जनता को उझाड़ने से बचाने के लिए अवैध कालोनियों को नियमित करे सरकार
क्षेत्र से भेदभाव भाजपा ने 7 साल में केवल 6 कालोनियां ही की नियमित
रमेश गोयत

पंचकूला, 20 जुलाई। सरकार द्वारा पिंजौर-कालका क्षो के लोगों को हर तरफ से उझाड़ने का काम किया जा रहा है, हजारों ऐसे परिवार है जिनके घरों पर अवैध कॉलोनियों की तलवार लटकी हुई है जिस कारण वहां पर न तो सरकार द्वारा कोई डवैल्पमेंट करके लोगों को सुविधा दी जा रही है ओर उपर से डीटीपी द्वारा उनमें निर्माणधीन घरों को तोड़ने की कार्यवाई भी की जा रही है यह बात कालका विधायक प्रदीप चौधरी ने क्षेत्र वासियों को उझडने से बचाने के लिए सरकार से मांग करते हुए कही, चौधरी ने कहा कि जब यह कॉलोनियां डवैल्प हो रही होती है तब सम्बन्धित विभाग व सरकार कोई ध्यान नही देती, जब इनमें लोग अपनी जिदगी की सारी पूंजी लगाकर खाली प्लाट लेकर उनमें मकान बना लेते है तब वहां पर उन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखकर कहा जाता है कि यह अवैध कॉलोनियां है, नगर परिषद के अंतर्गत पड़ने वाली कॉलोनियों में रहने वाले लोगों से टैक्स भी वसूला जा रहा है परन्तु जब डवैल्पमेंट की बात आती है तो उन्हें अवैध कालोनियां कहकर छोड़ दिया जाता है।
चौधरी ने कहा कि पिंजौर कस्बे को 1996 में नगरपालिका का दर्जा मिला था उस समय पिंजौर पालिका की हद बहुत ही कम थी। सुरजपूर एसीसी बंद होने के बाद और एचएमटी हदसे सेवानिर्वत हुए कर्मियों ने पिंजौर में ही जमीन लेकर अपने घर बना लिए जिससे पालिका हद के अदर जमीन कम पडनÞे लगी ओर लोगों ने उसके बाहर मकान बना लिए। देखते ही देखते आसपास छोटी-छोटी कई कॉलोनियां विकसित होने लगी। उधर जिलानगर योजनाकार विभाग ने उन्हें अवैध कहकर उन पर अपनी कार्यवाई शुरू कर दी गई। उसके बाद जनता ने कालोनियों को नियमित करने के लिए सरकार से मांग शुरू कर दी थी।
सरकार ने क्षेत्र के साथ भेदभाव किया है, क्षेत्र की दर्जनों कालोनियां अवैध है। भाजपा सरकार ने 6 साल के कार्यकाल में पचंकूला क्षेत्र की केवल 6 कालोनियों को ही नियमित किया गया। जबकि सरकार ने दर्जनों ऐसी कालोनिया अवैध के दायरे में रखी हुई है जिहे बसे हुए करीब 30 साल तक हो चुके है और कई कालोनियों में तो करीब 70 प्रतिशत तक विकसित हो चुकी है। सरकार क्षेत्र वासियों को उझड़ने से बचाने के लिए कॉलोनियों को नियमित करें ताकि लोगों को मूलभूत सुविधाएं मिल सके और अवैध का धब्बा भी हटकर वहां पर मकान सुरक्षित हो।