
गुडगांव: दिनांक: 2 अगस्त 2021 – आज दिनांक 2 अगस्त 2021 को भवन निर्माण कारीगर मजदूर यूनियन हरियाणा संबंधित ए आई यू टी यू सी (रजि 1845) जिला कमेटी गुड़गांव के तत्वावधान मे भवन निर्माण कारीगर मजदूरों की ज्वलन्त मांगों को लेकर जिला उपायुक्त कार्यालय गुड़गांव पर जोरदार प्रदर्शन आयोजित किया गया।
माननीय मुख्यमंत्री जी, हरियाणा को कोरोना संक्रमण काल व लॉकडाउन के दौर में मजदूर कारीगरों को निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं रोजगार व आर्थिक सहायता देने, पंजीकरण व नवीनीकरण की शर्तों को सरल करने बारे जिला उपायुक्त की ओर से तहसीलदार दर्पण कम्बोज को ज्ञापन दिया गया।
प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए ए आई यू टी यू सी के जिला सचिव श्रवण कुमार ने कहा कि प्रदेश के ज्यादातर भवन निर्माण श्रमिक अनपढ़ व साधन हीन गरीब हैं । जिनको सारा साल काम न मिलने के कारण काफी संकटों का सामना करना पड़ा है। कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन में सभी प्रकार के काम धंधे बंद होने से और भी संकट बढ़ गया है । कोरोना वायरस से बड़ी संख्या में लोग मर रहे हैं ।गांव – शहर हर जगह सार्वजनिक स्थानों पर बचाव के पुख्ता प्रबंध होने चाहिए। मास्क, सैनिटाइजर आदि सामग्री श्रमिकों को निशुल्क उपलब्ध नहीं है। पी-एच-सी- व सी-एच-सी- में अन्य बीमारियों के लिए पर्याप्त बेड, डॉक्टर, एंबुलेंस, नर्सिंग व अन्य स्टाफ, ऑक्सीजन, दवाई आदि की निशुल्क व पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। उन्होंनें सरकार से मांग की कि कोरोना संक्रमण से बचाव, सार्वजनिक सैनिटाइजेशन, टेस्टिंग, चिकित्सा व वैक्सीनेशन की निकटतम पीएचसी में निशुल्क उचित व्यवस्था की जाए। प्रत्येक मजदूर परिवार को हर महीने 10000 रुपए की नकद सहायता राशि व प्रति व्यक्ति 10 किलो अनाज दाल आदि सुखा राशन प्रतिमाह दिया जाए। मृतक श्रमिक के परिवार को तुरंत मुआवजा दिया जाए।

ए आई यू टी यू सी के जिला अध्यक्ष रामकुमार ने कहा कि लोक डाउन के चलते श्रमिकों को काम नहीं मिला, जिस वजह से परिवार का ए आई यू टी यू सी के जिला सचिव श्रवण कुमार ने कहा कि पोषण करना भारी हो गया है।आपकी सरकार द्वारा घोषित 5000 रुपए केवल घोषणा तक ही सीमित है क्योंकि सरकार ने जो शर्त लगाई है उन्हें पूरा करना आम आदमी के बूते से बाहर की बात है। हम इस राशि को बहुत कम मानते हुए 10000 रुपए मिलने की मांग करते हैं और सभी जटिलताओं को दूर करके सरल ढंग से गरीबों की सहायता की जाए ताकि इस विकट घड़ी में इन को कुछ राहत मिल सके और राशन वितरण प्रणाली से रोके गए राशन शुरु किये जाएं व रसोई संबंधित सभी खाद्य सामग्री दी जाए ताकि सभी साधनहीन गरीब जिंदा रह सकें।
भवन निर्माण कारीगर मजदूर यूनियन के जिला सचिव हेमराज ने आवेदन प्रक्रिया में खामियो को विस्तार से रखते हुए कहा कि पंजीकृत निर्माण श्रमिक जिनके सामने तरह -तरह की जटिलताएं बढ़ाकर उन्हें उनके हित लाभ से वंचित किया जा रहा है जबकि सच्चाई तो यह है कि सरकार के पास श्रमिकों का अरबों रुपया रखा हुआ है जो केवल इनके कल्याण के लिए ही राशि है।
आवेदन चार स्तर पर चैकिंग व स्कैन के बाद पास होने पर भी ‘विवाह पंजीकरण स्पष्ट नहींं, क्यूआर कोड सत्यापित नहीं’ जैसे आब्जैक्शन लगा दिये जाते हैं।
फाईल अपलोडिंग के लिए केवल 250केबी का स्थान उपलब्ध है जबकि जितने दस्तावेजों को मांगा जाता है उनके लिए कम से कम 2एमबी की जरूरत होती है।
बेसिक जानकारी में पहचान पत्र अपलोड के लिऐ आप्शन खुलता ही नहीं है।
सभी की पीपीपी आईडी स्वतः अपलोड होने पर भी ‘अपलोड नहींं होने का या अदर लेबर होने का आब्जैक्शन’ लगा दिया जाता है।
90 दिन के वर्क स्लिप अपलोड होने के बाद भी ‘आटोस्लिप का आब्जैक्शन’ लगा दिया जाता है।
मृत्युपरान्त श्रमिक का 90 दिन का वर्क स्लिप मांगा जाता है जबकि मृत्यु के बाद वर्क स्लिप कोई बनाता नहींं है।
छात्रवृति आवेदन मे बोर्ड द्वारा दी गयी मार्कशीट या स्कूल के द्वारा दिये गये प्रमाणीकरण के बावज़ूद भी डीईओ/बीईओ/तहसीलदार का वेरीफिकेशन की मांग की जाती है।
अधिकारीयों के हस्ताक्षर, मोहर व फोन नम्बर होने पर भी डिस्पैच नम्बर मांगा जाता है जबकि इसके लिए सरकार द्वारा कोई नोटीफिकेशन नहींं दिया है।
इसलिए सरकार से हम पुरजोर मांग करते हैं कि आप इस लचर प्रक्रिया को सरल करके गरीब लोगों को उनका हक दें। इस तरफ सरकार व बोर्ड को अति शीघ्र ध्यान देने की जरूरत है।नए पंजीकरण व नवीनीकरण की शर्तों को सरल किया जाए। हर गांव व शहरी वार्ड में निर्माण मजदूरों को विकल्प काम उपलब्ध कराया जाए। विभाग में भ्रष्टाचार फैलाने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। सभी प्रकार के हितलाभ का निपटारा 45 दिन के अंदर अंदर किया जाए। आवेदन प्रक्रिया में वर्णित बाधाओं का तुरंत समाधान किया जाए। सन्देशों को हिन्दी में भेजा जाए। पहले की तरह रजिस्टर्ड यूनियनों को वेरीफिकेशन का अधिकार दिया जाए।