-कमलेश भारतीय बेशक अभी लोकसभा चुनाव दूर हैं ।अभी तो पंजाब , यूपी,उत्तराखंड व गोवा के विधानसभा चुनाव आने वाले हैं । सभी राजनीतिक दल उन्हीं की तैयारियों में जुटी हुई हैं । जैसे आप पार्टी के अरविंद केजरीवाल अपना मुफ्त का वादा लेकर पहले पंजाब और अब गोवा पहुंच चुके हैं । यह मुफ्त दिल्ली में तो चल गया । अब इन राज्यों में क्या गुल खिलायेगा यह देखना दिलचस्प होगा । कांग्रेस की पंजाब में तैयारी है कैप्टन अमरेंद्र सिंह व नवजोत सिंह सिद्धू में बढ़ती खींचतान जिसे हाईकमान हल नहीं कर पा रहा । इन तैयारियों से क्या चुनाव जीते जाते हैं ? यह कौन समझाये कांग्रेस हाईकमान को ? इसी बीच महाराष्ट्र की शिवसेना के नेता व राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने फरमाया है कि अभी मोदी के खिलाफ किसी एक चेहरे पर सहमति नहीं बनी । हालांकि राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर इस कोशिश में हैं । शरद पवार के नाम पर एकजुट होने के लिए दो दो बार बैठकें हो चुकी हैं । इससे लगता है कि शरद पवार प्रधानमंत्री बनने के अपने सपने को पूरा करने के मूड में हैं लेकिन जिस तरह से पश्चिमी बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनाव से पहले व बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह की हर चाल का जवाब देकर उन्हें बुरी तरह मात दी तो एक उम्मीद की किरण जागी कि ममता बनर्जी भी अगली प्रधानमंत्री क्यों नहीं ? इस समय विपक्ष में ये दो चेहरे चर्चित हैं । कांग्रेस को तो विपक्ष ने भी अछूत मानना शुरू कर दिया है और शरद पवार की बैठकों में आमंत्रित ही नहीं किया गया । तो कांग्रेस राहुल गांधी के चेहरे पर दांव लगायेगी या फिर प्रियंका गांधी चेहरा होंगीं ? अभी तो वरिष्ठ कांग्रेसी जी 23 समूह बना कर एक प्रकार से राहुल को ही अध्यक्ष पद पर आने से रोकने में लगे हैं तो प्रधानमंत्री का चेहरा कैसे बनेंगे और कौन बनायेंगे? बहुत बड़ा सवाल है कांग्रेस में ही । पर चेहरे पर तो चर्चा चल पड़ी है और संजय राउत ने इसे हवा भी दे दी है । हम तो यही कहेंगे :चेहरा न देखो दिल को देखोचेहरे ने लाखों को लूटादिल सच्चा और चेहरा झूठा ,,, Post navigation समाज में थोड़ा सा भी बदलाव ला सकूं तो जीवन सफल मानूंगी : मनीषा हंस संघर्ष समन्वय समिति या संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले कोई भी चुनाव नहीं लड़ा जाएगा: संघर्ष समन्वय समिति