किसानों के कंधे पर रखकर बंदूक चला रहे कांग्रेस व कम्युनिस्ट नेता- जेपी
ऐसे पीटे हुये नेताओं को जनता स्वीकार नहीं करेगा- जेपी
बारिश में नहर टूटने से बरबाद हुई फ़सलों को लेकर बोले कृषि मंत्री
किसानों को घबराने की ज़रूरत नहीं, सरकार करेगी नुक़सान की भरपाई- जेपी
करनाल, कैथल की तरफ़ डीसी को दिये हैं जाँच के निर्देश- जेपी

भिवानी 31 जुलाई। भिवानी पहुँचे हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने किसानों के मिशन यूपी पर बड़ा बयान दिया है। जेपी दलाल ने कहा है कि राजनितीक सोच रखने वाले किसान नेता भाजपा को नहीं हरा सकते। साथ ही उन्होने कहा कि स्वतंत्र दिवस पर मंत्री व नेताओं को राष्ट्रीय ध्वज ना फहराने देने की चेतावनी को छोटी सोच बताया और बारिश से बरबाद फ़सलों को लेकर किसानों को परेशान ना होने की बात कही।

बता दें कि कृषि मंत्री जेपी दलाल शनिवार को अपने आवास पर लोगों की समस्याएं सून रहे थे। इस दौरान उन्होने अधिकतर लोगों की समस्या का समाधान मौक़े पर ही संबंधित अधिकारों को फ़ोन कर करवाया। इसके बाद कृषि मंत्री मीडिया से रूबरू हुये।

सबसे पहले कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बारिश के समय उफान पर चल रही नहर टूटने से बरबाद फ़सलों को लेकर कहा कि किसानों को परेशान होने की ज़रूरत नहीं। उन्होने कहा कि संबंधित जिला के डीसी को जाँच कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिये हैं, ताकि समय रहते स्पेशल गिरदावरी हो सके। उन्होने कहा कि जिन किसानों ने बिमा करवाया है उन्हें कंपनी से और जिन्होंने नहीं करवाया उनके नुक़सान की भरपाई हरियाणा सरकार करेगी।

वहीं किसान नेताओं को मिशन यूपी पर जेपी दलाल ने कहा कि राजनितीक मंशा रखने वाले किसान नेता भाजपा को नहीं हरा सकते। भाजपा को जनता का आशीर्वाद मिला है और जब तक रहेगा तब तक सेवा करेंगे। उन्होने कहा कि कांग्रेस व कम्युनिस्ट के ज़मानत जब्त व पीटे हुये नेताओं को जनता स्वीकार नहीं करेगा। वहीं केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेख व टिकटोक स्टार तथा भाजपा नेत्री सोनाली फौगाट की किसानों को लेकर ग़लत बयानबाज़ी के सवाल पर कृषि मंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में जनता मालिक तथा नेता व अधिकारी सेवक होते हैं।

वहीं हरियाणा के कुरुक्षेत्र व जींद जिला में किसान नेताओं द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर सरकार के किसी भी मंत्री या नेता को राष्ट्रीय ध्वज ना फहराने देने की चेतावनी पर कहा कि बहुत लंबे संघर्ष व बड़े बलिदानों के बाद देश को आज़ादी मिली थी। ऐसे पर्व पर ऐसे बयान दुर्भाग्यपूर्ण हैं और छोटी सोच दर्शाते हैं।

कृषि मंत्री ने बारिश व नहरें टूटने से बरबाद किसानों को लिए तो राहत भरी बात कही है, लेकिन आठ माह से जारी किसान आंदोलन व सरकार से जारी टकराव पर सामाधान का कोई ज़रिया उनके पास दिखाई नहीं दिया।

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