चुनाव दूर परंतु दावेदार हुए सक्रिय

मंडन मिश्रा

भिवानी : सरकार द्वारा निकाली गई ड्रा मे भिवानी नगर परिषद अब महिलाओं के लिए आरक्षित सीट हो गई है। इस नगर परिषद में अब सामान्य वर्ग की कोई भी महिला चुनाव लड़ सकती है। यह प्रथम बार होगा कि भिवानी नगर परिषद प्रधान का चुनाव सीधे जनता के द्वारा किया जाएगा अभी तक यह चुनाव पार्षदों के द्वारा किया जाता था परंतु अब सभी नगर पालिका, परिषद के प्रधानों का चुनाव सीधा जनता के द्वारा किया जाएगा। इसलिए अब यह चुनाव काफी रोचक होने वाला है और ऐसी भी चर्चाएं हैं कि नगर परिषद प्रधान स्थानीय विधानसभा चुनाव से भी कठिन मुकाबले वाला होगा क्योंकि जो चुनाव छोटा होता है उसमें जातीय समीकरण काफी हावी रहते हैं। इसलिए इस चुनाव में भी जाति समीकरण हावी रहने की काफी संभावनाएं हैं।

महिला आरक्षित होने से कई पुरुषों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है परंतु हुए सभी उम्मीदवार अपने परिवार की महिलाओं को इस चुनाव में उतारने की तैयारी कर रहे हैं सबसे पहले भिवानी वर्तमान में नगर परिषद चेयरमैन रणसिंह यादव जिन्होंने पूरी तैयारी की हुई थी उन्होंने दावा किया है कि अगर उनके परिवार की महिला को भाजपा की टिकट मिलती है तो वह अवश्य चुनावी मैदान में आएंगे ।

यही दावा पंजाबी समुदाय के नेता हर्षितदीप डूडेजा ने भी ठोका है उन्होंने कहा है कि वह इस चुनाव में अपने परिवार की महिला सदस्य को उतारेंगे।

पंजाबी  समुदाय से विशंभर अरोड़ा परिवार की महिला नगर परिषद की चेयरमैन रह चुकी मीना अरोड़ा और उनके परिवार से तीन बार नगर परिषद भी रह चुके हैं और वह स्वयं पार्षद रहे विशंभर अरोड़ा जो कि स्वयं भिवानी विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं ने भी इस श्रेणी के लिए अपनी पत्नी को उतारने का दावा ठोका है।

पूर्व में नगर पालिका अध्यक्ष रहे नंदलाल चावला की वर्तमान में पार्षद पुत्रवधू आशा चावला की इस दौड़ में शामिल है। राजपूत समाज से पूर्व में परिषद अध्यक्ष रहे भवानी प्रताप द्वारा भी दावा किया गया है कि उनके परिवार से महिला उम्मीदवार इस पद के लिए मैदान में उतरेगी।

जिला महिला भाजपा प्रधान बबिता तंवर द्वारा भी इस पद के लिए मजबूती से दावेदारी की जा रही है और वह भी इस मैदान में आ सकती है। राजपूत नेत्री रेखा राघव ने भी अपनी तेयारी शुरू कर दी है। पूर्व में परिषद के कार्यकारी प्रधान व पूर्व पार्षद रहे सुदामा तंवर द्वारा भी अपनी पत्नी को उतारने का दावा किया जा रहा है। पूर्व विधायक शंकर भारद्वाज की पत्नी कमला भारद्वाज भी अपनी दावेदारी पेश कर सकती है।

किरण चोधरी भी अपनी किसी समर्थक को चुनाव लड़ाने के लिए तैयारी में है। अग्रवाल समाज द्वारा भी इस मैदान में मजबूती से दावा किया जा रहा है कांग्रेसी नेता अशोक बूवानीवाला की धर्मपत्नी मीनू भी इस दौड़ में आने की प्रमुख संभावना बनी हुई है। वही ब्राह्मण समाज से इस पद के लिए कई दावेदारों के मैदान में आने की संभावना है पूर्व मंत्री वासुदेव शर्मा की पुत्र वधू की इस चुनाव में आने की चर्चाएं गर्म है वह पूर्व में विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी कांग्रेस नेत्री एडवोकेट कुसुम शर्मा व लगातार 6 योजनाओं से भिवानी के नगर पार्षद रहे बिल्लू बादशाह के परिवार से भी किसी महिला के आने की चर्चाएं बनी हुई है वहीं भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विरेंद्र कौशिक की धर्मपत्नी पुष्पा कौशिक द्वारा भी चुनावी मैदान में आने की ताल ठोकी गई है। पूर्व विधायक शंकर भारद्वाज की पत्नी कमला भारद्वाज भी अपनी दावेदारी पेश कर सकती है।

यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि इस चुनाव में कौन कौन भाग लेते हैं परंतु अभी चुनाव में लगभग 8 माह का समय बाकी है परंतु चुनावी बाजार की चर्चाएं अभी से गर्म है उपरोक्त नामों की चर्चा भी काफी गर्मी पैदा बनाए हुए है और यह तो निश्चित है कि यह चुनाव काफी रोचक और कड़ा होने वाला है क्योंकि इस चुनाव में जातीय समीकरण काफी हावी रहेंगे और लगभग हर जाति से दो-तीन उम्मीदवार आने की संभावना बनी हुई है और देखना होगा कि मैदान में कौन-कौन उम्मीदवार उतरते हैं परंतु कयास लगाए जा रहे हैं कि उपरोक्त उम्मीदवार अभी से अपनी गोटियां फिट करने में लगे हुए हैं   अगर पार्टियों के द्वारा सिंबल पर चुनाव लड़ा गया तो उम्मीदवार पार्टी टिकट लेने के लिए भी काफी प्रयास करेंगे।

यह तो भविष्य के गर्भ  में है कि किस पार्टी की टिकट किसको मिलेगी और कौन-कौन उम्मीदवार मैदान में आएंगे और कौन भिवानी का नगर परिषद चेयरमैन बनेगा परंतु चर्चाएं अभी से जारी है और आगे भी और तेज गति से चर्चाओं का बाजार गर्म होने की संभावना बनी हुई है

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