-आरटीआई में मांगी थी वीआईपी लोगों की सुरक्षा पर खर्च हो रहे बजट की सूचना
-सुरक्षा कारणों का हवाला देकर दिया आरटीआई का गोलमोल जवाब
 -स्वाथ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने मांगी थी आरटीआई में जानकारी

भिवानी, 02 अगस्त। प्रदेश में माननीयों की सुरक्षा पर हर साल खर्च होने वाले बजट की सूचना देने में हरियाणा गृह मंत्रालय हिचक रहा है। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने राज्य गृह मंत्रालय के अतिरिक्त मुख्य सचिव से जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत प्रदेश में माननीयों को दी जा रही सुरक्षा पर होने वाले बजट खर्च से संबंधित सूचना मांगी थी। आरटीआई में यह भी सूचना मांगी गई कि मुख्यमंत्री, सांसद, बोर्ड अध्यक्षों, जिला अध्यक्षों, राज्य सूचना आयोग सहित अन्य वीआईपी को किस श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है, यह भी जवाब मांगा गया था।

बृजपाल सिंह परमार की आरटीआई के जवाब में गुप्तचर विभाग के डीजीपी कार्यालय पंचकूला ने जवाब भेजा, जिसमें यह बताया गया कि इस जानकारी का प्रकटन नहीं किया जा सकता है। इसके प्रकटन से किसी की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि वीआईपी लोगों की सुरक्षा के नाम पर हर साल करोड़ों रुपयों का बजट जनता के टेक्स से मिले पैसे से खर्च किया जा रहा है। इस सूचना पर आम आदमी को भी जानकारी का आरटीआई के तहत अधिकार है, लेकिन गृह मंत्रालय सुरक्षा कारणों का हवाला देकर आरटीआई का ही गुमराह करने वाला गोलमोल जवाब दे रहा है। बृजपाल सिंह ने बताया कि इस मामले की प्रथम अपील की गई है। अगर सही जवाब नहीं मिला तो राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया जाएगा। 

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