*अधिकारियों के साथ ज्यादा पानी भरने वाले स्थलों पर निकासी के प्रबंध करने को लेकर की चर्चा।
पानी निकासी के तात्कालिक प्रबंध करने के दिए निर्देश।*

गुरूग्राम, 27 जुलाई। गुरूग्राम के उपायुक्त डा. यश गर्ग ने शहर में जलभराव को लेकर जीएमडीए , एनएचएआई तथा नगर निगम के अधिकारियों की बैठक बुलाई और उन्हें जलभराव की समस्या का समाधान करने के आदेश दिए।

बैठक में उन्होंने गुरूग्राम शहर में जिन स्थानों पर ज्यादा जलभराव हुआ है उनका एक-एक करके अधिकारियों से समाधान करने के बारे में जवाब तलब किया । उन्होंने कहा कि इस मौसम की पहली बारिश में ही गुरूग्राम शहर के कुछ स्थानों पर ज्यादा जल भराव हो गया था, जोकि नही होना चाहिए था और अधिकारियों को समय रहते इसका समाधान करने के लिए कहा गया था। इस बारे में सभी संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट भी मांगी गई थी। डा. गर्ग ने कहा कि अब सभी संबंधित अधिकारीगण जलभराव की समस्या के समाधान के लिए तत्काल किए जाने वाले उपाय करें और बारिश के मौसम के बाद जिन स्थानों पर ज्यादा पानी जमा हुआ है उनकी सूची बनाकर इस समस्या का स्थाई समाधान करवाना सुनिश्चित करें।

बिंदुवार जलभराव स्थलों की समीक्षा करने के दौरान सैक्टर-9 और 10 में जलभराव का कारण जीएमडीएम और नगर निगम के अधिकारियों ने बसई चौंक पर बनाए जा रहे फलाईओवर की वजह से मास्टर ड्रेन क्षतिग्रस्त होना बताया। उन्होंने कहा कि मास्टर ड्रेन की मरम्मत होने तक फलाईओवर से पहले सीमेंटिड सड़कों के नीचे से ट्रेंचलैस पाइप डालनी पड़ेगी। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि यह पाइप डालने का कार्य जीएमडीए करेगा जबकि सीमेंटिड सड़कों के दक्षिण की तरफ संप बनाकर पानी निकासी के लिए उपयुक्त क्षमता का पंप नगर निगम द्वारा लगाया जाएगा। उन्होंने यह कार्य एक सप्ताह में करने की समय सीमा भी तय की। इसके अलावा, नगर निगम के अधिकारियों ने उपायुक्त को अवगत करवाया कि सैक्टर-9 से बारिश का पानी निकालने के लिए कच्ची ड्रेन खोद दी गई है और सुपर सक्कर मशीन लगाकर सीवरेज लाइन को साफ किया गया है। उपायुक्त ने निगम के अधिकारियों से कहा कि वे इस सैक्टर के पानी को जीएमडीए की मुख्य लाइन में डालने की व्यवस्था करें।

बैठक में सैक्टर-15 भाग-2 में जलभराव का मामला भी रखा गया जिसमें जीएमडीए के अधिकारियों का कहना था कि सिग्नेचर टावर की तरफ से सारा पानी राष्ट्रीय राजमार्ग से होते हुए इस सैक्टर में भर जाता है।उन्होंने सुझाव दिया कि हाईवे के कलवर्ट बंद करके इस सैक्टर को जलभराव से बचाया जा सकता है। साथ ही सुझाव दिया गया कि राष्ट्रीय राजमार्ग की सरफेस ड्रेनों को सिग्नेचर टावर के पास से गुजर रही एल-2 ड्रेन के साथ जोड़ना उचित रहेगा।

बैठक में बताया गया कि हाईवे पर अंडरपास बनने से सरफेस ड्रेन की कनेक्टिविटी टूट गई है। अधिकारियों के तर्क और सुझाव सुनने के बाद उपायुक्त डा. गर्ग ने निर्देश दिए कि जीएमडीए और एनएचएआई के अधिकारीगण संयुक्त रूप से देखेंगे कि सरफेस ड्रेन को कहां जोड़ा जा सकता है और सैक्टर-31 , सिग्नेचर टावर , राजीव चौंक तथा सैक्टर-15 आदि क्षेत्र में जलभराव की समस्या का समाधान करेंगे। इसमें ये निर्देश भी दिए गए कि जहां संभव हो नगर निगम रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर भी बनाए। शीतला माता मंदिर के सामने जलभराव की समस्या के समाधान के लिए नगरनिगम के अधिकारियों ने बताया कि उसका कुछ पानी मंदिर के तालाब में और बाकि बचा पानी मंदिर के सामने पार्किंग साइट में निकाला जा सकता है। उपायुक्त ने यह कार्य अगले सोमवार शाम तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इसी प्रकार, महाराजा अग्रसैन चौंक पर राजकीय स्कूल के सामने पानी निकासी के लिए रोड़ गली खोलने के निर्देश दिए गए और मुख्य बस अड्डे पर भरने वाले पानी की निकासी के लिए नगर निगम पंप लगाकर व्यवस्था करेगा।

बैठक में जीएमडीए के मुख्य अभियंता प्रदीप कुमार, अधीक्षण अभियंता राजेश बंसल, एनएचएआई से पी के कौशिक , नगर निगम के अधिकारीगण उपस्थित थे।

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