शुक्रवार को दीप होटल स्विमिंग पूल में डूबने से दो की हुई मौत.
पटौदी-हेलीमंडी के बीच पटौदी सीमा में दीप होटल एवं स्विमिंग पूल.
होटल और स्विमिंग पूल परमिशन और रजिस्ट्रेशन पर गोलमाल जवाब

फतह सिंह उजाला

पटौदी ।  दो लोगों की मौत के बाद दीप होटल एवं स्विमिंग पूल उच्च स्तरीय जांच के कटघरे में खड़ा आ गया है । पटौदी -हेली मंडी के बीच पटौदी नगर पालिका सीमा में स्थित दीप होटल एवं स्विमिंग पूल कथित रूप से बीते कई वर्षों से आम लोगों के लिए उपलब्ध है । सूत्रों के मुताबिक यहां पर ठहरने से लेकर स्विमिंग तक की सुविधा उपलब्ध है । सड़क किनारे ही बोर्ड भी लगा हुआ है , दीप होटल रूम एसी और नॉन एसी रूम्स अवेलेबल है ।

शुक्रवार को दोपहर के समय दीप होटल परिसर में बने स्विमिंग पूल में 2 लोगों के डूबने से मौत हो गई। मरने वालों की पहचान राजेश पुत्र जय भगवान और शेर सिंह पुत्र अभय सिंह वार्ड नंबर 13 जाटोली के रूप में की गई है । बताया गया है कि इनके साथ में भजन लाल पुत्र हरिराम और मेहर चंद पुत्र छुट्टन लाल दो व्यक्ति और भी मौजूद थे । शुक्रवार को पटौदी दमकल विभाग को दीप होटल परिसर में बने स्विमिंग पूल में 2 लोगों के डूबने की सूचना मिली। इसके बाद मौके पर पहुंचे दमकल विभाग के कर्मचारी और सूचना मिलते ही पटौदी थाना पुलिस के कर्मचारी भी घटनास्थल पर पहुंच गए । दीप होटल परिसर में बने स्विमिंग पूल में डूब कर मरने वाले राजेश पुत्र जय भगवान के भाई दिनेश का आरोप है कि यहां पर नियमित रूप से बहुत से लोग और युवक स्विमिंग पूल में नहाने के लिए आते रहते हैं।

लेकिन शुक्रवार को जिस प्रकार से 2 लोगों की मौत हुई , वह बहुत ही रहस्य में बनी हुई है । दीप होटल एवं स्विमिंग पूल के मालिक एवं संचालक शोनारायण के मुताबिक होटल और स्विमिंग पूल को बीते कई दिनों से बंद किया हुआ है । अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि चार व्यक्ति जबरदस्ती किसी के अपने प्राइवेट परिसर में किस प्रकार से पहुंच गए ? मौके पर पहुंचे दमकल विभाग के ही कर्मचारी अनिल कुमार के मुताबिक जब वह मौके पर पहुंचे तो स्विमिंग पूल से मरे हुए दोनों लोगों के शव पहले ही बाहर निकाल कर किनारे पर रखे हुए थे । अनिल के मुताबिक मरने वालों के शरीर नीले पढ़ चुके थे । यदि ऐसा है तो यह भी एक जांच का विषय है कि स्विमिंग पूल में डूब कर मरने वालों के शरीर आखिर नीले किस प्रकार हो गए ?

