कंपनी ने अपने प्लांट लगाने की इच्छा जाहिर की है और प्रदेश सरकार ने उन स्थानों की पहचान भी कर ली है। ये प्लांट हरियाणा के गांवों में स्वच्छता को नया आयाम देंगे।

उन्होंने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 50 ‘व्यक्तिगत बॉयोगैस प्लांट्स’ प्रदेश में स्थापित किए गए हैं तथा 368 प्लांट्स लगाने के लिए पहचान की गई है, इनके अलावा कृषि विभाग द्वारा भी 102 ‘व्यक्तिगत बॉयोगैस प्लांट्स’ लगाए जा चुके हैं। इसी प्रकार, भिवानी जिला में 4 ‘संस्थागत बॉयोगैस प्लांट्स’ लगाए गए हैं। 

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