पंचकूला 1- जुलाई -‌ हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने गुरुवार को राष्ट्रीय डाक्टर दिवस के पुनीत अवसर पर उनकी कोरोना महामारी के दौरान पीड़ित मरीजों की गई अविस्मरणीय सेवाओं के लिए साधुवाद देते हुए  कहा कि इन फरिश्तों ने मानवीय संवेदनाओं को उच्चतम मापदंड स्थापित किए हैं। परोपकार की इस उदात्त भावना के लिए उन्होंने  हृदय की गहराइयों से इन डॉक्टरों का आभार व्यक्त किया है।

उन्होंने कहा कि इस महामारी के दौरान डॉक्टरों ने अपना जीवन जोखिम में डालकर 16-16 घंटे तक लगातार कोरोनावायरस से बचाव के लिए पीपी कीट पहनकर  मानव सेवा का सर्वोत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया है। अधिकतर डॉक्टरों और नर्सों तथा स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े योद्धाओं ने 24 घंटे निरन्तर कार्य करते हुए अपने जीवन को जोखिम में डालकर लाखों लोगों का जीवन बचाने का काम किया है। इस कोरोना की दूसरी लहर में 700 से अधिक डॉ अपनी जिंदगी से भी हार गए, जिनमें सबसे ज्यादा 115 डॉ बिहार प्रदेश से है।

चन्द्र मोहन ने अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने इन डाक्टरों और स्वास्थ्य योद्धाओं का मान सम्मान बढ़ाने के लिए लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। हरियाणा सरकार ने पहली कोरोना लहर के दौरान  स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत नर्सों और डाक्टरों का एक महीने का अतिरिक्त वेतन देने की घोषणा की थी, लेकिन अतिरिक्त वेतन देना तो दूर राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के तहत जो कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं की बार उनको वेतन के भी लाले पड़ जाते हैं।

 चंद्रमोहन ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मांग की है कि स्वास्थ्य विभाग के डाक्टरों और कर्मचारियों को पुलिस की तर्ज पर एक मास का अतिरिक्त वेतन दिया जाए, इसके साथ साथ हरियाणा शहरी स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत जो स्वास्थ्य कर्मचारी पिछले 5 वर्षों से सेवा कर रहे हैं उनकी सेवाओं को नियमित किया जाए। उन्होंने मांग की है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करके स्वास्थ्य सेवाओं ‌का विस्तार ग्रामीण स्तर तक किया जाए ताकि किसी भी आपात कालीन स्थिति का मुकाबला करने में सरकार सक्षम हो सके।     

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