किलोमीटर स्कीम बसें लगातार दुर्घटनाग्रस्त होने व विभाग को हो रहे घाटे से सबक ले सरकार सरबत सिंह पूनिया, प्रदेश महासचिव चण्डीगढ, 30 जुलाई – हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन सम्बन्धित सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश महासचिव सरबत सिंह पूनिया ने जारी प्रैस ब्यान में कहा किलोमीटर स्कीम की बसों में आये दिन यात्रियों के दुर्घटनाओं का शिकार होने के अलावा जनता में विभाग की बदनामी हो रही है। उन्होंने कहां किलोमीटर स्कीम की बसों में बस मालिक नाममात्र वेतन में अनट्रेंड चालक रखते हैं। महंगाई के दौर में कम वेतन में मालिकों द्वारा चालक भर्ती कर बेरोजगारों का जमकर शोषण किया जाता है। उन्होंने कहा जनता को भ्रमित करने के लिए किलोमीटर स्कीम की बसो का रंग व डिजाइन सरकारी बसों जैसा किया है।किलोमीटर स्कीम की बसों में यात्री सफर के दौरान भयभीत रहते हैं। कर्मचारी नेता ने बताया कोरोना महामारी के दौरान रोड़वेज कर्मचारी जान जोखिम में डाल कर जरूरत के अनुसार सरकारी बसें जनसेवा के लिए चलाते रहे। परन्तु किलोमीटर स्कीम की सभी बसें खड़ी रहने पर भी शर्तो के तहत बस मालिकों को विभाग पैसा देगा। कोरोना महामारी के दौरान हरियाणा रोड़वेज की कम बसें चलने के कारण पहले से ही 1700 करोड़ की मार झेल रहा विभाग किलोमीटर स्कीम बस मालिकों को करोड़ों रूपये का भुगतान करने से बर्बाद हो जाएगा । प्रदेश महासचिव श्री पूनिया ने कहा दिसम्बर 2018 में रोड़वेज कर्मचारियों द्वारा की गई 18 दिन की हड़ताल के दौरान कर्मचारी नेताओं द्वारा दिए गए सभी तर्क आज सिद्ध हो गये हैं। तालमेल कमेटी नेता उस समय कह रहे थे किलोमीटर स्कीम की बसें विभाग व सरकार के लिए घाटे का सौदा तो है, इसके साथ ही कहा था प्राइवेट बसें जनता को बेहतर व सुरक्षित परिवहन सेवा नही दे सकती। परन्तु सरकार ने माननीय उच्च न्यायालय का सहारा लेकर हड़ताल खुलवाई। सरकार ने हठधर्मिता अपनाकर कर्मचारियों को भ्रमित कर किलोमीटर स्कीम बसें चलाई गई। जिसका परिणाम कर्मचारियों, अधिकारियों, जनता व सरकार के शामने हैं। उन्होंने कहा किलोमीटर स्कीम बसों से विभाग को हो रहे घाटे व आए दिन हो रही दुर्घटनाओं से सबक लेकर सरकार किलोमीटर स्कीम को रद्द कर विभाग में 14 हजार सरकारी बसें शामिल की जाए। ताकि जनता को बेहतर व सुरक्षित परिवहन सेवा मिलने के अलावा 84 हजार बेरोजगारों को स्थाई रोजगार मिल सकें। उन्होंने एक बार फिर कहा जनता व कर्मचारियों की रोडवेज सहित किसी भी विभाग के निजीकरण की मांग नहीं तो सरकार आखिर सरकारी विभागों को सिकोड़ने पर क्यों लगी हुई है? श्री पूनिया ने सरकार से पुरजोर मांग की कोरोना महामारी के दौरान बसें खड़ी रहने व डीजल की कीमतों में भारी बढ़ौतरी से हुए विभाग के घाटे की भरपाई के विभाग को 2000 करोड़ रुपये का पैकेज दिया जाए। Post navigation आंदोलन की वजह से बाधित न हो लोगों की आज़ादी- विज मुख्यमंत्री ने हरियाणा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का औपचारिक रूप से किया लोकार्पण