ऋषि प्रकाश कौशिक हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज फिर विवाद में हैं। ऐसा लगता है कि विज ने विवादों से अपना गहरा नाता बना लिया है। गृह मंत्री अपने घर की सुध ना लेकर पड़ोसियों के घर में ताका-झाँकी करेंगे और बिना सोचे समझे पड़ोसी पर आरोप मंढेंगे तो विवादों में घिरने से उन्हें कोई बचा नहीं सकता। विज ने आज दो ट्वीट किए हैं। दोनों में दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को घेरा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। साथ ही, उन पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की भी माँग की है। एक ट्वीट में कहा है कि “झूठे आंकड़े प्रस्तुत कर दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कोरोना काल में जो आवश्यकता से अधिक ऑक्सीजन हासिल की और उसका अन्य राज्यों पर जो दुष्प्रभाव असर पड़ा और उन राज्यों में ऑक्सीजन की कमी से जो मौतें हुई हैं, केजरीवाल तथा उनके सहयोगियों पर हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।” दूसरे ट्वीट में विज ने लिखा है – ” एक उच्चस्तरीय समिति गठित कर जांच करवानी चाहिए कि आवश्यकता से अधिक जो दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन हासिल की उसका इन्होंने क्या किया। यह भी पता लगाना चाहिए कि कहीं उसको बेच कर मुनाफा तो नही कमाया गया है।” किसी सरकार पर ऐसे हल्के और बेबुनियाद आरोप लगाना गृहमंत्री की सतही और संकीर्ण मानसिकता का परिचायक है। किसी राज्य में ऑक्सीजन की कमी से लोग मर रहे हों तो ऐसी स्थिति में कोई भी मुख्यमंत्री ऑक्सीजन बेच कर मुनाफा कैसे कमा सकता है। कोई भी संवेदनशील व्यक्ति इतना नीचे उतर कर नहीं सोच सकता। देश के कठिन हालात में ऑक्सीजन से मुनाफा कमाने की कल्पना करना और फिर किसी मुख्यमंत्री पर आरोप लगाना, यह साबित करता है कि अनिल विज अपने घर के बजाय पड़ौसी के घर पर अधिक निगरानी रख रहे हैं। गृहमंत्री विज की याददाश्त दुरुस्त है तो उन्हें याद होगा कि उनके राज्य हरियाणा में ऑक्सीजन की कमी से कितनी मौतें हुईं हैं। केंद्र में बीजेपी की सरकार है। राज्य सरकार ने जितनी गैस माँगी होगी उतनी ही हरियाणा को मिली होगी। ऐसा भी नहीं हो सकता कि केंद्र की बीजेपी सरकार हरियाणा का कोटा काट कर दिल्ली को दे दे। हरियाणा को पूरी ऑक्सीजन गैस मिली होगी फिर भी ऑक्सीजन की कमी से कई लोग मरे हैं। अनिल विज स्वास्थ्य मंत्री भी हैं। वो हरियाणा की जनता को बताएं कि आपकी ऑक्सीजन गैस कहाँ चली गई थी और अॉक्सीजन की कमी के कारण लोग क्यों मर गए। यदि हरियाणा को गैस पूरी नहीं मिली तो दिल्ली को भी पूरी नहीं मिली होगी। जब दिल्ली को गैस मिली ही कम है तो बेच कर मुनाफा कैसे कमाया जा सकता है। अनिल विज की यह बात मान ली जाये कि ऑक्सीजन की कमी से जो लोग मरे हैं उनकी हत्या का मामला मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर दर्ज किया जाए तो उनका यह सिद्धांत हरियाणा पर भी लागू होता है। हरियाणा में मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री क्या दलील देकर खुद को बचाएंगे। दिल्ली में जिस तरह उच्च स्तरीय निष्पक्ष जाँच मांग की गई है वैसी ही जांच हरियाणा में क्यों नहीं होनी चाहिए, इस पर भी स्वास्थ्य मंत्री और गृहमंत्री अनिल विज को बयान देना चाहिए। हालांकि एम्स के डायरेक्टर और ऑक्सीजन ऑडिट समिति के प्रमुख डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने अनिल विज के बयान की सारी गैस निकाल दी। डॉक्टर गुलेरिया के बयान से साबित हो गया है कि अनिल विज दिल्ली के मुख्यमंत्री पर हमला करने के लिए कितने उतावले थे। डॉक्टर गुलेरिया ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि दिल्ली ने अपनी ऑक्सीजन डिमांड चार गुना बढ़ाकर बताई है।’ डॉ गुलेरिया ने एक अंग्रेजी न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा, “अभी फाइनल रिपोर्ट नहीं आई है। मुझे नहीं लगता है कि हम ऐसा कह सकते हैं कि ऑक्सीजन की मांग चार गुना बढ़ा कर बताई गई है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। हमें इंतजार करना चाहिए और देखना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट इस बारे में क्या कहता है.” Post navigation “एलजीबीटीक्यूआई+ समुदाय के मानवाधिकारों पर वेबीनार आयोजित” अनाथ बच्चों का रखेंगे ख्याल:शीला भ्याण