अपनी असली पहचान छिपाना, साजिश या फिर कोई मजबूरी

लव जिहाद और धर्मांतरण पंचायत के बाद मामला गरमाया.
गांव पहाड़ी में गलत नाम पहचान बचाने वाले युवक को दबोचा.
कथित रूप से पुलिस में संतुष्ट होकर युवक को छोड़ दिया.
ग्रामीणों का आरोप नाम बदल रेकी कर रहा था आरोपी युवक

फतह सिंह उजाला

पटौदी ।   संडे को पटौदी के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में लव जिहाद और धर्मांतरण जैसे मुद्दे को लेकर आहूत महापंचायत के बाद पटौदी में माहौल अचानक से गर्म होता जा रहा है । मंगलवार को ऐसे ही एक घटना क्रम में गांव पहाड़ी में एक युवक को उसके द्वारा अपनी असली पहचान छिपाने और नकली पहचान  बताने के बाद ग्रामीणों ने दबोच लिया। इसके बाद निवर्तमान सरपंच प्रदीप कुमार के द्वारा पटोदी थाना पुलिस को सूचना दी गई । मौके पर पहुंची पुलिस युवक को अपने साथ पटोदी थाना ले गायी।

सूत्रों के मुताबिक थाना में थाना एसएचओ के द्वारा इस युवक से लंबी पूछताछ की गई और उसके बाद कथित रूप से युवक को छोड़ दिया गया । इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी के लिए पटौदी एसीपी वीर सिंह और थाना एसएचओ दीपक संधू से संपर्क करने पर इनके मोबाइल फोन व्यस्त बोलते रहे , तो मामले की पुष्टि के लिए व्हाट्सएप पर मैसेज किया गया । लेकिन समाचार लिखे जाने तक पुलिस की तरफ से पुलिस का कोई भी पक्ष नहीं मिल सका है ।

पहाड़ी गांव के निवर्तमान सरपंच प्रदीप कुमार , पूर्व सरपंच एवं विधानसभा चुनाव लड़ चुके नरेंद्र पहाड़ी, निवर्तमान जिला पार्षद विजय पाल संटी, बिल्लू बपास, पूर्व सरपंच विजय, सूबेदार कृष्ण, ईश्वर , चांद सिंह व अन्य के द्वारा गांव में कपड़े इत्यादि बेचने के लिए यूपी नंबर की मोटरसाइकिल पर पहुंचे युवक को शक होने पर रोक लिया गया । इसके बाद निवर्तमान सरपंच प्रदीप में युवक से उसका परिचय जानना चाहा, युवक ने अपना परिचय मोहित पुत्र सुभाष जाट निवासी बागपत के रूप में दिया । इस पर ग्रामीणों के द्वारा युवक से उसकी आईडी या आधार कार्ड दिखाने के लिए कहा गया । ग्रामीणों के मुताबिक करीब 3 घंटे तक गांव में पहुंचा युवक अपनी किसी भी प्रकार की आईडी का प्रूफ नहीं दे सका । इसके बाद में पटौदी शहर से इस युवक का मामा गांव में पहुंचा और जिस मकान में यह युवक रह रहा है वह मकान मालिक भी जानकारी मिलने पर पहाड़ी गांव पहुंचा ।

यहां ग्रामीणों के द्वारा युवक के मामा और मकान मालिक से की मांगी गई जानकारी में युवक के मामा और मकान मालिक की दी गई जानकारी में विरोधाभास सामने निकल कर आया । ग्रामीणों का आरोप है कि इस युवक को पहले भी गांव में आते जाते देखा गया और यह युवक गांव में रेकी करने की नियत से ही आवागमन कर रहा था । अब इसके पीछे युवक की क्या मंशा थी , यह पुलिस की जांच का विषय है। पुलिस क्या कार्यवाही करती है , यह पुलिस के ऊपर निर्भर है । अपनी पहचान छिपाकर फर्जी पहचान बताने के आरोपी युवक को पुलिस के हवाले किया जा चुका है । वहीं सूत्रों के मुताबिक मिली जानकारी में जो बात सामने आई ग्रामीणों के द्वारा पकड़े गए युवक का वास्तविक नाम उमेद पुत्र अयूब निवासी बागपत यूपी सामने निकल कर आया है । इस बात की पुष्टि मामले के आई ओ एएसआई सतीश के द्वारा भी की गई है ।

