खाद्य आपूर्ति विभाग के सब इंस्पेक्टर को घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा था.
यह मामला 25 जुलाई 2018 को हेलीमंडी इलाके के डिपो का

फतह सिंह उजाला
पटौदी। 
  10 हजार घूस, अब 6 वर्ष की जेल और 25 हजार जुर्माना…. जी हां चैंकिये नही यह हकीकत में हुआ है। इस प्रकार का महत्वपूर्ण फैंसला गुरुग्राम एडीशनल सेशन जज अश्वनी कुमार की कोर्ट के द्वारा घूसखोरी के एक केस में सुनाया है।  

भ्रष्टाचार के एक मामले में अहम फैसला सुनाते हुए माननीय जज अश्वनी कुमार की कोर्ट ने खाद्य आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर निकेश रोहिल्ला को 10000 की रिश्वत लेते हुए विजिलेंस द्वारा रंगे हाथों पकड़े जाने पर दोषी पाया है। इसके साथ ही घूसखोरी के दोषी को 6 वर्ष जेल की सजा तथा 25 हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई है!  घूस लेने के इस मामले में दोषी निकेश रोहिल्ला गुरुग्राम के खाद्य आपूर्ति विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत था । इस दौरान 25 जुलाई 2018 को पटौदी हलके के हेली मंडी क्षेत्र के निवासी सोनू सिंह से आरोपी खाद्य आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर निकेश रोहिल्ला के द्वारा राशन डिपो अलॉट करने के लिए 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी गई ।

शिकायतकर्ता सोनू सिंह, आरटीआई ग्रुप अधिकार मंच के कार्यकर्ता बलबीर सिंह व रमेश यादव की मदद से इसके बारे में शिकायत स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को की गई। स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने विजिलेंस डीएसपी धर्मवीर के नेतृत्व में 500-500 के 20 नोट पाउडर लगाकर शिकायतकर्ता को देखकर खाद्य आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर निकेश रोहिल्ला के पास भेज दिया।  स्टेट विजिलेंस ब्यूरो द्वारा दिये गए विशेष नोट आरोपी निकेश रोहिल्ला ने लेकर अपनी मेज की दराज में रख लिये। इसके बाद में तभी विजिलेंस की टीम ने घूय के रुपए बरामद कर 25 जुलाई 2018 को ही निकेश रोहिल्ला को गिरफ्तार कर लिया। करीब 3 वर्ष की अदालती कार्रवाई के दौरान निकेश रोहिल्ला दोषी पाए गए।

इसके बाद 15 जुलाई 2021 को माननीय एडीशनल सेशन जज अश्वनी कुमार की कोर्ट ने दोषी खाद्य आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर निकेश रोहिल्ला को  6 वर्ष की सजा तथा 25 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी खाद्य आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर निकेश रोहिल्ला को 3 महीने की अतिरिक्त जेल की सजा भी भुगतनी पड़ेगी।

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