दमकल विभाग के ही कर्मचारियों के दावे के मुताबिक उनको यहां मिले मौके पर होटल परिसर में कर्मचारियों के द्वारा बताया गया कि चिकन बना कर और साथ में शराब का सेवन भी किया गया। हैरानी उस वक्त हुई जब यहां के ही कर्मचारियों को बुरी तरह से नशे की हालत में देखा गया, मौके पर मौजूद पुलिस कर्मचारियों के पूछने पर भी नशे की हालत में उल्टे सीधे जवाब देते दिखाई दिए। दीप होटल के स्विमिंग पूल में डूब कर मरने वाले राजेश के भाई दिनेश का दावा है कि यहां पर स्विमिंग पूल की सदस्यता के लिए फीस की भी वसूली की जाती है और नहाने के लिए आने वालों को रसीदें भी काट कर दी जाती हैं । वही दीप होटल के मालिक संचालक शोनारायण के मुताबिक घटना के समय वह मौके पर मौजूद नहीं थे , उनका बेटा ही यहां मौजूद था । पिता , पुत्र और यहां परिसर में काम करने वाले कर्मचारियों के बीच जो भी सवाल जवाब हुए सभी के जवाबों में विरोधाभास साफ- साफ-साफ उभर कर सामने आया है ।

दीप होटल जिसके सड़क किनारे लगे बोर्ड पर एसी और नॉन एसी रूम अवेलेबल के विषय में लिखा गया है । इसकी जानकारी जानकारी मांगने सहित स्थानीय प्रशासन के द्वारा होटल और स्विमिंग पूल के रजिस्ट्रेशन के विषय में पूछने पर मालिक गोलमोल जवाब देकर सवालों को टालते रहे । अब ऐसे में लाख टके का सवाल यह है कि लोगों के मुताबिक करीब बीते एक दशक से दीप होटल एवं स्विमिंग पूल खुला हुआ है । लोगों के ही मुताबिक यहां पर अक्सर नियमित रूप से लोगों में विशेष रूप से युवा वर्ग का अधिक आवागमन देखा जाता है । शुक्रवार को भी यह बात खुलकर सामने आई कि दीप होटल परिसर में ही नॉनवेज का बनाना और शराब का सेवन किया जाना आखिर किस की इजाजत और छूट से यह सब सिलसिला चलता आ रहा है । ऐसा बिल्कुल भी संभव नहीं है कि दीप होटल और स्विमिंग पूल मालिक संचालकों को इस बात की कतई भी जानकारी नहीं हो । सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मालिकों के दावे के मुताबिक स्विमिंग अपने निजी उपयोग के लिए बनाया गया है लेकिन स्विमिंग पूल का दायरा अपने आप में चुगली कर रहा है कि यहां पर स्विमिंग के लिए कथित रूप से पैसे लेकर स्विमिंग की सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जा रही है ।

इसी बीच में दमकल विभाग के कर्मचारी के द्वारा जो बात कही गई कि मरने वालों के शरीर नीले पड़ चुके हैं , तो ऐसा क्या कारण है कि स्विमिंग पूल में भरे बेहद गले और हरे पानी में डूबने के बाद मरने वालों के शरीर 1 से 2 घंटे के अंदर ही आखिर नीले किस प्रकार से हो गए ? इसी कड़ी एक और बड़ा सवाल यह है कि क्या स्थानीय पालिका प्रशासन के द्वारा आज तक प्रॉपर्टी सर्वे करते समय इस होटल परिसर की भी जांच करते हुए पैमाइश कर अपने रिकॉर्ड में दर्ज भी किया गया है या पूरी तरह से नजरअंदाज किया हुआ है ? यह अपने आप में जांच का विषय है । फिलहाल पुलिस के द्वारा 174 के तहत कार्रवाई करते हुए स्विमिंग पूल में डूब कर मरने वाले दोनों के शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिए  हैं और आगामी कार्रवाई पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही की जा सकेगी । लेकिन अब पूरी तरह से गेंद पटौदी नगर पालिका प्रशासन के पाले में है पटौदी नगर पालिका प्रशासन दीप होटल और यहां बने स्विमिंग पूल के बारे में अपनी तत्काल निष्पक्ष जांच करके इस अवैध होटल और स्विमिंग पूल के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों सहित सरकार को भी इसके बारे में अवगत कराते हुए जो भी संभावित कानूनी कार्रवाई है उसके लिए सिफारिश की जाए।

error: Content is protected !!