युवक के मुताबिक वह पटौदी में अपने मामा के पास करीब 8-10 दिन पहले ही रहने और यहां फेरी लगाकर कपड़े बेचने के काम के वास्ते पहुंचा था । वही मकान मालिक की माने तो युवक जिस कमरे में रह रहा था इस युवक के विषय में मकान मालिक को भी कोई जानकारी नहीं है । इस बात की कोई स्प्ष्ट जानकारी नहीं मिल सकी कि युवक का मामा और युवक क्या दोनों ही एक ही स्थान पर या मकान में किराए पर रह रहे थे ? इस पूरे मामले को लेकर संडे को लव जिहाद और धर्मांतरण जैसे मुद्दे को लेकर पंचायत में अहम भूमिका अदा करने वाले विभिन्न हिंदू संगठनों और पदाधिकारियों में जबरदस्त रोष बना बना हुआ है कि पुलिस अपनी असली पहचान छिपाकर हिंदू नाम से अपना परिचय कराने और देने वालों के खिलाफ बेहद नरमाई के साथ में पेश आ रही है । जबकि इस प्रकार के मामले कथित रूप से धोखाधड़ी और एक प्रकार की साजिश माने जाने चाहिए ।

सूत्रों के मुताबिक पहाड़ी गांव से पहले एक और गांव में इसी प्रकार से असली नाम और पहचान छिपाकर नकली नाम और पहचान के साथ कुछ युवकों के द्वारा स्थानीय ग्रामीण युवकों से दोस्ती बढ़ाई गई और इसी दौरान गांव की ही युवतियों से संपर्क कर दोस्ती को प्रगाढ़ किया गया । उनके मोबाइल नंबर भी प्राप्त कर लिए गए , जिससे कि आपस में बातचीत का सिलसिला चलता रहा । जब यह युवक गांव में कथित गर्लफ्रेंड का बर्थडे मनाने के लिए केक लेकर पहुंचते तो स्थानीय ग्रामीण युवकों को शक होने पर पूछताछ की गई । उसके बाद ही इन युवकों की असली पहचान सामने निकल कर आई , वही इससे पहले असली नाम और पहचान छिपाने वाले युवकों द्वारा कथित रूप से स्थानीय ग्रामीण युवकों को खुलेआम चैलेंज किया गया कि वह इसी प्रकार से गांव में आते रहेंगे। उनका क्या बिगाड़ा जा सकता है। इसी बात को लेकर ग्रामीण युवकों के द्वारा इन नकली पहचान बताने वाले युवकों की अच्छी खातिरदारी भी कर दी गई । मामला जब पुलिस में पहुंचा तो उसके बाद में आरोपी नकली पहचान से अपना परिचय देने वाले युवको और उनके परिजनों अथवा अभिभावकों के द्वारा गलती मानते हुए माफी भी मांग ली गई। साथ ही लिखित में यह आश्वासन दिया गया कि अब यह युवक कभी भी भविष्य ने फिर से गांव में दिखाई नहीं देंगे ।

बीते दो दिनों में अपनी असली पहचान छिपाकर हिंदू नाम से अपना परिचय कराने अथवा देने के लगातार मामले सामने आने से पटौदी में हिंदू विचारधारा समर्थकों और संगठन के पदाधिकारियों सहित कार्यकर्ताओं में रोष तेजी से पनप रहा है । सूत्रों की माने तो मंगलवार के प्रकरण को लेकर समाचार लिखे जाने तक विभिन्न प्रबुद्ध लोगों के द्वारा इस बात पर गहन विचार मंथन किया जा रहा है कि अब और अधिक फर्जीवाड़ा सहन नहीं किया जा सकता । इस प्रकार की धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाने के लिए गंभीरता से मंथन किया जा रहा है ।

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