सरकार ने प्रदेश के चारो तकनीकी विश्वविद्यालयों से टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ नियुक्त करने का अधिकार छीनकर फरमान जारी किया है कि चारो तकनीकी विश्वद्यिालयों में भविष्य में टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति सीधे सरकार करेगी।

रेवाड़ी, 9 जुलाई 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि शिक्षा का भगवाकरण व संघीकरण करने में जुटी भाजपा खटटर सरकार ने हरियाणा शिक्षा विभाग का भट्टा बैठा दिया व संघीयों को विश्वविद्यालय कालेजों, स्कूलों का प्रमुख बनाने की लालसा में शिक्षा ढांचा ध्वस्त कर दिया है। विद्रोही ने कहा कि प्रदेश के कुल 172 सरकारी कालेजों में से 100 कालेजों में प्रिंसीपल न होना इसका जीवंत प्रमाण है। जब प्रदेश में 60 प्रतिशत से ज्यादा कालेज बिना प्रिंसीपल के चल हो तो सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि सरकारी कालेजों में कितनी कुव्यवस्था संघी राज में कायम हो चुकी है। प्रदेश के चार जिलों चरखी दादरी, पलवल, यमुनानगर व कुरूक्षेत्र जिले में तो हालत यह है कि इन जिलों के एक भी सरकारी कालेज में प्रिंसीपल नही है। दक्षिणी हरियाणा में रेवाड़ीे, महेन्द्रगढ, गुडगांव, नूंह जिलों में 70 प्रतिशत से ज्यादा सरकारी कालेजों में प्रिंसीपल नही है। इस क्षेत्र में एक-एक प्र्रिंसीपल के पास दो-चार कालेजों का प्रभार है। 

विद्रोही ने कहा कि ऐसी स्थिति में कालेजों के प्रबंधन व शिक्षा व्यवस्था की कैसी हालत होगी, बताने की जरूरत नही है। भाजपा खट्टर राज में विगत सात सालों में बनाये गए कालेजों व कांग्रेस राज में बनाये गए बहुत से सरकारी कालेजों में क्या तो भवन ही नही है और यदि भवन है तो आधे-अधूरे पड़े या उनका काम कछुआ गति से चल रहा है। भाजपा खट्टर सरकार का उच्च शिक्षा के प्रति ऐसा रवैया बताता है कि वह गरीब वर्ग के प्रतिभावान बच्चों को निशुल्क व सुलभ शिक्षा से रोकना चाहती है और निजी कालेजों को बढ़ावा देकर उच्च शिक्षा को साधन सम्पन्न लोगों की बपौती बनाने की फिराक में है। विद्रोही ने कहा कि एक ओर भाजपा खट्टर सरकार प्रदेश के विश्वविद्यालयों, सरकारी कालेजों, स्कूलों का सुनियोजित ढंग से भगवाकरण कर रही है, वहीं विश्वविद्यालय में कुलपतियों, रजिस्ट्रार, डीन, हैड आफ द डिपार्टमैंट के पदों पर संघीयों का कब्जा करवाने के बाद उनकी स्वायत्ता पर डाका डाल रही है। 

खट्टर सरकार ने प्रदेश के चारो तकनीकी विश्वविद्यालयों से टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ नियुक्त करने का अधिकार छीनकर फरमान जारी किया है कि चारो तकनीकी विश्वद्यिालयों में भविष्य में टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति सीधे सरकार करेगी। भाजपा खट्टर सरकार का यह तुगलकी फरमान विश्वविद्यालयों की स्वायत्ता पर बड़ा हमला है। विद्रोही ने कहा कि तकनीकी विश्वविद्यालयों की तरह ही भाजपा खट्टर सरकार प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों में भी टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति की स्वायत्ता छीनने की फिराक में है और ऐसी संभावना है कि आगे चलकर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति करने का अधिकार छीनकर सरकार इन नियुक्तियों का अधिकार अपने हाथ में लेने वाली है। विद्रोही ने सरकार के ऐसे कदम को विश्वविद्यालयों की स्वायत्ता पर हमला बताते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों में टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ में सत्ता के बल पर संघीयों को ही नियुक्त करने का रास्ता साफ किया जा रहा है जो शिक्षा का पूर्णतया भगवाकरण करके उसका भ_ा बैठा देगा।