पंचकूला। ‘सबका मंगल हो’ ग्रुप की सम्बन्धित यूनिट ‘सेंटर फॉर राईट टू इन्फॉर्मेशन’ ने हरियाणा के शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर सभी प्राइवेट स्कूलों का वित्तीय स्थिति विवरण यानि की बैलेंस शीट शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध करवाने की मांग की है। यूनिट सेंटर फॉर राईट टू इन्फॉर्मेशन के संयोजक डॉक्टर मनोज शर्मा ने हाई कोर्ट की खंडपीठ के फैसले का हवाला देते हुए कहा है कि सूचना के अधिकार की धारा 4 तहत स्कूलों की बैलेंस शीट अभिभावकों की बिना औपचारिक मांग के ही वेबसाइट पर उपलब्ध करवानी चाहिए, जिससे अभिभावकों को स्कूल फीस और अन्य सम्बन्धित मामलों में सूचना के आधिकार का प्रयोग करने के लिए मजबूर न होना पड़े। ऐसा करने से सरकारी अधिकारियों को भी आरटीआई के जवाब देने में समय नहीं गंवाना पड़ेगा तथा सरकारी संसाधनों की बचत होगी। सबका मंगल हो के चैयरमैन प्रदीप रापड़िया, जो सूचना आयोग में कानूनी सलाहकार भी रह चुके हैं, ने बताया कि हाल ही में हाई कोर्ट की जस्टिस जसवंत खंडपीठ ने चंडीगढ़ के प्राइवेट स्कूलों में पारदर्शिता व जवाबदेही को ध्यान में रखते हुए हिदायत दी थी कि सभी स्कूल अपनी बैलेंस शीट वेबसाइट पर उपलब्ध करवाए जिससे स्कूलों की लाभ कमाने की प्रवृति पर रोक लगाई जा सके क्योंकि शिक्षा कोई व्यापार नहीं है। हरियाणा शिक्षा नियमावली की धारा 17 के तहत सभी प्राइवेट स्कूलों को अपना ऑडिटेड वित्तीय विवरण शिक्षा निदेशक को फॉर्म 6 के साथ जमा करवाना अनिवार्य होता है ताकि शिक्षा विभाग आय और व्यय की सही जानकारी ले सके। रापड़िया ने बताया कि अगर शिक्षा विभाग ने स्कूलों का वित्तीय स्थिति विवरण वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं करवाया तो मजबूरीवश उन्हें सूचना आयोग व हाई कोर्ट की शरण लेनी पड़ेगी।अगर शिक्षा विभाग सबका मंगल हो की मांग को स्वीकार करता है तो अभिभावकों को स्कूलों द्वारा ली जाने वाली गैरवाजिब फीस के मामले में काफी बड़ी राहत मिलेगी। Post navigation किसानों को एमएसपी देने का दावा करने वाली सरकार, मंडियों में जाकर देखे सच्चाई- दीपा शर्मा तीन दिवसीय औषधीय पौधारोपण अभियान सफलतापूर्वक संपन्न