एचएयू के गिरी सेंटर में दस मीटर एयर राइफल एवं पिस्टल शूटिंग रेंज का किया उद्घाटन हिसार : 4 अगस्त – चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के विद्यार्थी शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भी अपना लोहा मनवा रहे हैं। इसके लिए खिलाडिय़ों को विश्वविद्यालय की ओर से हर प्रकार की सुविधा मुहैया करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। ये विचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने गिरी सेंटर में दस मीटर की एयर राइफल एवं पिस्टल शूटिंग रेंज के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि संबोधित कहे। उन्होंने कहा कि यह रेंज इंडोर है जिसमें सभी इलेक्ट्रॉनिक मशीनों का प्रयोग किया गया है। अभी तक विश्वविद्यालय के शूटिंग खिलाड़ी अभ्यास के लिए विश्वविद्यालय से बाहर किसी प्राइवेट संस्था आदि के माध्यम से कर रहे थे, लेकिन भविष्य में उन्हें यह सुविधा विश्वविद्यालय परिसर में ही मिल सकेगी। भविष्य में खिलाडिय़ों की सुविधा के लिए इस रेंज में अंतरराष्ट्रीय स्तर की ऑटोमेटिक मशीनों को भी स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा ताकि राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जा सकेगा। इससे पहले भी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम चमकाया है। उन्होंने बताया कि यहां की विद्यार्थी रीवा ने 10 मीटर व 50 मीटर स्पर्धा में नार्थ जोन में गोल्ड मेडल, आल इंडिया नेशनल में ब्रांज मेडल व इंडिया टीम की ट्रायल के लिए क्वालिफाई, सुनिधि ने 50 मीटर में ऑल इंडिया नेशनल गोल्ड मेडल, एनसीसी नेशनल ब्रांज व इंडिया टीम की ट्रायल के लिए क्वालिफाई तथा हर्ष डागर ने नार्थ जोन में सिल्वर मेडल हासिल किया ह। अंतरराष्ट्रीय स्तर का है सिंथेटिक टै्रक छात्र कल्याण निदेशक डॉ. देवेंद्र सिंह दहिया ने बताया कि गत दिनों एचएयू की परिधि में खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेलो इंडिया राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत 4 करोड़ 65 लाख रूपये की लागत से अंतरराष्ट्रीय सिंथेटिक ट्रैक का निर्माण किया गया है। इसके अलावा लगभग एक करोड़ रूपये की राशि से विश्वविद्यालय ने गिरी सेंटर के फेस लिफ्टिंग का कार्य कराया है। इस टै्रक की खासियत के बारे में बताते हुए कहा कि इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है और इसके लिए विश्व एथेलेटिक्स संघ ने क्लास-वन का प्रमाण-पत्र दिया है। अतिरिक्त छात्र कल्याण निदेशक डॉ. सुशील लेगा ने विश्वविद्यालय की खेल उपलब्धियों के बारे में बताया कि यहां से अभ्यास कर देश का नाम रोशन करने वाले खिलाडिय़ों में गीता जुत्शी ने ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया व पदमश्री अवार्ड विजेता रही हैं। इसी प्रकार संत कुमार ने मास्को ओलंपिक, आठवें एशियन गेम्स, जगमती ने सियोल ओलंपिक, लॉस एंजल्स ओलंपिक, एशियन गेम्स में हिस्सा लिया था। इसके अलावा एम.एस. दहिया, ज्ञान सिंह, सुखबीर सिंह, कर्मवीर सिंह, सत्यप्रकाश आर्य, ओ.पी. कुण्ंडू, जगदीप हुड्डा और संदीप चहल जैसे खिलाडिय़ों ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन के बल पर न केवल विश्वविद्यालय बल्कि देश का नाम भी रोशन किया है। उन्होंने बताया कि ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटीज/नार्थ जॉन इंटर यूनिवर्सिटीज टूर्नामेंट में कुश्ती में यह विश्वविद्यालय सात बार ओवर ऑल चैंपियन व तीन बार रनर अप रही है। इसी प्रकार बॉक्सिंग, योगा, बास्केट बॉल, कोर्टबॉल, कबड्डी, स्कवेश रैकेट, बैडमिंटन, हैंडबाल आदि में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उन्होंने बताया कि ऑल इंडिया इंटर एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटीज खेलों में वर्ष 1999-2000 से लेकर अब तक इस विश्वविद्यालय ने 53 गोल्ड मेडल, 86 सिल्वर मेडल व 57 कांस्य पदक हासिल किए हैं। ये रहे मौजूद उद्घाटन अवसर पर कुलसचिव डॉ. राजवीर सिंह, ओएसडी डॉ. अतुल ढींगड़ा, अतिष्ठाता डॉ. अमरजीत कालड़ा, डॉ. बिमला ढांडा, डॉ. एम.एस. सिद्धपुरिया, राजेंद्र ढाका सहित विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, निदेशक एवं विभागाध्यक्ष मौजूद रहे। Post navigation ओलम्पिक का नाम बदनाम कर दिया महंगाई डायन खाये जात है ,,,,