इन स्वयम्भू राष्ट्रभक्तों ने बेरोजगारी, गरीबी, भ्रष्टाचार, भुखमरी, महंगाई व स्वास्थ्य तथा शिक्षा के गिरते स्तर को लेकर कभी तिरंगा यात्रा क्यों नही निकाली
देश की आजादी के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाले शहीदों से संघी नेताओं का कद बड़ा करने पर तुली बीजेपी सरकार

पटौदी 5/8/2021 : ‘तिरंगा यात्रा निकालने वाले इन तथाकथित व स्वयम्भू राष्ट्रभक्तों से पूछा जाए कि कभी इन्होंने बेरोजगारी, गरीबी, भुखमरी, भ्रष्टाचार, महंगाई व स्वास्थ्य औऱ शिक्षा के क्षेत्र में हो रही संसाधनों की कमी को लेकर तथा सरकारी गुंडागर्दी के खिलाफ इन्होंने कभी आवाज उठाई है क्या, इनसे पूछा जाए कि देश की इन ज्वलंत समस्याओं को लेकर इन्होंने कभी तिरंगा यात्रा क्यों नही निकाली?- उक्त कथन हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव सुनीता वर्मा ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कहे। शहीदों के सम्मान में निकाली जाने वाली इस तिरंगा यात्रा को लेकर उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि इस सरकार ने तिरंगे को भी अपनी शुद्र महत्वाकांक्षाओं व स्वार्थों की पूर्ती के लिए राजनीति की भेंट चढ़ा दिया।

वर्मा ने कहा कि शहीदों के सम्मान के मामले में कंगाल इस बीजेपी ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्याय को इस यात्रा में देश के अन्य शहीदों से बड़ा दिखाया है और पटेल का व्यवसायिक इस्तेमाल करने वाली ये सरकार पटेल, गांधी, नेहरू, भगत सिंह व सुभाषचन्द्र बोष तक को भूल गई।

महिला कॉन्ग्रेस नेत्री ने कहा कि हरियाणा भाजपा की ये तिरंगा यात्रा मुख्य रूप से किसानों को भड़काने और उन्हें बदनाम करने के लिए है। किसान इसे भाजपा की कुटिल चाल के तौर पर देख रहे हैं ये उनकी समझदारी है की वो इनकी राष्ट्रीय ध्वज की आड़ में गंदी चाल को सफल नहीं होने देंगें।

देश मे व्याप्त समस्याओं जैसे भुखमरी, भ्रष्टाचार, गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, पेगासस जासूसी कांड जैसे मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की साजिश मात्र है ये इनकी तिरंगा यात्रा।

वर्मा ने अपनी विज्ञप्ति में कहा कि यह वही भाजपा है, जिसके जन्मदाता संगठन आरएसएस के मुख्यालय में 55 साल तक तिरंगे की जगह बेशर्मी से भगवा झंडा फहराया जाता रहा और ये आज तिरंगा यात्रा का नाटक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आरएसएस मुख्यालय नागपुर और उसके फ्रंटल संगठनों के दफ़्तरों में 2002 से तिरंगा यानी राष्ट्रीय ध्वज फहराने की शुरुआत हुई। 2001 तक संघ मुख्यालय और उसके अन्य दफ़्तरों में तिरंगे की जगह भगवा ध्वज फहराया जाता था और इसी नागपुर में ही इनके संघ मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने वालों के खिलाफ इन्होंने 2001 में केस नंबर 176 रजिस्टर कराया था।

प्रदेश महासचिव वर्मा ने कहा कि कठुआ कांड के बलात्कारियों और उन्नाव कांड में बीजेपी के बलात्कारी विधायक कुलदीप सेंगर के पक्ष में तिरंगा यात्राएं निकालने वाले लोग भी आज खुद को सच्चे राष्ट्रभक्त साबित करने पर तुले हैं।

कॉन्ग्रेस नेत्री ने कहा कि देशवासी 14 दिसंबर 2017 को उदयपुर कोर्ट पर लहराते देश की शान तिरंगे को उतार कर भगवा झंडा फहराने वाले आरएसएस के उन्मादी संगठनों की उस हिमाकत को कोई कैसे भूल सकता है, जिसकी वजह से एक बड़ी साम्प्रदायिक हिंसा भड़की।

वर्मा ने कहा कि असल मे इस तिरंगा यात्रा का मकसद केवल राजनीतिक लाभ लेना है इनका जरा भी ध्येय शहीदों के सम्मान का नही है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ाने वाले भारतीय सेना के सूबेदार वीर अब्दुल हमीद की शहादत में हर साल की भांति 26 जनवरी को यूपी के कासगंज में वीर अब्दुल हमीद चौक पर मनाए जा रहे शहीद सम्मान समारोह में आरएसएस से जुड़े संगठनों द्वारा तिरंगा यात्रा लेकर पहुंचना और वहाँ उत्तेजक साम्प्रदायिक नारे लगा कर हिंसा को भड़काना ऐसी ही इनकी इस तिरंगा यात्रा की मानसिकता है।

वर्मा ने कहा कि इन घटनाओं से साफ़ है कि आरएसएस और भाजपा तिरंगे की आड़ में तमाम साम्प्रदायिक गतिविधियों को जारी रखना चाहते हैं और इस प्रकार शहीद सम्मान तिरंगा यात्रा निकालने वाली ये बीजेपी तिरंगे का भी राजनीतिक लाभ लेने में जुटी हुई है।

महिला कॉन्ग्रेस नेत्री ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार के पास देश मे व्याप्त समस्याओं का कोई इलाज नहीं है। लेकिन जनता का ध्यान बँटाने के लिए उसके पास तमाम तरह के नाटक खेलने का पर्याप्त अनुभव है। इस काम में अपने राजनीतिक मुखौटे भाजपा की मदद के लिए आरएसएस ने तमाम फ्रंटल संगठन बनाये हुए हैं जिनका काम है देशभक्ति के नाम पर कार्यक्रमों का आयोजन। यह तिरंगा उसी नाटक का हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि आंदोलनरत किसानों को उकसाने के लिए ही ये तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है।

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