चंड़ीगढ़— ब्राह्मण जिसे आदी से अनन्त तक पूजनीय माना गया है । हर शुभ कार्य की शुरुआत ब्राह्मण के बिना शुरू नही होती । ओर जीवन के अन्तिम समय में भी आत्मा की शांति के लिये ब्राह्मण के बिना कार्य नही हो सकता । फिर भी कोई भी सताधारी सरकार आज तक ब्राह्मण समाज के लिये कुछ भी करने में असमर्थ नजर आती रही है । यह बात अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार ऑब्जर्वर्स के अंतर्राष्ट्रीय निदेशक यतीश शर्मा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कही ।

उन्होंने कहा कि अगर प्रति व्यक्ति आय अगर देखी जाए तो ब्राह्मण की आय सबसे कम है ओर यह आय ओर कम होती जा रही है । अगर आंकड़ों की बात करे तो यह आंकड़ा 537 रुपये के लगभग है और यह आंकड़ा दिन प्रतिदिन गिरता ही जा रहा है । अगर रोजगार की बात करें तो सबसे ज्यादा ब्राह्मण समाज के नोजवान युवक ,युवतियों की संख्या बेरोजगारी में सबसे अधिक है ।

यतीश शर्मा ने कहा कि आज देश मे ब्राह्मणों को दरकिनार कर अगर प्रगतिशील भारत निर्माण की अगर बात आई तो वो सम्भव नही हो सकती । क्योंकि जानकार सूत्रों के मुताबिक इतिहास में ब्राह्मण की तुलना ब्रह्मा से की गई है और ब्रह्मा सृष्टि के रचेता माने गए हैं । हैरत की बात तो यह है कि ब्राह्मण समाज जोकि पूजनीय माना गया है उसे अपने परिवार के पालनपोषण के लिये जो सँघर्ष करना पड़ रहा है वो दयनीय है । लेकिन अपनी मान मर्यादा ओर अपने पुरखों की विरासत के चलते ना तो कभी ब्राह्मण समाज ने किसी के आगे हाथ फैलाया है ना कभी फैलायेगा । क्योंकि इतिहास इस बात की गवाही देता है कि ब्राह्मण समाज ने हमेशा अपना हाथ हर वर्ग को आशीर्वाद देने के लिये उठाया है, मांगने के लिये नही ।

उन्होंने कहा कि जो वो बात इस लेख में कर रहे है । वो सताधारी सरकार या किसी से कुछ मांगने के लिये नही कह रहे । बल्कि ब्राह्मण समाज की एकता को मजबूत करने के लिये कर रहे हैं । आज सिर्फ हर ब्राह्मण परिवार को एक सन्देश देना चाहते हैं कि हमें जरूरत है तो सिर्फ ब्राह्मण समाज की एकता की। जब तक ब्राह्मण समाज एक जुट हो अपनी एकता को कायम नही करेगा । तब तक ब्राह्मण ना तो अपने धर्म की ओर ना ही देश की रक्षा कर पायेगा । ब्राह्मण हमेशा पूजनीय था और हमेशा पूजनीय रहेगा ।

यतीश शर्मा ने कहा कि चाहे कोरोना हो या कोई प्राकृतिक आपदा इसका कारण सिर्फ अपने धर्म , देश व ब्राह्मण का निरादर करने से हो रही है । वो सिर्फ इस बात को जन जन तक पहुँचाना चाहते हैं कि सभी धर्म , देश , सँस्कृति व ब्राह्मणों का मान सम्मान होता रहे ।

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