कमलेश भारतीय -पूर्व उपाध्यक्ष,हरियाणा ग्रंथ अकादमी

दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने पूर्व ओलम्पिक विजेता पहलवान सुशील पर 170 पेज की चार्जशीट दायर कर दी है और सुशील को उदीयमान पहलवान सागर धनखड़ की हत्या का मुख्य आरोपी बनाया है । इसमें लूट की धारा भी लगाई गयी है । क्राइम ब्रांच ने फ्लैट विवाद और वर्चस्व की लड़ाई को इसकी बड़ी वजह माना है ।

आजकल ओलम्पिक खेल चल रहे हैं । पिछले ओलम्पिक में सुशील जा न पाए यानी चयन न हुआ और क्या क्या गुल खिलाए यह भी सामने आने लगा है । जहां हम ओलम्पिक में भारतीय खिलाड़ियों की जीत की दुआएं मांगते हैं जैसे आज भी बेल्जियम से भारतीय हाॅकी टीम के लिए हवन यज्ञ किये जा रहे थे लेकिन सुशील के लिए क्या दुआ की जाए ? जिसने ओलम्पिक की विजय को गैंगस्टरों से जोड़ लिया और ज़मीन विवाद हल करवाने के धंधे में लिप्त हो गया । वैसे हिसार में भी एक बार कोर्ट के गलियारों में मैंने एक कराटे चैंपियन को लूट की वारदात में पुलिस के पहरे में हथकड़ियों में देखा था । बहुत हैरानी हुई थी । आजकल सुशील जेल में बैठा टी वी पर ओलम्पिक की कवरेज देख कर क्या सोचता होगा ? क्या उसकी आत्मा उसे धिक्कारती नहीं होगी ? खासतौर पर उस जेल में टी वी लगवाया गया है । देखो ओ दीवानो, तुम यह काम न करो । ओलम्पिक का खेल बदनाम न करो ।

खेल और जोश का साथ है । पर खेल और अपराध का साथ कैसे बना लिया , सुशील ? जिन हाथों से दांव पेंच दूसरों को पछाड़ने के लिए होते थे उन्हीं हाथों में पिस्तौल कैसे आई या डंडे कहां से आए ? जो वीडियो इस कांड का जारी हुआ है उसमें साफ साफ सुशील खुद डंडे मारता दिख रहा है । छत्रसाल स्टेडियम में वर्चस्व बनाये रखेंगे की बहुत भारी कीमत चुकाने जा रहा है सुशील । न फ्लैट विवाद हल हुआ और न वर्चस्व रहा । सब स्वाहा कर लिया , खत्म कर लिया सुशील तुमने । यह दूसरे खिलाड़ियों के लिए बहुत बड़ा सबक है । ओलम्पिक या खेल का नाम बदनाम न करो ओ दीवानो ,,,,

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