चंडीगढ़, 17 जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के विजन और प्रदेशवासियों को गुणवत्तापरक निर्बाध बिजली उपलब्ध करवाने की प्रतिबद्धता के अनुरूप कार्य करते हुए प्रदेश में बिजली क्षेत्र में किए गये आमूलचूल परिवर्तनों के फलस्वरूप हरियाणा बिजली वितरण निगमों ने केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई नौवीं डिस्कॉम्स इंटिग्रेटिड रेटिंग में देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है।

हरियाणा के बिजली, जेल एवं अक्षय ऊर्जा मंत्री श्री रणजीत सिंह ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि कहा कि  केंद्रीय विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह द्वारा गत दिवस नौवीं डिस्कॉम्स इंटिग्रेटिड रेटिंग जारी की गई है, जोकि देशभर की 41 पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों की परफॉर्मेंस पर आधारित है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी के विजनरी नेतृत्व में बिजली विभाग ने यह मुकाम हासिल किया है। उन्होंने कहा किवित्त वर्ष 2019-20 की रेटिंग में हरियाणा बिजली वितरण निगमों ने देश मे दूसरा स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश के इतिहास में हरियाणा डिस्कॉम का यह अब तक  का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन रहा है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा आई.सी.आर.ए. तथा एनालिस्टिक्स लिमिटेड और केयर एडवाइजरी रिसर्च एंड ट्रेनिंग लिमिटेड के सहयोग से देश की विभिन्न पावर कंपनियों के कार्यों समीक्षा की जाती है। देश में इस तरह की पहली रैंकिंग वित्त वर्ष 2012-13 में की गई थी।

श्री सिंह ने बताया कि नौवीं डिस्कॉम्स इंटिग्रेटिड रेटिंग में गुजरात की चार कंपनियों के साथ राज्य की दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड को ए+ ग्रेड मिला है तथा उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड को ए ग्रेड प्राप्त करने में सफलता मिली है। देश के सभी राज्यों की परफॉर्मेंस में गुजरात की चारों कम्पनियों को पहला स्थान प्राप्त हुआ है और हरियाणा ओवरऑल दूसरे स्थान पर रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की परफॉर्मेंस काफी बेहतर हुई है। इसलिए बिजली के क्षेत्र में हमारी सरकार की ओर से किए गए नए-नए प्रयोगों और दूरदर्शी विजन की वजह से राज्य को रेटिंग में ऐतिहासिक उच्च स्थान प्राप्त हुआ है।

बिजली मंत्री ने बताया कि उचित रेटिंग के लिए कईं मानकों का अध्ययन किया जाता है। इसमें पहला मानक ऑपरेशनल व रिफॉर्म पेरामीटर है, जिसके लिए 43 अंक निर्धारित किए गए हैं। इसमें लॉसिस के लिए पावर परजेज, कॉस्ट एफिसेंसी, आरपीओ कॉपींलेंस, कॉर्पोरेट गर्वनेंस शामिल हैं। इसका दूसरा एक्सटरनल पेरामीटर 15 स्कोर का है, जिसमें रेगुलेटरी तथा गर्वमेंट स्पोर्ट के अंक दिए जाते हैं। इसी प्रकार तीसरा 42 स्कोर का फाइनेंसियल पेरामीटर है, जिसमें कॉस्ट कवरेज रेसियो, इंटररेस्ट कवररेज रेसियो, ऑडिट, सस्टेनबिलिटी, रिसेवबल्स आदि शामिल हैं।  हरियाणा के दोनों निगमों को बहुत उच्च परिचालन और वित्तीय प्रदर्शन क्षमता के आधार पर अच्छी रैंकिंग मिली है।

श्री सिंह ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश के प्रत्येक गांव-शहर में 24 घंटे बिजली पहुंचाना के लक्ष्य की ओर लगातार बढ़ रही है। सरकार ने बड़े पैमाने पर जनता को बिजली बिल भरने के लिए जागरूक व प्रोत्साहित किया है तथा बड़े स्तर छापेमारी से बिजली चोरी पर लगाम लगाई है। ऐसे में जनता और दोनों निगम फायदे में हैं। हरियाणा के बिजली विभाग द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किए जाने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने जब बिजली विभाग का जिम्मा उठाया तभी यह ठान लिया था कि बिजली विभाग में आमूलचूल परिवर्तन करना हैं और इसे घाटे से मुनाफे की तरफ लेकर जाना है। उन्होंने बताया है कि पॉवर फाइनेंस कारपोरेशन बिजली कंपनियों को लोन देता है और हर साल इन कंपनियों की कार्यप्रणालियों को लेकर नंबरिंग करता है। हरियाणा का बिजली विभाग लगातार अपनी सेवाओं और कार्यप्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव एवं सुधार कर रहा है। जिसके परिणामस्वरूप बिजली निगम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं।

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