बरसात से निपटने के लिए कहां खर्च हुए करोड़ों रूपए: चंद्रमोहन
शहर में नही है बरसाती पानी निकासी के पुख्ता प्रबंध
पंचकूला के किशनगढ़ व अन्य सेक्टरों में हालात खराब
रमेश गोयत
पंचकूला। हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने कहा कि मानसून की पहली बरसात सरकार व प्रशासन के तमाम दावों, प्रबंधों को बहाकर ले गई। बाढ़ प्रबंधन व जल निकासी के इंतजामों पर करोड़ों रुपये आखिर कहां खर्च किए गए। बरसाती पानी निकासी के नाम पर खर्च में घोटाले की बू आ रही है, उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए। चन्द्रमोहन ने कहा कि सड़कों, गलियों, अंडरपासों में कई—कई फूट जमा पानी स्वयं प्रमाण दे रहा है कि कहीं भी जल निकासी के पुखता इंतजाम नही है। हर शहर में जल भराव, टूटी सड़कों पर लंबे जाम देखे जा सकते है।
चन्द्रमोहन ने कहा किसी शहर, कस्बे में नालों, सीवर पर काम हुआ दिखाई नही दे रहा। सरकार तीन माह से इनकी सफाई का ढिंढोरा पीट रही थी। करोड़ों रुपये खर्च करने की बात कही जा रही थी। हर नगर निगम, परिषद व पालिका ने नगर, कस्बों को बाढ़, जलभराव, सीवर जाम से बचाने के लिए बढ़-चढ़ कर दावे किए थे। लेकिन सोमवार, मगलवार को तड़के से शुरु हुई बरसात ऐसा सैलाब लाई जो सारे दावों, प्रबंधों को ताश के पत्तों की तरह बहा ले गया। हर शहर में परेशानियों से घिरे लोग सरकार को कोसते नजर आए घरों में पानी घुस गया, तालाब बनी सड़कें जगह जगह से टूट गई अभी तो पूरा मानसून सीजन सामने है। पंचकूला के गांव किशनगढ़ में बाढ़ जैसे हालात है। पंचकूला के बाकी सेक्टर मनसा देवी रेलवे पुल व अन्य सेक्टरों मैं भी हालत बद से बदतर हो गई है।
शहर में बरसाती पानी निकासी के पुख्ता प्रबंध नही है। सोमवार, मगलवार को हुई बारिश से शहर की सभी सड़को ने तालाब का रूप ले लिया। लोगों के घरो व दूकानो मे पानी घूस गया। नगर निगम के अधिकारियों ने बरसात को लेकर सभी पुख्ता प्रबंध व बरसाती नालों की साफ-सफाई के दावे किए थे। मगर यह दावे हुई बारिश ने घो डाले। निचले इलाकों में जलभराव से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पंचकूला में एक बारिश होते ही सड़के तालाब का रूप ले लेती है। जिसका कारण है ड्रैनेज सिस्टम ठीक न होना। पंचकूला के जब सैक्टर बने थे उस समय ड्रैनेज के लिए रैन वाटर की लाईने लगाई गई थी। मगर उसके बाद इन पर कोई ध्यान नही दिया गया है। लगभग सैक्टरों व चौको पर इनके मैन होल बन्द पड़े है। जिसके कारण यह समस्या बढती जा रही है। पंचकूला में बरसाती पानी के लिए ड्रेनेज सिस्टम का बुरा हाल है।