37 पैसे की छूट का दावा झूठी वाहवाही

पंचकूला 2 अगस्त हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने कहा कि प्रदेश में छोटे दुकानदारों और कृषि पर आधारित उद्योगों से जिस प्रकार से अढाई गुणा तक बिजली बिलों की वसूली की जा रही है, उसके बारे में मुख्यमंत्री और बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने कोई कदम नहीं उठाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि कोविड की विभीषिका को देखते हुए सरकार को बिजली बिलों में कम से कम 50 प्रतिशत की छूट देनी चाहिए ताकि गरीब लोगों को कुछ राहत मिल सके। लोगों का रोजगार चला गया और कोरोनावायरस के कारण जो जान-माल की हानि हुई है, उससे उबरने का केवल मात्र एक ही रास्ता है और वह है उपभोक्ताओं के घावों पर मरहम लगा कर उनको रियायत प्रदान करना।

,प्रदेश में बिजली बिल में 37 पैसे प्रति यूनिट की दर से घटाने के फैसले को उपभोक्ताओं को गुमराह करने का फैसला बताते हुए कहा कि, यह फैसला एक ढकोसला मात्र होने के साथ-साथ सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का भी एक प्रयास है। चंद्रमोहन ने कहा कि हरियाणा सरकार बिजली उपभोक्ताओं के हितों के प्रति सजग नही है और बिजली विभाग मनमाने ढंग से उपभोक्ताओं को बिजली के बिल भेज रहा है और फिर 37 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से छूट का दावा करके झूठी वाहवाही लूटने का प्रयास कहां तक सार्थक और उचित है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने लोगों के बिजली के बिल बढ़ाने के लिए एक नायाब तरीका निकाला है। इसके लिए पुराने एसी बदलने के लिए शहरों और गांवों में सब्सिडी देने की घोषणा की गई है। इससे निश्चित रूप से उपभोक्ताओं का बिजली बिल बढ़ेगा। सरकार बिजली बिल बढ़ाने का काम तो कर सकती है।

उन्होंने कहा कि 37 पैसे की छूट का दावा करके झूठी वाहवाही लूटने से अच्छा है, कोई ठोस और सकारात्मक कदम उठा कर बिजली के बढ़े हुए बिलों को ठीक करवाकर उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने का काम किया होता। इस छुट से बिजली उपभोक्ताओं को लगभग 100 करोड रुपये प्रतिमाह की बचत का दावा भी कपोल कल्पित ही लगता है।

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