-किसानों के लिए स्वेच्छिक है यह योजना

गुरुग्राम, 04 जुलाई – प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ फसलों का बीमा करवाने के लिए हरियाणा सरकार ने 31 जुलाई 2021 तक समय-सीमा बढ़ा दी है। यह योजना सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक है, यदि ऋणी किसान इस योजना में शामिल नहीं होना चाहते, तो वे अपने बैंकों में लिखित आवेदन करके योजना से बाहर हो सकते हैं।

जिला उपायुक्त डॉ यश गर्ग ने बताया कि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई गई है। इस योजना के माध्यम से किसान खरीफ फसल के तहत धान, मक्का, बाजरा, कपास आदि फसलों का बीमा करवाकर तेज बारिश, आंधी तूफान व ओलावृष्टि से होने वाले नुकसान का सत्यापन के बाद संबंधित बीमा कंपनी से मुवावजा प्राप्त कर सकते है। इस योजना के तहत बुवाई के 10 दिन के अंदर किसान को पीएमएफबीवाई (PMFBY) के लिए आवेदन करना होगा. बीमा का लाभ तभी मिलेगा जब फसल किसी प्राकृतिक आपदा की वजह से ही खराब हुई हो।

डॉ गर्ग ने कहा कि योजना का लाभ लेने के लिए किसान ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से आवेदन कर सकते हैं. ऑनलाइन आवेदन के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अधिकारिक वेबसाइट (https://pmfby.gov.in/) पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. इसके लिए रजिस्ट्रेशन के दौरान मांगी गई सारी जानकारियां भरनी होंगी. वहीं, ऑफलाइन आवेदन करने के लिए किसी भी नजदीकी बैंक से इस बीमा योजना का लाभ ले सकते हैं।उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत मिलने वाली बीमित राशि का लाभ उठाने के लिए पात्र किसान जिनकी फसल किसी भी प्रकार के प्राकृतिक कारणों से खराब हुई है उनको 72 घण्टे में बीमा कंपनी को सूचना देकर इसका सत्यापन करवाना होगा।
डॉ गर्ग ने कहा कि जिला के जिन किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड से फसली ऋण लिया हुआ है, उनकी फसल खुद ही बीमा के दायरे में आ जाती है यानि केसीसी से लोन लेने वाले किसानों की फसल का बीमा स्वत: ही बीमा हो जाता है। हालांकि सरकार ने फसल बीमा योजना को स्वैच्छिक कर दिया है। यदि कोई किसान इस बीमा योजना का लाभ नही लेना चाहता तो वह संबंधित बैंक जहाँ से उसने किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम फसल पर लोन लिया है। उस बैंक में अंतिम तारीख से कम से कम एक सप्ताह पहले इस संबंध में एक घोषणा पत्र प्रस्तुत करके बीमा से अपने को अलग कर सकते हैं।