महंगाई के अनुपात में समर्थन मूल्य में वृद्धि करे सरकार: संघर्ष समन्वय समिति कॉर्पोरेटों को छूट किसानों की लूट नहीं चलेगी: संघर्ष समन्वय समिति अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के वर्किंग ग्रुप की 14 जुलाई को हुई बैठक में पारित प्रस्ताव में केंद्र सरकार द्वारा 48 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों एवं 68 लाख पेंशनधारी कर्मचारियों को 28% महंगाई भत्ता (डीए) 1 जुलाई से दिए जाने और बाकी तीन किस्तों का भी भुगतान किए जाने के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए किसानों के लिए घोषित समर्थन मूल्य में भी महंगाई के अनुपात में वृद्धि की मांग की गई है । समन्वय समिति द्वारा पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि डीजल, बिजली, खाद, बीज की मूल्य वृद्धि का सबसे अधिक असर किसानों पर पड़ा है इसलिए समर्थन मूल्य भी महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) जोड़कर दिया जाना चाहिए । वर्किंग ग्रुप की बैठक में केंद्र सरकार द्वारा 31 मार्च 2021 तक गत 1 वर्ष में कॉर्पोरेटों का 1 लाख 85 हजार करोड़ बट्टे खाते (एनपीए) में डाल दिए जाने के फैसले को कॉर्पोरेटों को छूट देने वाला फैसला बताते हुए केंद्र सरकार से किसानों के संपूर्ण कर्जा मुक्ति की मांग की गई है। समन्वय समिति ने कहा है कि 2014 के बाद सरकार द्वारा डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस पर टैक्स बढ़ाकर जनता से कमाई राशि से देशभर के सभी किसानों को आसानी से कर्ज मुक्त किया जा सकता था। समन्वय समिति ने यह भी कहा है कि कॉर्पोरेटों को छूट देने तथा देश के आम नागरिकों को टैक्स बढ़ाकर लूटने की नीति का 250 किसान संगठनों के द्वारा विरोध जारी रहेगा। समन्वय समिति ने संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा चुनाव में भाग लेने को लेकर स्प्ष्ट किया गया है कि संयुक्त किसान मोर्चा का गठन अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की पहल पर 3 किसान विरोधी कानून रद्द कराने, बिजली संशोधन बिल वापस कराने तथा एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी किसानों को दिलाने के लिए किया गया है, चुनाव लड़ने के लिए नहीं । समन्वय समिति ने आगे कहा है कि आगामी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड एवं अन्य राज्यों के चुनाव में भाजपा को वोट की चोट देने का अभियान जारी रहेगा । समन्वय समिति ने यह भी स्पष्ट किया है कि संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल 550 किसान संगठन चुनाव संबंधी फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है लेकिन समन्वय समिति या संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले कोई भी चुनाव नहीं लड़ा जाएगा। Post navigation मोदी के खिलाफ विपक्ष का चेहरा कौन ? ‘कुरूक्षेत्र’ में एक ‘संस्कृतिक केंद्र’ स्थापित किए जाने की केंद्र सरकार द्वारा सैद्धांतिक स्वीकृति