–कमलेश भारतीय आज का मीडिया नफरत ज्यादा फैलाता है और दिलों को जोड़ने की बात कम करता है । इसलिए मैं आज भी डी डी न्यूज देखना ही पसंद करती हूं । यह कहना है दिल्ली की एक विज्ञापन एजेंसी ‘गुड विजन मीडिया’ में कार्यरत काजल सिंह का । काजल मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया से हैं और जन्म भी वहीं हुआ लेकिन पापा का बिजनेस दिल्ली में होने के चलते पढ़ाई दिल्ली और फिर हिसार में हुई । स्कूली शिक्षा दिल्ली के सर्वोदय कन्या विद्यालय से की तो दिल्ली विश्वविद्यालय के मोतीलाल नेहरू काॅलेज से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन हिंदी में एम.ए की। -फिर हिसार कैसे ?-जनसंचार की डिग्री के लिए । एम.ए हिंदी के बाद यही सही लगा । -काॅलेज में किन गतिविधियों में भाग लेती रही ?-जब काॅलेज गयी तो ऑडिशन हुए कविता पाठ और डिबेट के लिए । मैंने ऑडिशन दिये और चयन हो गया । यहीं से मुझे हिंदी कविता में रूचि जागी और कविता लिखने भी लगी । -हिंदी के कौन से रचनाकार प्रिय हैं?-अज्ञेय, मुंशी प्रेमचंद , व्यंग्य में हरिशंकर परसाई और लघुकथा में आप यानी कमलेश भारतीय । -पहली जाॅब कौन सी ?-मज़ेदार जाॅब । -कौन सी ?-आम आदमी पार्टी के आईटी सेल में । सिर्फ दो माह । -दो माह ही क्यों ?-फिर चुनाव खत्म हो गया न, सर । इसके साथ ही ज़ोरदार हंसी । -विज्ञापन एजेंसी में क्या काम है ?-कंटेंट हैड और सोशल मीडिया देखती हूँ। -विज्ञापन में किस बात का ध्यान रखना पड़ता है ? विज्ञापन बनाते समय ऑडिएंस को केंद्र में रखा जाता है। क्योंकि प्रोडक्ट का खरीदार दर्शक ही होता हैं, इसलिए उन्हीं को ध्यान में रख कर विज्ञापन तैयार किये जाते हैं।मैं साहित्य से जुड़ी हूं तो बनाने में बड़ी मदद मिलती है । -हिसार कैसा लगा ?-बहुत अच्छा और छोटा सा शहर दिल्ली के मुकाबले । गुजवि के शिक्षक भी सहयोग देते हैं । -सोशल मीडिया का उपयोग बढ़ता जा रहा है । इसका हमारे समाज पर क्या प्रभाव है ?-बहुत पाॅजिटिव प्रभाव है। सोशल मीडिया से रोज़गार भी मिल रहा है और समाज को दिशा भी। -पुरस्कार ?-काॅलेज में काव्य पाठ पर , डिबेट और पोस्टर मेकिंग में मिरांडा हाउस में मिले। -लक्ष्य ?-विज्ञापन और मीडिया ही प्रिय हैं और कविता लेखन भी । -इलेक्ट्रानिक मीडिया पर क्या राय है ?-इलेक्ट्रानिक पैनिक ज्यादा फैला रहा हैं, मीडिया की पाॅजिटिव दिशा अपनानी चाहिए इसलिए मैं आज भी डी डी न्यूज देखना पसंद करती हूं ।हमारी शुभकामनाएं काजल सिंह को । Post navigation किसानों का बेमियादी धरना 71वें दिन भी जारी दिलीप कुमार हिंदी फ़िल्मों के ट्रेजेडी किंग