गुरुग्राम के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत ने मंजूर की जमानत. रामगोपाल शर्मा को एक लाख रूपए के बॉन्ड पर दी गई है जमानत. वरिष्ठ एडवोकेट लोकेश वशिष्ठ और अविनाश मिश्रा के द्वारा पैरवी फतह सिंह उजाला पटौदी । बीती 4 जुलाई को पटौदी के रामलीला मैदान में आहूत हिंदू जागरण मंच के तत्वाधान में महापंचायत के दौरान कथित भड़काऊ विवादित भाषण देने के आरोपी रामगोपाल शर्मा उर्फ राम भगत गोपाल की जमानत गुरुग्राम की अतिरिक्त सत्र न्यायधीश की कोर्ट के द्वारा मंजूर कर ली गई है। गौरतलब है कि महापंचायत के उपरांत रामगोपाल शर्मा के खिलाफ जमालपुर निवासी दिनेश पुत्र प्रेम प्रकाश की शिकायत पर पटोदी थाना में भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए और 295 के तहत मुकदमा दर्ज कर पुलिस के द्वारा 24 घंटे के अंदर ही गिरफ्तार कर लिया गया था । पटौदी में आहूत हिंदू जागरण महापंचायत में मुख्य मुद्दे लव जिहाद, जमीन जिहाद , जबरन धर्मांतरण कराना व अन्य मुद्दे पर विभिन्न वक्ताओं के द्वारा अपनी बात कही गई । जोकि हिंदू सनातन संस्कृति और हिंदू धर्मावलंबियों की भावनाओं को कहीं ना कहीं आहत करती आ रही है । इसी महापंचायत में ही करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सूरजपाल अम्मू के द्वारा भी बेबाकी के साथ में अपनी बातें कहीं गई थी । रामगोपाल उस वक्त चर्चा में आया थाा जब शाहीन बाग में इसके द्वारा गोली चलाई गई थी । पटौैदी पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया जाने के बाद रामगोपाल शर्मा उर्फ राम भगत गोपाल को पटौदी अदालत में ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया । जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था । इसके बाद में 5 वरिष्ठ एडवोकेट के द्वारा पटोदी कोर्ट में ही रामगोपाल शर्मा की जमानत के लिए याचिका दाखिल की गई । 15 जुलाई को सरकारी वकील और रामगोपाल शर्मा उर्फ राम भगत गोपाल के पैरोकार की बहस को सुनने के बाद में अदालत के द्वारा जमानत का फैसला सुरक्षित रखते हुए 15 जुलाई को ही देर सायं आर्डर करने की बात कही । सभी एडवोकेट सहित महापंचायत में शामिल लोगों को यह उम्मीद थी कि रामगोपाल शर्मा की जमानत पटौदी सब डिवीजन कोर्ट के द्वारा मंजूर कर ली जाएगी ,लेकिन पटोदी कोर्ट के द्वारा रामगोपाल शर्मा की जमानत याचिका को खरीद कर न्यायिक हिरासत में भोंडसी जेल भेज दिया गया। इसके बाद में पटौदी कोर्ट के द्वारा रामगोपाल शर्मा उर्फ राम भगत गोपाल की जमानत याचिका खारिज किए जाने को गुरुग्राम कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायधीश डीएन भारद्वाज की अदालत में चुनौती दी गई । यहां पर रामगोपाल शर्मा की तरफ से पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के सीनियर एडवोकेट लोकेश वशिष्ठ और सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट अविनाश मिश्रा के द्वारा रामगोपाल शर्मा को जमानत दिए जाने के संदर्भ में मजबूती से अपना पक्ष रखा गया । अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डीएन भारद्वाज की अदालत में रामगोपाल शर्मा के पैरोकार के द्वारा कोर्ट को यह बताया गया कि सबसे पहले पटोदी पुलिस के द्वारा आरोपी रामगोपाल शर्मा को पुलिस के द्वारा सेेक्शन 41 के तहत नोटिस ही जारी नहीं किया गया । इसके अलावा महत्वपूर्ण बात कोर्ट के संज्ञान में यह लाई गई कि जब साक्ष्य पुलिस कस्टडी के अलावा पटोदी कोर्ट में पुलिस पुलिस के द्वारा जमा करवाए जा चुके हैं, तो ऐसे में साक्ष्य से किसी भी प्रकार छेड़छाड़ किया जाना संभव ही नहीं है । वहीं आरोपी राम गोपाल सहित परिवार को स्थाई निवास-आवास भी है। इसी प्रकार से गुरुग्राम कोर्ट में और भी अन्य तर्क मजबूती के साथ में सरकारी वकील सहित कोर्ट के समक्ष रखे गए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डीएन भारद्वाज की अदालत के द्वारा एक लाख रूपए के बांड की शर्त पर आरोपी राम गोपाल शर्मा उर्फ राम भगत गोपाल की जमानत मंजूर कर ली गई है । सीनियर एडवोकेट लोकेश वशिष्ठ ने बताया कि मंगलवार को पटोदी कोर्ट में गुरुग्राम कोर्ट के द्वारा जारी आर्डर के मुताबिक सभी औपचारिकताएं पूरी कर दी जाएंगी और इसके बाद रामगोपाल शर्मा उर्फ राम भगत गोपाल को भोंडसी जेल से बाहर लाया जाएगा । इधर जैसे ही महापंचायत आयोजकों के अलावा अन्य विभिन्न हिंदू संगठनों को रामगोपाल उर्फ राम भगत गोपाल की जमानत मंजूर होने की जानकारी मिली सभी में एक प्रकार से खुशी का माहौल बना हुआ देखा जा रहा है। Post navigation 22 शहीद स्मारक पर शहीदों के सम्मान को पहुंचेगी तिरंगा यात्रा: एमएलए जरावता पांव फिसलने से जोहड़ में गिरा किशोर, हुई मौत