कहा- विपक्ष और मीडिया द्वारा बार-बार चेताने के बाद भी नहीं जाग रही सरकार जुमलेबाजी, इवेंटबाजी और झूठे प्रचार के जरिए लोगों को भ्रमित करने में लगी है सरकार- हुड्डा सरकार ने नहीं की नये डॉक्टर्स व मेडिकल स्टाफ की भर्ती, ना ही बढ़ाई अस्पतालों की संख्या- हुड्डा स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति मौजूदा सरकार का रवैया लचर, 7 वर्षों में एक भी नया अस्पताल नहीं बनवा पायी सरकार – हुड्डा 9 जुलाई, चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कोरोना टीकाकरण की धीमी रफ्तार और करीब रोजाना होने वाली वैक्सीन किल्लत पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि हर रोज़ प्रदेश भर के विभिन्न जिलों से कोरोना वैक्सीन या तो खत्म होने या खत्म के करीब होने की ख़बरें आती हैं। कई जगह टीकाकरण केन्द्रों पर पुलिस बुलाने तक की नौबत आ रही है, बड़ी संख्या में वैक्सीन लगवाने पहुँच रहे लोगों को पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन न होने से मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। विपक्ष और मीडिया लगातार सरकार को वैक्सीन किल्लत के बारे में चेता रहे हैं। लेकिन प्रदेश सरकार अपने ढुलमुल रवैये को छोड़ने को तैयार ही नहीं हो रही है। सिर्फ जुमलेबाजी, इवेंटबाजी और झूठे प्रचार के जरिए लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने पिछले 7 वर्षों में प्रदेश में एक भी नया सरकारी अस्पताल, मेडिकल कॉलेज नहीं बनाया, किल्लत के बावजूद न ही नये डॉक्टर्स, मेडिकल स्टाफ की भर्ती कर रही। इसके अलावा, मौजूदा अस्पतालों, PHC, CHC में चिकित्सीय उपकरण व अन्य सुविधाओं को बढ़ाने की दिशा में भी कोई काम नहीं हो रहा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर देश और प्रदेश को काफी नुकसान पहुंचा चुकी हैं। इसलिए तीसरी लहर को निष्प्रभावी करने के लिए जरूरी है कि सरकार पहले से ही अपनी तैयारियों को पुख्ता करे। लोगों को कोरोना से बचाने का सबसे सुरक्षित कवच टीकाकरण है। जल्द से जल्द पूरे प्रदेश के लोगों को टीके की दोनों डोज़ लगवाकर ही कोरोना के संभावित नुकसान से बचा जा सकता है। इसके लिये प्रदेश सरकार को केंद्र से अधिक से अधिक मात्रा में वैक्सीन सप्लाई की मांग करनी चाहिए, ताकि हरेक प्रदेशवासी को टीका लग सके। हुड्डा ने कहा कि कोरोना समेत तमाम बीमारियों को मात देने के लिए सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने की दिशा में भी तेज़ी से काम करना चाहिए। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अनगिनत लोगों की मौत ऑक्सीजन, हॉस्पिटल बेड, दवाई और इलाज के अभाव में हुई। सरकार ने चिकित्सकों, विशेषज्ञों की तमाम चेतावनियों को नजरअंदाज किया और कोरोना से लड़ने के लिए पुख्ता तैयारियां नहीं की। इसका खामियाजा हजारों लोगों को अपनी जान देकर भुगतना पड़ा। कोरोना की दूसरी लहर में हुए नुकसान से प्रदेश सरकार सबक लेना चाहिए । भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हमारी सरकार के समय प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढाने पर खासा जोर दिया गया था। हमने प्रदेश में एक सरकारी स्वास्थ्य विश्वविद्यालय और चार सरकारी मेडिकल कॉलेज करनाल, फरीदाबाद, सोनीपत और मेवात के नूंह में स्थापित किये। इसके अलावा, झज्जर जिले के बाढसा गांव में AIIMS-II और राष्ट्रीय कैंसर संस्थान की स्थापना कराई। जबकि, मौजूदा सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढाँचे को मबजूत करना तो दूर, हमने जो ढांचा तैयार किया था उसको भी संभालने में विफल साबित हुई है। हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति मौजूदा सरकार का अगर ऐसा ही लचर रवैया रहा तो संभावित कोरोना की तीसरी लहर नुकसानदायक साबित हो सकती है। Post navigation हरियाणा : कुल 172 सरकारी कालेजों में से 100 कालेजों में प्रिंसीपल नहीं, शिक्षा का भट्टा बैठा दिया : विद्रोही जांच सीबीआई से करवाने के आदेश ने भाजपा और भूपेंद्र हुड्डा के रिश्तों की खोल दी पोल: अभय सिंह चौटाला