भूमाफियाओं पर डीटीपी विभाग ने बड़ी कार्रवाई कर अरावली की तलहटी में 20 एकड़ में फैले अवैध फार्म हाउस कॉलोनी को जमींदज कर दिया. यह 2 से 5 करोड़ रुपये प्रति एकड़ में बेचा जा रहा था. इस फार्म हाउस कॉलोनी को अच्छी सड़कों, सीवर, पानी की लाइन्स सीसीटीवी फुटेज से लैस कर बसाया जा रहा था.

गुरुग्राम. भूमाफियाओं पर डीटीपी विभाग ने बड़ी कार्रवाई कर अरावली की तलहटी में 20 एकड़ में फैले अवैध फार्म हाउस कॉलोनी को जमींदज कर दिया. यह 2 से 5 करोड़ रुपये प्रति एकड़ में बेचा जा रहा था. इस फार्म हाउस कॉलोनी को अच्छी सड़कों, सीवर, पानी की लाइन्स सीसीटीवी फुटेज से लैस कर बसाया जा रहा था. इसके निर्माण में सैकड़ों पेड़ काटे गए थे. इसे पूरी तरह गैरकानूनी तरीके से बसाया जा रहा था. सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों को ताक पर रखकर इसकी बसावट की गई थी.

गौरतलब है कि इस गैरमुमकिन पर्वत श्रंखला के 500 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार की कंस्ट्रक्शन को प्रतिबंधित किया गया है. गुरुग्राम डीटीपी विभाग ने अवैध तौर पर बनाई जा रही फार्म हाउस कॉलोनी को जमींदोज कर भूमाफियाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर ली है. दरअसल डीटीपी विभाग को ग़ैरतपुर बांस गाव में अरावली की तलहटी से सटी फारेस्ट लैंड या एनसीजेड दायरे में शुमार 20 एकड़ में बनाई जा रही अवैध कॉलोनी की शिकायतें मिल रही थीं. इसको लेकर विभाग की ओर से शोकॉज नोटिस भी जारी किया गया, लेकिन इसके बाद भी इस इलाके में लगातार अवैध कंस्ट्रक्शन का काला कारोबार अंजाम दिया जा रहा था. डीटीपी आरएस भाठ की मानें तो इस मामले में चार आरोपियों की पहचान की गई है, जिनके खिलाफ मामला दर्ज करवाने की तैयारी की जा रही है.

आधुनिक सुविधाओं से लैस की जा रही थी फार्म हाउस कॉलोनी

इस अवैध फार्म हाउस कॉलोनी में सुव्यवस्थित रोड, सीवरेज, अवैध बोरवेल कर पानी की व्यवस्था सीसीटीवी कैमरों से लैस सुरक्षा तक का इंतजाम किया गया था. डीटीपी गुरुग्राम की मानें तो यह इलाका एनसीजेड दायरे के तहत आता है. लिहाजा यहां किसी भी ऐसी कॉलोनी को सीएलयू की परमिशन नहीं दी जा सकती. डीटीपी गुरुग्राम की मानें तो प्रत्येक फार्म हाउस 2 करोड़ से 5 करोड़ कीमत में बेचा जा रहा था.

सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने लगाया है प्रतिबंध

आपको बता दें कि NCZ के 500 मीटर यानी अरावली से सटे इलाकों में किसी भी तरह की कंस्ट्रक्शन, पेड़ो के काटे जाने पर सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने प्रतिबंध लगा रखा है, लेकिन बावजूद इसके भूमाफिया अरावली के अस्तित्व को मिटाने की साजिशों में लगे हैं.

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