भिवानी/मुकेश वत्स एक तरफ भाजपा सरकार किसानों के लिए करोड़ों रूपयों की विकास परियोजनाएं लाकर किसानों को राहत पहुंचाने की बात कहती है, वही दूसरी तरफ देश का अन्नदाता अपने हकों व अधिकारों के लिए सडक़ों पर बैठने को मजबूर हैं। लेकिन न ही सरकार और न ही प्रशासन अन्नदाताओं की बात सुनने को तैयार हैं। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सात माह पहले दिल्ली बॉर्डर से शुरू हुए किसानों का धरना अभी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा तो वही गांव निमड़ीवाली के किसान हरियाणा बिजली वितरण निगम, पॉवर ग्रिड व जिला प्रशासन के तानाशाही रवैये के खिलाड़ी गांव निमड़ीवाली में धरने पर बैठे है। शुक्रवार को गांव निमड़ीवाली के किसानों के धरने को 9 दिन बीते चुके है। विभाग व प्रशासन अपने तानाशाही रवैये को छोडऩे को तैयार नहीं हैं। धरने पर बैठे किसानों का आरोप है कि उनके खेतों में जबरदस्ती बिजली के पोल लगाए जा रहे है तथा तार बिछाने का काम किया जा रहा है और इन सबके बावजूद किसानों को मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा। इस मौके पर धरने को संबोधित करते हुए कविता आर्या पातवान व भाकियु जिला प्रधान राकेश आर्य ने कहा कि टावरो के मुआवजे व ट्यूव्बैल कनेक्शन की मांग को लेकर 26 जून शनिवार को राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा तथा उसके बाद पंचकूला स्थित बिजली मुख्यायल का घेराव किया जाएगा। इसके लिए निमड़ीवाली से बस रवाना होगी। उन्होंने बताया कि इस दौरान निमड़वाली धरने की कमान बुजुर्ग व महिलाओं के हाथों में होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि एक तरफ तो सरकार किसानों के लिए करोड़ों रूपयों की विकास परियोजनाएं लाने का ढि़ंढ़ोरा पीटती है, वही दूसरी तरफ किसानों को अपने हकों से ही महरूम रखा जा रहा है तथा उनकी जमीन पर लगाए गए उपकरणों का मुआवजा तक उन्हे नहीं मिल रहा। इस मौके पर कविता आर्या पातवान ने कहा कि जिस किसान के खेत में टॉवर लगे है, उसे प्रति टॉवर 30 लाख रूपये और जिसके खेत से बिजली की लाईन जा रही है उसे प्रति एकड़ 25 लाख रूपये मुआवजा या प्रति माह का किराया दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे किसानों के हितों मेंं काम करने वाले मेघा पाटेकर तक किसानों की समस्याएं पहुंचाएंगी तथा जल्द किसानों की मांगें नहीं मानी तो जोरदार आंदोलन किया जाएगा। Post navigation बारहवीं का परिणाम निकालने की कवायद आशा एमडीएम एप व 2018 से बकाया मांगों को लेकर आशा वर्कर्स ने सीएमओ कार्यालय पर किया रोष प्रदर्शन, मिशन निदेशक को भेजा ज्ञापन